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बिहार में चिकित्सा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं :डॉ सुनीत रंजन

बिहार में चिकित्सा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं : डॉ सुनीत रंजन पटना 26 मार्च  :जाने माने हड्डी नस रोग, जोड़ प्रत्यारोपण एवं बाल विकास विशेषज्ञ डॉ सुनीत रंजन का कहना है कि बिहार में चिकित्सा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। आज के आर्थिक युग में चिकित्सा पेशा भी पूरी तरह से बाजारवाद के […]

बिहार में चिकित्सा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं : डॉ सुनीत रंजन

पटना 26 मार्च  :जाने माने हड्डी नस रोग, जोड़ प्रत्यारोपण एवं बाल विकास विशेषज्ञ डॉ सुनीत रंजन का कहना है कि बिहार में चिकित्सा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं।

आज के आर्थिक युग में चिकित्सा पेशा भी पूरी तरह से बाजारवाद के चपेट में आ गया है ऐसे दौर में किसान परिवार में जन्में युवा चिकित्सक डॉ सुनीत रंजन ने करोड़ों का पैकेज छोड़ बिहार की राजधानी पटना को अपना कार्यक्षेत्र बनाया है। डॉ सुनीत रंजन ने बताया कि बिहार में चिकित्सा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं है।यहां के मरीज देशभर में इलाज कराने जाते हैं।यदि उन्हें पटना में ही सस्ता और बेहतर पूरा इलाज उपलब्ध कराया जाए तो काफी सहूलियत होगी इसी को ध्यान में रखकर उन्होंने एक अभियान की शुरुआत की है। डॉ सुनीत बिहार के सुदूर गांव में भी मेडिकल कैंप करके लोगों के इलाज के लिए तत्पर रहते हैं।

डॉ सुनीत रंजन ने बाल विकलांगता पर शोध करने के बाद देश के अन्य प्रांत और विदेशों में नौकरी करने की अपेक्षा विहार को अपने कार्यक्षेत्र ही नहीं बनाया है बल्कि लोगों के दिल में भी जगह बनाई है। उनका मकसद पैसा कमाना नहीं बल्कि बिहार से बाल विक्लांगता को मिटाना है। श्री सुरेश सिंह और श्रीमती कृष्णा देवी के घर पुत्र रत्न के रूप में जन्मे डॉ सुनीत रंजन सीवान जिले के दरौंदा थाना अंतर्गत धनौती गांव के रहने वाले है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दरौदा तथा बाद की शिक्षा कॉलेज ऑफ कॉमर्स पटना में हुई।

उसके बाद इन्होंने मैसूर से एमबीबीएस , एम एस अर्थो गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज पटियाला से फैलोशिप मैक्स सुपर हॉस्पिटल नई दिल्ली से,कंजनाइटल स्पेशलिटी अनु हॉस्पिटल विजयवाडा से किया तत्पश्चात असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर पद्मावती मेडिकल कॉलेज तिरुपति से जुड़े। डॉ सुनीत रंजन ने बताया कि जन्मजात विकलांगता पर उन्होंने शोध किया है। एशिया का सबसे बड़ा हॉस्पिटल बालाजी हॉस्पिटल है जहां पर पूरे देश भर के मरीज जाते हैं। बिहार के मरीजों को वहां पर आने-जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इसी को ध्यान में रखकर 16 जनवरी 2019 को पटना के कंकड़बाग इलाके के मलाही पकड़ी चौक पर मैक्स केयर हॉस्पिटल की स्थापना की।

उन्होंने बताया बच्चों की हड्डी संबंधी रोग पर उन्होने शोध किया है और इसी को ध्यान में रखकर उन्होंने क्षेत्र निजी क्षेत्र में क्रांतिकारी शुरुआत के तौर पर पटना में खुद का हॉस्पिटल खुला है. जहां बेहतर इलाज की व्यवस्था भी न्यूनतम राशि खर्च पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि बच्चों में शारीरिक विकलांगता का उपचार संभव है यदि उन्हें सही समय पर इलाज के लिए लाया जाए उनके हॉस्पिटल में बाल विकलांगता हड्डी रोग संबंधी सभी प्रकार के रोगों का अत्याधुनिक तरीके से इलाज की पूरी व्यवस्था है गरीब और लाचार मरीजों के लिए इनके यहां विशेष व्यवस्था हैं।

मध्यम वर्गीय परिवार से आने के कारण उन्होंने आम जनजीवन में महसूस किया है कि एक चिकित्सक का दायित्व केवल पैसा कमाना ही नहीं समाज सेवा करना भी है। यहां का अनुभव काफी मार्मिक हैं जिनके पास इलाज व दवा का पैसा नहीं होता है लेकिन ये अपने तरफ से उनके इलाज की व्यवस्था करते हैं उन्हें काफी सुकून मिलता है. .

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martin

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