सड़कों के लावारिश जानवरों के लिए मोनू बन रहे हैं मसीहा
रोज खिला रहे हैं सड़कों पर घूम घूम कर खाना दूध, केला और रोटी मिलाकर बनाते हैं भोजन गाय और कुतों को देते हैं भोजन, कई टीम है साथ में
पटना। एक तरफ गरीब असहाय और दिहाड़ी मजदूरों के खाने के प्रबंधों में सभी लोग लगे हैं। इनके खाने के लिए कई सामाजिक संगठन, सरकार सहित हर तपके के लोग लगे हुए हैं। वहीं सड़क पर लावारिस जानवरों के लिए बहुत कम ही लोग आगे आते हैं। इस संकट की घड़ी में मोनू रंजन की टीम शहर के अलग-अलग इलाकों में लावारिस जानवरों के लिए भोजन उपलब्ध करा रही है। उनकी टीम ने जिला प्रशासन से अनुमति प्राप्त कर शहर के अलग-अलग इलाकों लावारिस जानवरों को शाम 4 बजे से रात 9:00 बजे तक खाना खिलाते हुए सड़कों पर दिख जाएंगे जाएंगे दिख जाएंगे जाएंगे।
मोनू रंजन पेशे से एक शारीरिक प्रशिक्षक हैं। वे बताते हैं कि इस लॉक डॉन की स्थिति में सड़क पर लावारिस जंतु भूख से दरबदर घूम रहे हैं, जिनको देखकर मेरे अंदर एक दया की भावना जागृत हुई। कुछ कर गुजरने की राह सूझी। इसके बाद मैं पिछले 22/03/2020 तारीख से लगातार जानवरों को खाना खिला रहा हूँ। पहले 80 लावारिस कुत्तों को खाना खिला रहा था। हमने लगभग तीन हजार से अधिक की संख्या में पूरे पटना में लावारिस जंतुओं के लिए खाना बांट रहा हूं।
इसमें 200-250 की संख्या में गाय को भी खाना दिया जा रहा है। गाय का स्पेशली भोजन गुड वाला रोटी एवं खिचड़ी एवं कुत्तों के(2800)लिए दूध रोटी ब्रेड और केला मिक्स करके दिया जा रहा है। साथ ही वे आम लोगों से अपील करते हैं कि आपको जब कभी भी मौका मिले इस लॉक डॉन की स्थिति में तो इन बेसहाय जंतुओं की मदद जरूर करें।मेरा छात्र अभिषेक कुमार आनंद, शिवम वर्मा, रोहित रॉय, रतन कुमार, ओम प्रकाश, कन्हैया कुमार, शिवम सिंहऔर एवं पिअंश, अभिनंदन कुमार लगे हैं।
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