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बच्चों के समग्र विकास के लिए स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान देने की जरूरत : राजीव रंजन प्रसाद

बच्चों के समग्र विकास के लिए स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान देने की जरूरत : राजीव रंजन प्रसाद
बच्चों के समग्र विकास के लिए स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान देने की जरूरत : राजीव रंजन प्रसाद

बच्चों के समग्र विकास के लिए स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान देने की जरूरत : राजीव रंजन प्रसाद

नैतिक मूल्यों को जानने से बच्चों के चरित्र का निर्माण : राजीव रंजन प्रसाद

जीकेसी के सौजन्य से समृद्ध सत्र माइंडमूवर्स का आयोजन

नयी दिल्ली पटना, 05 जुलाई ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) शिक्षा प्रकोष्ठ के सौजन्य से बाल शिक्षा और बच्चों के पालन-पोषण पर आधारित समृद्ध सत्र माइंडमूवर्स का आयोजन किया गया।

कार्यशाला का आयोजन शिक्षा एवं प्रशिक्षण के वैश्विक अध्यक्ष श्री दीपक कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में दिल्ली राज्य की शिक्षा एवं प्रशिक्षण की अध्यक्ष श्रीमती सुतापा दत्ता द्वारा किया गया।दीपक कुमार वर्मा ने बताया कि कार्यशाला के पहले भाग में ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान बच्चों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों और माता-पिता की चुनौतियों के हिस्से के रूप में सुतापा दत्ता द्वारा चर्चा किए गए विभिन्न बिंदुओं पर बात की गई।शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक ज्ञान के साथ वक्ताओं से भरा हुआ और दिमागी जीवन, सत्र बहुत प्रभावी ढंग से उन सभी वास्तविक समय की बाधाओं को दर्शाता है, जो कोविड की चपेट में आने के कारण, माता-पिता और बच्चों दोनों को दैनिक आधार पर जीवन शैली में बदलाव के कारण सामना करना पड़ रहा है। सत्र ऐसी चुनौतियों पर काबू पाने के तरीकों से भरा था और बातचीत, योग और ध्यान तकनीकों के.माध्यम से जीवन में आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम होने के लिए किसी के मन को शांत करता है।

सत्र को संबोधित करते हुए, जीकेसी के वैश्विक अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, कम उम्र में दयालुता, विनम्रता, साहस और करुणा जैसे अच्छे नैतिक मूल्यों को जानने से बच्चे के चरित्र का निर्माण होता है। साथ ही यह हमारी अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि हम समग्र विकास के लिए बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण पर नजर रखें। आज की दुनिया में जहां अधिकांश कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाती हैं, एक बच्चा पूरे दिन एक कमरे में कैद रहता है। बच्चे सामाजिक,भावनात्मक और सीखने के मुद्दों से जूझ रहे हैं।आज की कार्यशाला ऐसे मुद्दों को संभालने के लिए कुछ अनुकूल समाधान प्रदान करने का प्रयास करेगी।

सुश्री छाया चंद्रा, जो आर्ट ऑफ लिविंग के हैप्पीनेस कार्यक्रम की शिक्षिका और जीवन प्रशिक्षक हैं, ने अपने प्रारंभिक वर्षों के दौरान एक बच्चे के समग्र मानसिक और शारीरिक कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया। छाया द्वारा दीपक कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में प्रतिभागियों के बीच एक बहुत ही इंटरैक्टिव फन-बेस्ड क्विज का आयोजन किया गया। क्विज से अभिभावक व बच्चे उत्साहित नजर आए।

कार्यशाला का मध्य भाग योग और जीवन शैली कोच सुश्री चित्रा रुजस्ट द्वारा लिया गया था, जो कॉरपोरेट्स के लिए आयुष प्रमाणित योग प्रशिक्षक हैं। उन्होंने दिखाया कि कुर्सी पर बैठकर हाथों से योग करके खुद को कैसे तनावमुक्त किया जाए। सांस लेने की कुछ तकनीकें भी दिखाई गईं। प्रतिभागियों ने लघु निर्देशित ध्यान के साथ इन सभी तकनीकों का अभ्यास किया।सत्र के अंत में, हमारे पूर्व राष्ट्रपति श्री अब्दुल कलाम पर आधारित सफलता और असफलता पर नेतृत्व के बारे में एक लघु और प्यारी फिल्म प्रेरणा के हिस्से के रूप में दिखाई गई।कार्यशाला के अंत तक प्रतिभागियों में उत्साह देखा गया।जीकेसी ऐसी और भी शैक्षिक, मनोरंजक कार्यशालाओं की मेजबानी करना चाहेगी जहां भविष्य में पूरा परिवार एक साथ जुड़ सके, यह ध्यान में रखते हुए कि वे हर बार कुछ नया सीखते हैं।

About the author

Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.

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