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चरित्र अभिनेताओं की बढ़ती अहमियत के बदौलत भोजपुरी इंडस्‍ट्री में आया निखार

चरित्र अभिनेताओं की बढ़ती अहमियत के बदौलत भोजपुरी इंडस्‍ट्री में आया निखार

 

एक वक्‍त था – जब भोजपुरी फिल्‍मों के बारे में ये आम समझ थी कि हीरो के बदौलत ही इंडस्‍ट्री चल रही है। तब इस इंडस्‍ट्री में कथानक पर हीरो को ज्‍यादा तरजीह मिलती थी। उस वक्‍त फिल्‍म के अन्‍य कलाकारों को न तो सम्‍मान मिलता था और न ही दाम। तब निर्माता – निर्देशकों को लगता था कि फिल्‍म हीरो ही हिट करायेगा। और ज्‍यादा कुछ हुआ तो मांसल और द्विअर्थी संवाद फिल्‍म की नैया पार लगा देगी। लेकिन इन सब चीजों से भोजपुरी सिनेमा का स्‍तर लगातार गिरता गया और तकनीक के इस युग में दर्शक बॉलीवुड और अन्‍य इंडस्‍ट्री की फिल्‍मों की ओर देखने लगे।

भोजपुरी बॉक्‍स ऑफिस पर एक निराशा थी। तभी साल 2017 में एक फिल्‍म आयी ‘मेंहदी लगा के रखना’। यह वही फिल्‍म है, जिसे देख दर्शकों को लगा कि इस फिल्‍म में सभी कलाकारों की भूमिका महत्‍वपूर्ण थी। हीरो से ज्‍यादा इस सिनेमा में चरित्र अभिनेता फ्रंट फुट पर थे। इसका श्रेय भोजपुरी में अब तक विलेन के किरदार में नजर आने वाले अभिनेता अवधेश मिश्रा को जाता है। उन्‍होंने इस फिल्‍म से एक ऐसी परंपरा की शुरूआत कर दी, जहां हीरो से ज्‍यादा चरित्र अभिनेताओं को तरजीह मिलनी शुरू हो गई। उसके बाद डमरू, संघर्ष, विवाह जैसी कई फिल्‍मों ने कथानक की प्रधानता वाली फिल्‍मों का ट्रेंड सेट कर दिया। संयोग से इन सभी फिल्‍मों में भी अवधेश मिश्रा नजर आये। आज कथानक की प्रधानता वाली तमाम बड़ी फिल्‍मों में अवधेश मिश्रा नजर आते हैं। इसके अलावा सुशील सिंह, संजय पांडेय, देव सिंह, रोहित सिंह मटरू जैसे कई कलाकारों की इंडस्‍ट्री में पूछ बढ़ गई। अवधेश मिश्रा के पहले खलनायकों की कोई पहचान नहीं थी। मगर तब भी अवधेश मिश्रा ने ही खलनायकों को पहचान दी थी।

आज इंडस्‍ट्री परफॉर्मेंस बेस्‍ड फिल्‍मों पर टिक गई है। पहले हीरो ले लो और फिल्‍में बन गई। अब ऐसा नहीं है। आज 90 प्रतिशत फिल्‍में कथानक प्रधान बनने लगी हैं, जिसकी सराहना बड़े पैमाने पर भी हो रही है। ऐसी फिल्‍मों ने हताश हो चुके कलाकारों को नाम, पहचान और काम दिलाई। उन्‍हें अब उचित सम्‍मान और दाम भी मिल रहा है। कुछ प्रतिशत लोग आज भी हीरो में चिपके हैं, लेकिन दर्शकों ने अभिनेताओं वाली फिल्‍म को पसंद करना शुरू कर दिया है। अभिनेताओं की अहमियत बढ़ने के बाद अच्‍छी बात ये हुई कि भोजपुरी इंडस्‍ट्री के अभिनेताओं को दूसरी इंडस्ट्रियों में भी अच्‍छे काम मिलने लगे हैं, मगर आज तक किसी हीरो की पूछ दूसरे जगहों पर नहीं हुई है। अब भोजपुरी इंडस्‍ट्री भी परिपक्‍व अभिनेताओं की हो गई, क्‍योंकि दर्शकों को भी बासी चावल को तड़का लगा खाना पसंद नहीं है। अवधेश मिश्रा की ही एक फिल्‍म आ रही है – दोस्‍ताना, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि ऐसी फिल्‍में आज तक न बनी है और आगे 50 सालों तक न बनने वाली है।

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Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.

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