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फिल्‍म ‘संघर्ष’ के इस अभिनेता को किसी भी दायरे से बाहर रहकर काम करना है पसंद

BHOJPURI MEDIA ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18 किसी दायरे में बंधकर काम करने से है तौबा : देव सिंह भोजपुरी सिनेमा स्क्रीन पर विलेन के रूप में अपना नाम दर्ज करा चुके देव सिंह को किसी भी तरह के दायरे में रह कर काम करना पसंद नहीं है। वे उन फिल्मों में काम करना चाहते हैं, जिनका स्तर […]

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ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18

किसी दायरे में बंधकर काम करने से है तौबा : देव सिंह

भोजपुरी सिनेमा स्क्रीन पर विलेन के रूप में अपना नाम दर्ज करा चुके देव सिंह को किसी भी तरह के दायरे में रह कर काम करना पसंद नहीं है। वे उन फिल्मों में काम करना चाहते हैं, जिनका स्तर उम्दा हो। कहानियां अच्छी हो और उसको प्रजेंटेशन अलग हो। उनकी ऐसी ही एक फ़िल्म 24 अगस्त को रिलीज हुई है, जिसका नाम ‘संघर्ष’  है। इस फ़िल्म ने अब तक जो सफलता हासिल की है, वो काबिलेतारीफ है। पहली बार कोई भोजपुरी फ़िल्म मल्टीप्लेक्स में दिख रही है और उसके शोज हाउसफुल चल रहे हैं।

फ़िल्म को मिली इस कामयाबी से खुश देव सिंह का कहना है कि भोजपुरी इंडस्ट्री में बदलाव की जो बयार बही थी, अब वो नज़र आने लगी है। इसका सबसे बढ़िया उदाहरण ‘संघर्ष’ है, जो आज मास के साथ – साथ क्लास को भी पसंद आ रही है। उन्होंने खास तौर पर कहा कि ‘संघर्ष’ देख कर उन लोगों को भोजपुरी सिनेमा पर नाज होगा, जो अच्छी भोजपुरी फिल्में देखना चाहते थे। यह फ़िल्म पूरी तरह से सामाजिक फ़िल्म है। यह उस पिता के सपनों की कहानी है,जिन्हें अपनी बेटी की भविष्य की चिंता है। जो अपनी बेटी को सशक्त बनाना चाहते हैं। उन्हें आगे बढ़ना चाहते हैं।

देव ने कहा कि फ़िल्म ‘संघर्ष’ ने ये जाहिर कर दिया है कि अगर फिल्मों को मल्टीप्लेक्स में रिलीज करना है, तो कंटेंट अच्छी रखनी होगी। तभी दर्शक आपको देखने के लिए आएंगे। ‘संघर्ष’ ने भोजपुरी फ़िल्म निर्माताओं के लिए एक ट्रेंड सेट कर दिया है। अब अश्लीलता जैसी चीजों की भोजपुरी इंडस्ट्री में कोई जगह नही है। शुरुआत हो चुकी है। उम्मीद है आगे भी अच्छी अच्छी फिल्में आएंगी और भोजपुरी का भी खोया सम्मान वापस लौटेगा।

उन्होंने फिल्म ‘संघर्ष’ में अपने किरदार को लेकर कहा कि फ़िल्म में मेरा किरदार शॉकिंग है। एक एक्टर के नाते मेरे लिए मेरा किरदार अहम है, जिसे जीने की मैं भरपूर कोशिश करता हूँ। यही वजह है कि मैं लगातार अपनी फिल्मों में अलग – अलग किरादर में नज़र आता हूँ। ‘संघर्ष’ मेरे लिए चुनौती पूर्ण था, क्योंकि इस फ़िल्म में मैंने कॉलेज बॉय की भूमिका की है, जिसमें मुझे अपनी उम्र से कम दिखना था। इसे मैंने प्रूफ किया। देव सिंह ने खुद को एकलव्य और अवधेश मिश्रा को गुरु द्रोण बताया।

उन्होंने कहा कि जब फ़िल्म की कास्ट अच्छी हो तो आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है और फिल्में भी अच्छी बनती है। ये भोजपुरी सिनेमा के हित में भी है और कई ऐसे डायरेक्टर प्रोड्यूसर इस काम को आज कर रहे हैं। एक अभिनेता के तौर पर मैं अपनी परफॉर्मेंस को तवज्जो देता हूँ, क्योंकि अन्ततः अभिनय ही आपकी पहचान है और यही आपको दर्शकों दे दिलों में जिंदा रखता है। एक कलाकार के लिए उसका अभिनय और उसका मार्गदर्शन करने वाला अनुभवी डायरेक्टर की जरूरत काफी होती है।

‘संघर्ष’ के हवाले से देव सिंह ने कहा कि इस फ़िल्म की सफलता भोजपुरी इंडसटी को ट्रैक पर ले आयी है। वहीं, अश्लीलता के बारे में कहा कि ‘संघर्ष’ देख लीजिए, पता चल जाएगा कि भोजपुरी फिल्मों का स्टैंडर्ड क्या है? जहां तक बात रही अश्लील गानों का तो वो फिल्मो में नहीं होती है। वो अलबम में होती है, जो गलत है। इसके लिए देव सिंह ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इन अलबम पर राज्य सरकार की ओर से ठोस कदम लेने की जरूरत है। उन्हें बिहार सरकार से भी शिकायत है कि भोजपुरी यहां की भाषा है, मगर इसके लिए राज्य सरकार कुछ भी नहीं कर रही है। जबकि यूपी झारखंड मुंबई सरकार फिल्मों को आज सब्सिडी देती है। मगर ये बिहार में नहीं मिलता। इसलिए भोजपुरी मेकरों को परेशानी आती है।

उन्होंने फिल्म ‘संघर्ष’ के डायरेक्टर पराग पाटिल के बारे में कहा कि वे उनके साथ पहले ‘प्रशासन’ फिल्‍म में काम  कर चुके हैं और अब यह उनकी दूसरी फिल्म है, जिसमें उन्होंने काम किया है। वे काफी अच्छे डायरेक्टर है। वे काफी मेहनती भी हैं। जहां तक बात रत्नाकर कुमार की है तो उनके जैसे प्रोड्यूसर ही ‘संघर्ष’ जैसी फिल्में बनाते है और भोजपुरी के स्तर को आज तक बचाकर रखा हुआ है। वे काफी सुलझे हए इंसान है और अपने काम के प्रति डेडिकेटेड और कंसीटेंट हैं। उनके कारण ही ‘संघर्ष’ आज पीवीआर तक पहुंची है।

देव सिंह ने लोगों से फिल्‍म ‘संघर्ष’ देखने की अपील की और अपनी आने वाली फिल्‍मों के बारे में भी बताया। उन्‍होंने बताया कि इक़बाल बक्श की ‘लोहा पहलवान’, रजनीश मिश्रा की ‘राज तिलक’  देव पांडेय की ‘नाग देव’, अरुण राज की ‘स्पेशल एनकाउंटर’, राजू जी की ‘मेरी जंग’ और शिव जीत की ‘यारा तेरी यारी’ उनके अपकिंमिंग फिल्‍में हैं। इसके अलावा पूर्व क्रिकेटर सह सांसद कीर्ति आजाद के साथ योगी जी हिंदी फिल्म किरकेट, कान्स की रेड कार्पेट पर जलवा बिखेर चुकी फ़िल्म जिहाद और जन्नते इश्क़ के अलावा भी कई फिल्में आने वाली हैं।

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