भारतीय फिल्म संगीत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान दिलायी पंचम दा ने : राजीव रंजन प्रसाद
आर डी बर्मन की जयंती पर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस की संगीतमय प्रस्तुति एक शाम पंचम के नाम
आरडी बर्मन ने भारतीय संगीत को नया आयाम दिया : रागिनी रंजन
भारतीय सिनेमा जगत में सबसे प्रमुख संगीत शक्तियों में शुमार थे पंचम दा : पवन सक्सेना
अमर संगीत एवं वर्तमान संगीत जगत में प्रेरणा के श्रोत है पंचम दा : श्वेता सुमन
हिंदी सिनेमा के क्रांतिकारी संगीतकारों में शुमार थे आर डी बर्मन : दीपक वर्मा
नयी दिल्ली, 28 जून ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) कला-संस्कृति
प्रकोष्ठ के सौजन्य से महान संगीतकार-पार्श्वगायक आर.डी.बर्मन की जयंती 27 जून के अवसर पर वर्चुअल संगीमय कार्यक्रम ‘एक शाम पंचम के नाम’ का आयोजन किया गया, जिसमें देश भर के कलाकारों ने पंचम दा को अपनी ओर से स्वर सुमन अर्पित किए और श्रोंताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्टीय प्रभारी दीपक वर्मा ने बताया कि राहुल देव वर्मन (आर:डी: बर्मन) की जयंती 27 जून के अवसर पर वर्चुअल संगीमय कार्यक्रम एक शाम पंचम के नाम का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को जीकेसी कला- संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव पवन सक्सेना और राष्ट्रीय सचिव श्रीमती श्वेता सुमन ने शानदार संचालन कर कार्यक्रम को यादगार बना दिया।उन्होंने बताया कि संगीतमय कार्यक्रम में देश भर के कई राज्य बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, सिक्किम, कर्नाटक, नयी दिल्ली के कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि हिंदी सिनेमा के क्रांतिकारी संगीतकारों में से एक आर डी बर्मन ने अपने संगीत और कला से सिर्फ देश ही नहीं पूरी दुनिया में भारतीय फिल्म संगीत को एक अलग पहचान दिलाई।
जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि राहुल देव बर्मन त्रिपुरा के राजसी खानदान से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता सचिन देव बर्मन हिंदी सिनेमा के अग्रणी संगीतकारों में से एक थे। राहुल देव वर्मन ने अपने काम के बदौलत अपनी खुद की पहचान बनायी। राहुल देव बर्मन को प्यार से पंचम दा कहकर बुलाते थे। पंचम दा ने लगातार तीन दशकों तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। उन्होंने अपने संगीत और कला से सिर्फ देश ही नहीं पूरी दुनिया में भार%A