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सांस्कृतिक धरोहर कथक को अक्षुण्ण रखने के लिए श्रुति इंस्टीच्यूट ऑफ परफार्मिग आर्ट समर्पित : श्रुति सिन्हा

सांस्कृतिक धरोहर कथक को अक्षुण्ण रखने के लिए श्रुति इंस्टीच्यूट ऑफ परफार्मिग आर्ट समर्पित : श्रुति सिन्हा
सांस्कृतिक धरोहर कथक को अक्षुण्ण रखने के लिए श्रुति इंस्टीच्यूट ऑफ परफार्मिग आर्ट समर्पित : श्रुति सिन्हा

सांस्कृतिक धरोहर कथक को अक्षुण्ण रखने के लिए श्रुति इंस्टीच्यूट ऑफ परफार्मिग आर्ट समर्पित : श्रुति सिन्हा

श्रुति इंस्टीच्यूट ऑफ परफार्मिग आर्ट के सौजन्य से सात दिवसीय कथक कार्यशाला ऋदम का समापन
कथक के जरिये बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने की जरूरत : राजीव रंजन प्रसाद
भारत अपनी सम़ृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिये विश्व प्रसिद्ध : राजीव रंजन प्रसाद

नयी दिल्ली, 05 जुलाई श्रुति इंस्टीच्यूट ऑफ परफार्मिग आर्ट के सौजन्य से आयोजित सात दिवसीय कथक कार्यशाला ऋदम का समापन हो गया।
श्रुति सिन्हा के श्रुति इंस्टीच्यूट ऑफ परफार्मिग आर्ट के सौजन्य से सात दिवसीय कथक कार्यशाला * ऋदम* का आयोजन किया गया था।श्रुति सिन्हा ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) में कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की
राष्ट्रीय कार्यवाहक अघ्यक्ष हैं। इस कार्यशाला में ऑनलाइन लाइव कक्षा के माध्यम से कई कथक कला प्रेमियों ने सम्मिलित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।.कार्यक्रम का सफल् संचालन डॉ प्रतिष्ठा श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम की शुरूआत पीहू पीयूष के गुरू वंदना की नैनाभिराम प्रस्तुति से हुई lइसके बाद सभी प्रतिभागियों ने शानदार प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया।समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के ग्लोबल अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम के दौरान जीकेसी मीडिया सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, डिजिटल- तकनीकी प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष आनंद सिन्हा और डिजिटल- तकनीकी प्रकोष्ठ के ग्लोबल महासचिव सौरभ श्रीवास्तव को सम्मानित किया गया।
राजीव रंजन प्रसाद ने श्रुति सिन्हा को कथक कार्यशाला ऋदम के सफल आयोजन के लिये बधाई एवं शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि हमारा देश भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता रहा है, जहां शास्त्रीय नृत्य जैसी कला का प्रदर्शन भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। कथक नृत्य भारतीय संस्कृति का अंग है। इसके माध्यम से बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ा जा रहा है।श्रुति सिन्हा अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कत्थक नृत्यांगना है और उनके सानिध्य में कत्थक सीख रहे बच्चों का भविष्य उज्जवल है। बच्चों को यदि योग्य मागर्दशक मिले तो वह न सिर्फ उनकी प्रतिभा को तराशने का काम करेगा बल्कि उनकी प्रतिभा को निखारेगा भी। श्रुति सिन्हा अपने इंस्टीच्यूट के माध्यम से लोगों की प्रतिभा को तराशने और निखारने का काम कर रही है और इसके लिये उन्हें शुभकामना।

श्रुति सिन्हा ने बताया कि सात दिवसीय कथक वर्कशॉप श्रुति इंस्टीच्यूट ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स के द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें अस्मिता सिंह,वैष्णवी नेगी,जे़निथ अमर श्रीवास्तव,पीहू पीयूष,अंकिता सिंह,पुज्याश्री बोरा, लक्ष्मी ज्योति बोरा पीहू भारद्वाज,आकांक्षा नाथ, सृष्टि कोंवर,प्रणति प्रणव सिंहा, अभीप्सा एम.फूकन,आरोही शेन्दगे, प्रख्या सिन्हा,प्रशंसा कुमार,अंगिरा बोरुवा नाताशा बौर ठाकुर, प्रियदर्शिनी भुयाँ,शुभान्शी पांडे, शुदेसना सरकार, निवेदिता शुक्ला, आनन्दिता शुक्ला,किमाया, आन्या, चन्द्रमिका दास,कनिका रावत, श्रद्धा बोर ठाकुर, जितरिती, मानसी वासन ने शिरकत की। उन्होंने बताया कि श्रुति इंस्टिट्यूट ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स* की तरफ से सभी प्रतिभागियों को सर्टिफ़िकेट दिया गया।श्रुति सिन्हा ने कत्थक के प्रति अपनी साधना और निष्ठा के साथ अपनी इस सांस्कृतिक धरोहर को अनवरत और अक्षुण बनाये रखने की बात दोहराते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा कीl

आनंद सिन्हा ने कार्यशाला में शामिल सभी बच्चों को बधाई एवं शुभकामना देते हुये कहा भारत को एक सांस्कृतिक देश के रूप में जाना जाता है और अपनी सांस्कृतिक विरासत के कारण भारत की विश्व में एक अलग पहचान है।भारत में प्राचीन काल से कई कलाएँ विकसित हुई हैं और कत्थक नृत्य भी उनमें से एक है। श्रुति सिन्हा कत्थक के माध्यम से बच्चों को देश की सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी दे रही है, जिसके लिये उन्हें हार्दिक बधाई।

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Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.

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