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श्रेष्ठ माता – पिता वही हैं जो समयानुसार बच्चों को प्रेम करें : आराधना चतुर्वेदी

श्रेष्ठ माता – पिता वही हैं जो समयानुसार बच्चों को प्रेम करें : आराधना चतुर्वेदी

मुजफ्फरपुर/बंदरा : प्रखंड क्षेत्र के शिवशक्ति धाम बरियारपुर मोहनपुर में चल रही श्रीशिवमहापुराण की कथा पंचम दिवस भी जारी रही। काशी की पवित्र धरा से पधारीं कथावाचिका बाल व्यास आराधना चतुर्वेदी ने भगवान कार्तिकेय व गणेश की जन्म कथा सुनाते हुए बताया कि जब जब असुरों का उत्पात बढ़ता है तब तब धर्म की रक्षा व अधर्म के नाश के लिए भगवान अवतरित होते हैं। तारकासुर का वध करने के लिए शिव के पुत्र रूप में कार्तिकेय आये । यद्यपि संतान से बहुत स्नेह होता है माता – पिता का परन्तु श्रेष्ठ माता – पिता वही हैं जो समयानुसार बच्चों को प्रेम करें तो गलती करने पर समझाएं व शिक्षा दें। कथा से पूर्व नूनफारा पंचायत की मुखिया फूल कुमारी ने बाल व्यास को अंगवस्त्र, पाग एवं माल्यर्पण कर सम्मानित किया साथ ही साथ मुखिया पति रामसकल राम ने कलाकारों एवं अन्य लोगो को अंगवस्त्र एवं माल्यर्पण कर सम्मानित किया वही धर्मादा कमिटी के अध्यक्ष विमल कुमार सिंह को अंगवस्त्र से सम्मानित किया।

उन्होंने कहा कि देवाधिदेव महादेव ने भी गणेश भगवान को समझाया परंतु जब वो नहीं माने तो उनका मस्तक काट दिया। और बाद में गज का मस्तक जोड़ा और गणेश जी गजबदन कहाये। व्यास जी ने बताया कि गणेश जी बुद्धि के दाता हैं और उनकी पूजा से विघ्नों का नाश होता है। गणेश चतुर्थी का व्रत माताएं को अपने बच्चों के लंबी आयु व उनके जीवन मे सुख शांति के लिए करनी चाहिए ।

पंचम सत्र की कथा के दौरान कोटा राजस्थान से पधारे ज्ञानेश जी(लीला व्यास) द्वारा कथा स्वरूप लीला झांकी के माध्यम से भी दिखाई गईं। कथा के दौरान पूरा पंडाल भक्तिमय माहौल में परिणत हो गया एवं आनंद की लहर छाई रही। मौके पर धर्मादा कमिटी के अध्यक्ष विमल कुमार सिंह उपाध्यक्ष कौशल किशोर ठाकुर सीताराम सिंह गंधीर झा कुन्दन कुमार नारायण गिरी रमेश ठाकुर मुकेश कुमार सिंह गोलू गिरी मनीष सिंह वरूण गिरी रूपेश कुमार सिंह आदि कार्यकर्ता सक्रिय थे।