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Priya Mallick को मिला Mahadevi Verma सम्मान

प्रिया मल्लिक को मिला महादेवी वर्मा सम्मान
प्रिया मल्लिक को मिला महादेवी वर्मा सम्मान

प्रिया मल्लिक को मिला महादेवी वर्मा सम्मान

पटना, 01 अप्रैल ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) के सौजन्य से महान कवियत्री और सुविख्यात लेखिका महादेवी वर्मा की जयंती 26 मार्च के अवसर पर पार्श्वगायिका प्रिया मल्लिक को महादेवी वर्मा सम्मान से सम्मानित किया किया गया।

जीकेसी के सौजन्य से राजधानी पटना के भारतीय नृत्य कला मंदिर में महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर पार्श्वगायन के क्षेत्र में उल्लेखनीय देने के लिये प्रिया मल्लिक को महादेवी वर्मा सम्मान से सम्मानित किया गया। प्रिया मल्लिक जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजीव रंजन प्रसाद और जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन के प्रति आभार प्रकट करती हैं जिन्होंने इतने बड़े स्तर पर महादेवी वर्मा सम्मान का आयोजन किया और उन्हें सम्मान से नवाजा।

टीवी सिंगिंग रियलिटी शो ‘ओम शांति ओम’ से लोकप्रियता हासिल करने वाली प्रिया मुंबई में रहकर फिल्मों में पार्श्व गायन तथा देश दुनिया के मंचों से अपने दमदार परफॉर्मेंस के लिए जानी जाती है। लगातार बिहारी लोक गीतों को नए संगीत तथा नए अंदाज़ में प्रस्तुत करने के कारण उन्होंने सोशल मीडिया तथा विश्व के जाने-माने ऑडियो ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर लाखों की संख्या फॉलोअर्स बनाए हैं।

संगीत की दुनिया के जाने-माने संगीतकारों तथा गायकों के साथ प्रिया के गाने सभी प्लेटफार्म पर सुनने के लिए उपलब्ध है।  देश के प्रतिष्ठित म्यूजिक कंपनियों द्वारा उनके कुछ रिलीज गाने हैं- ‘आज अयोध्या में उत्सव निराला'(सह गायक- भजन सम्राट अनूप जलोटा), ‘ए पहुना यही मिथिले में रहू ना’, ‘श्री गणेश आरती’, ‘आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया’, ‘जय हो खाटू श्याम की’, ‘अरजी अरजी भोला’, ‘बी स्ट्रांग'(सह गायक- जसबीर जस्सी), ‘राधा कृष्ण कीर्तन’, ‘श्री दुर्गा कवच’।पॉप हो चाहे जैज़ हो चाहे ईडीएम या फिर भारतीय शास्त्रीय संगीत; संगीत के विद्यार्थी के रूप में प्रिया मल्लिक ने गायन की हर विधा पर अपनी पकड़ बनाई है। संगीत की विधिवत शिक्षा उन्होंने जयपुर घराने से प्राप्त की है।अपने व्यक्तित्व में संस्कार भी और स्वैग भी की मान्यता के साथ भारतीय लोक संगीत एवं सुगम संगीत दोनों को युवा पीढ़ी में एक नए अंदाज़ में प्रस्तुत करने के कारण देश की जानी-मानी संस्थाओं ने प्रिया को सम्मानित किया है। कई सिंगिंग रियलिटी शो की विजेता रह चुकी प्रिया को सरस्वती बाई दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, मराठी गुजराती, मैथिली,भोजपुरी, पंजाबी सहित कई भाषाओं में प्रिया ने अपनी आवाज़ दी है। प्रिया मल्लिक मूल रूप से बिहार के सुपौल की रहने वाली हैं। सिंगिंग शो इंडियन आइडियल ,सारेगामापा और कराओके ,सहित कई सिंगिंग रियालटी शो में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखा चुकी प्रिया मल्लिक सुपौल में संसाधन के अभाव में प्रिया मल्लिक पिता के साथ पटना आ गयी। इसी दौरान प्रिया को संगीतज्ञ विजय सिंह के सानिध्य में आने का अवसर मिला और उनसे उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी जो आज भी जारी है। प्रिया मल्लिक ने प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से संगीत के क्षेत्र में छह वर्षीय कोर्स पूरा किया है। प्रिया ने बताया कि भले ही उन्होंने शास्त्रीय संगीत में शिक्षा ली है लेकिन वह हर जॉनर के गाने गाती है। प्रिया ने बताया कि एक सिंगर के रूप में मेरे लिए लैंग्वेज कोई बैरियर नहीं रही। मैं तो बस हर लैंग्वेज और हर जॉनर में गाना चाहती हूँ।मुझे लगता है कि एक गायक कलाकार के रुप में भाषा कोई बंधन नहीं होती। मुझे गजल सुनना बहुत पसंद है। मौका मिलता है तो कभी कभी गजलें सुनती हूँ।

प्रिया ने बताया कि वह आज जो कुछ भी है अपने मां और पिता की वजह से पहुंची है। मेरी मां समता मल्लिक ने मेरे लिये काफी अथक परिश्रम किया है।उन्होने अपना जमा जमाया ब्यूटी पार्लर व्यवसाय को छोड़ दिया और मुझे हर मंच पर ले गयी।

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Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.

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