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पार्श्वगायन के क्षेत्र में खास पहचान बना चुकी है  प्रिया मल्लिक

BHOJPURI MEDIA. ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18 पार्श्वगायन के क्षेत्र में खास पहचान बना चुकी है  प्रिया मल्लिक आज बादलों ने फिर साज़िश की     जहाँ मेरा घर था वहीं बारिश की     अगर फलक को जिद है ,बिजलियाँ गिराने की     तो हमें भी ज़िद है ,वहीं पर आशियाँ बनाने की पटना 01 अगस्त सिगिंग रियलिटी […]

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ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18

पार्श्वगायन के क्षेत्र में खास पहचान बना चुकी है  प्रिया मल्लिक

आज बादलों ने फिर साज़िश की
    जहाँ मेरा घर था वहीं बारिश की
    अगर फलक को जिद है ,बिजलियाँ गिराने की
    तो हमें भी ज़िद है ,वहीं पर आशियाँ बनाने की

पटना 01 अगस्त सिगिंग रियलिटी शो ओम शांति ओम की रनरअप रही प्रिया मल्लिक आज के दौर में पार्श्वगायन के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना चुकी है। उनकी ज़िन्दगी संघर्ष, चुनौतियों और कामयाबी का एक ऐसा सफ़रनामा है, जो अदम्य साहस का इतिहास बयां करता है। प्रिया मल्लिक  ने अपने करियर के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया और हर मोर्चे पर कामयाबी का परचम लहराया।
दुनिया के सबसे बेहतरीन और मशहूर लोग वो होते है जिनकी अपनी एक अदा होती है…. वो अदा जो किसी की नक़ल करने से नही आती… वो अदा जो उनके साथ जन्म लेती है…!! प्रिया मल्लिक की शख्सियत भी कुछ ऐसी ही है। बिहारी की राजधानी पटना में जन्मी प्रिया मल्लिक के पिता श्री भारत भूषण मल्लिक और मां श्रीमती समता मल्लिक ने घर की लाडली बड़ी बेटी को अपनी राह खुद चुनने की आजादी दी थी। स्वर कोकिला लता मंगेशकर से प्रभावित होने की वजह से प्रिया पार्श्वगायन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना चाहती थी।

मूल रूप से सुपौल की रहने वाली प्रिया मल्लिक ने सिंगिंग शो इंडियन आइडियल  ,सारेगामापा और कराओके ,सहित कई सिंगिंग रियालटी शो में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाया है।प्रिया मल्लिक जब वह महज पांच साल की उम्र की थी तभी उन्हें संगीत से जुड़ाव हो गया। प्रिया ने पिता से संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी। सुपौल में  संसाधन के अभाव में पिता के साथ पटना आ गयी। इसके बाद प्रिया को वर्ष 2007 में राज्य स्तरीय संगीत प्रतियोगिता सुर संगीत में हिस्सा लेने का अवसर मिला लेकिन बात नही बनी। इसी दौरान प्रिया को संगीतज्ञ विजय सिंह के सानिध्य में आने का अवसर मिला और उनसे शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी जो आज भी जारी है।

   जुनूँ है ज़हन में तो हौसले तलाश करो
        मिसाले-आबे-रवाँ रास्ते तलाश करो
        ये इज़्तराब रगों में बहुत ज़रूरी है
        उठो सफ़र के नए सिलसिले तलाश करो

प्रिया ने  बताया कि बतौर गायिका अपने सपने को साकार करने के लिये उन्होंने प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से संगीत के क्षेत्र में छह वर्षीय कोर्स पूरा किया है। प्रिया ने बताया कि इस वर्ष उन्हें सिंगिग रियलिटी शो ओम शांति ओम में शिरकत करने का अवसर मिला और वह उपविजेता बन गयी। प्रिया ने बताया कि रियलिटी शो के दौरान जब उन्होंने भजन सम्राट अनूप जलोटा का गाया भजन , “ऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन  गाया तो सोनाक्षी सिन्हा मंत्रमुग्ध हो गयी हो गयी और उन्हें पटना की फुलझरी नाम दिया। सोनाक्षी सिन्हा ने संगीतकार जोड़ी सचिन-जिगर से कहा कि जब कभी वह उनके लिये संगीत तैयार करे प्रिया उनकी आवाज बने।

खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है,
        जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है,
        लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ,
        जितनी गहराई अन्दर है, बाहर उतना तूफ़ान बाकी है…

प्रिया ने बताया कि भले ही उन्हें शास्त्रीय संगीत में शिक्षा ली है लेकिन वह हर जॉनर के गाना गाना चाहती है। प्रिया ने बताया कि एक सिंगर के रूप में मेरे लिए लैंग्वेज कोई बैरियर नहीं रही। मैं तो बस हर लैंग्वेज और हर जॉनर में गाना चाहती हूँ।मुझे लगता है कि एक गायक कलाकार के रुप में भाषा कोई बंधन नहीं होती। मैं तो सूफी, रोमांटिक, क्लासिकल सभी तरह के गाने गाना चाहती हूँ।यह सच है कि मैने अभी तक संगीत कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत पर आधारित गाने ही गाये हैं लेकिन ऐसा नही कि मैं सिर्फ इस तरह के गाने ही गाऊंगी। मुझे गजल सुनना बहुत पसंद है। मौका मिलता है तो कभी कभी गजलें सुनती हूँ।

शास्त्रीय संगीत को पसंद करने वाली प्रिया का कहना है कि  “संगीत एक साधना है। संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए कोई ‘शॉर्टकट’ नहीं हो सकता।”   प्रिया ने बताया कि वह आज जो कुछ भी है अपने मां और पिता की वजह से पहुंची है। मेरी मां ने मेरे लिये काफी अथक परिश्रम किया है।उन्होने अपना जमा जमाया ब्यूटी पार्लर व्यवसाय को छोड़ दिया और मुझे हर मंच पर ले गयी।प्रिया के पिता भारत भूषण मल्लिक और मां समता मल्लिक ने बताया कि उनकी इच्छा प्रिया को संगीत के क्षेत्र में बहुत ऊंचाई पर देखने की है। भले ही प्रिया ओम शांति ओम की विनर नहीं बन पाई हों, लेकिन इस प्रतियोगिता से उसकी पहचान बढ़ी है। उसके प्रशंसकों की संख्या में इजाफा हुआ है।हमारी  इच्छा है कि  प्रिया इसी तरह बिहार और अपने देश का नाम रौशन करे।

 

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