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एडुटेनमेंट शो MKBKSH ने पांच वर्षों के भीतर पूरा किया अपना तीसरा सीज़न

एडुटेनमेंट शो MKBKSH ने पांच वर्षों के भीतर पूरा किया अपना तीसरा सीज़न

दूरदर्शन के प्रमुख एडुटेनमेंट शो में से एक ‘मैं कुछ भी कर सकती हूँ’(MKBKSH) ने हाल ही में पांच वर्षों के भीतर अपने तीन सीजन के दौरान 183  एपिसोड पूरे कर लिए हैं। यह शो लैंगिक समानता, परिवार नियोजन, हिंसा तथा युवा यौन और प्रजनन स्वास्थ्य जैसे वर्जित विषयों पर बातचीत शुरू करने में सफल रहा है। शो का निर्माण राष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया(PFI) द्वारा किया गया है। सीज़न 3 में, इसने सरकार के फोकस के दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों को उठाया, बेहतर स्वास्थ्य के लिए साफ-सफाई और स्वच्छता को बढ़ावा देना और दंपत्ति व युवाओं को उनके प्रजनन स्वास्थ्य और परिवार नियोजन से संबंधित विकल्प अपनाने के लिए सशक्त बनाना।

शो को दूरदर्शन के राष्ट्रीय और 14 क्षेत्रीय चैनलों और देशभर के 216 ऑल इंडिया रेडियो स्टेशनों के माध्यम से हिंदी और 12 भाषाओं में प्रसारित किया गया। तीन सीजन में, दर्शकों से 20 लाख से अधिक कॉल शो के इंटरैक्टिव वॉइस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) को मिले। इस शो के प्रभावों का मूल्यांकन स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा किया गया है। परिणाम बताते हैं कि शो देखने के बाद, घरेलू हिंसा को स्वीकार्य बताने वाले पुरुषों का प्रतिशत 66% से घट कर 44% हो गया। शो देखने के बाद, कम उम्र के विवाह के दुष्परिणामों को समझने वाले पुरुषों का प्रतिशत 2% से बढ़कर 31% हो गया। शो के आधे दर्शकों ने बताया कि उन्हें इस शो से पहली बार परिवार नियोजन के बारे में जानकारी मिली है।

शो की नायिका डॉ स्नेहा माथुर की रील लाइफ, जिसमें वो प्रतिगामी सामाजिक मानदंडों के खिलाफ लड़ाई लड़ती है, से प्रेरित कई वास्तविक जीवन की कहानियों में शो का प्रभाव दिखता है। मध्य प्रदेश के नयागांव के २१ वर्षीय लाडकुंवर कुशवाहा कॉलेज से स्नातक करने वाली गाँव की पहली लड़की बनी। इस कार्यक्रम ने मध्य प्रदेश के छतरपुर में पुरुषों के एक समूह को परिवार नियोजन अपनाने और अपनी पत्नी के साथ घर की जिम्मेदारियों को साझा करने के लिए प्रेरित किया। बिहार में गया की निरमा देवी ने अपने पति को परिवार नियोजन अपनाने के लिए राजी किया और अब अपने समुदाय में वो परिवार नियोजन चैंपियन बन गई हैं।

शो के निर्माता, प्रसिद्ध फिल्म और थिएटर निर्देशक फिरोज अब्बास खान कहते हैं, “जब मैंने पांच साल पहले शो का कॉन्सेप्ट लिखा था, तो इन पांच सालों में हमने जिस तरह के प्रभाव को देखा है, उसकी मैं कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था। मैं एक उच्च गुणवत्ता वाला शो बनाना चाहता था जो बिना प्रचार के महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर प्रभावी ढंग से संवाद कर सके। तीन सत्रों के दौरान, मैं कुछ भी कर सकती हूँ पूरे भारत में महिलाओं के लिए एक सशक्त नारा बन गया है। इससे मुझे बहुत खुशी मिलती है कि शो के पात्र घरेलू नाम बन गए हैं और लोगों ने शो के संदेश और भावना को आत्मसात कर लिया है।”

पीएफआई की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा कहती हैं, ” विश्व स्तर पर माना जाता है कि सिर्फ सूचना से व्यक्ति या समुदाय के स्तर पर व्यवहार में बदलाव नहीं आता है। हमने इस शो को एक ऐसे एडुटेनमेंट कार्यक्रम के तौर पर बनाया, जो बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंच कर सकारात्मक भूमिका के माध्यम से लोगों के जीवन की कहानियों को बदल दे। पूर्वाग्रहों और प्रतिगामी मानदंडों के खिलाफ होने के बावजूद, इस शो ने भारी संख्या में दर्शकों से लोकप्रियता हासिल की है। इस यात्रा में, हमें दूरदर्शन का पूरा समर्थन मिला है, जिन्होंने एक ऐसे शो की आवश्यकता को पहचाना और इसे देश के सबसे दूरस्थ हिस्सों में ले जाने में हमारा समर्थन किया। ये शो सोशल मीडिया, आईवीआरएस और अब शो के फेसबुक पेज पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित चैटबोट जैसे ट्रांसमीडिया एक्सटेंशन का उपयोग करता है। चैटबोट युवाओं को एक सुरक्षित और अनाम तरीके से यौन और प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों पर जानकारी लेने और चर्चा करने की अनुमति देता है।”

इस शो को शबाना आजमी, शर्मिला टैगोर, सोहा अली खान और फरहान अख्तर सहित शीर्ष फिल्म हस्तियों ने समर्थन दिया है। तीन सत्रों के दौरान इस शो ने कई ऐसे मुद्दों को उठाया है, जिसे आमतौर पर टीवी धारावाहिक बचते है, जैसे मासिक धर्म, हस्तमैथुन और गर्भनिरोधक उपाय। शो के पहले सीज़न में 52 एपिसोड शामिल थे, जिसमें बाल विवाह, जन्म के समय लिंग चयन और लैंगिक भेदभाव जैसे मुद्दे थे। 79 एपिसोड का दूसरा सीज़न युवाओं और किशोरों पर केंद्रित था। तीसरा सीज़न स्वच्छता और परिवार नियोजन जैसे मुद्दों पर बात करता है और हाल ही में इसके 52 एपिसोड पूरे हुए है। शो के तीसरे सीज़न का निर्माण आरईसी फाउंडेशन और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के सहयोग से किया गया था। पहले 104 एपिसोड डीएफआईडी (यूके डिपार्टमेन्ट फॉर इन्टरनेशनल डेवलपमेंट) द्वारा समर्थित थे और बीएमजीएफ ने सीजन 2 के 27 एपिसोड का समर्थन किया था।

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Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.

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