चरित्र अभिनेता के तौर पर पहचान बनायी राजू भाई ने
कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं। इस त को साबित कर दिखाया राजू भाई ने।अपनी लगन से राज कुमार गुप्ता उर्फ राजूभाई ने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री और अलबमों में बतौर चरित्र अभिनेता पनी अलग पहचान बनायी है लेकिन इन कामयाबियों को पाने के लिये उन्हें कठिन परिश्रम का भी सामना करना पड़ा है। वर्ष 1965 में पटनासिटी मेंजन्मे राजू भाई के पिता स्वर्गीय भोला प्रसाद और मां लाल मुनि देवी बेटेको कामयाब बिजनेस मैन के तौर पर देखना चाहती थी। राजू भाई जब महज 15 वर्ष थे तब वह अपने पिता के काम में हाथ बंटाने लगे। उनके पिता जौहरी का काम करते थे।
वर्ष 1982 से राजू भाई ने पिता के कारोबार के साथ ही स्टोन का भी
वसाय करना शुरू किया। वर्ष1988 में राजू भाई की शादी सरिता देवी के साथ हो गयी। वर्ष 2004 में राजू भाई की मुलाकात फिल्मकार रवीन्द्र कुमार से हुयी। रवीन्द्र कुमार ने राजू भाई की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें अपनी
फिल्म रंगदार बलमा में काम करने का अवसर दिया। इसके बाद राजू भाई ने 25 से 30 फिल्म और करीब 250 अलबमों में अलग अलग किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीत लिया।
राजू भाई ने अपने अबतक के करियर के दौरान कुणल सिंह ,पवन सिंह
खेसारी लाल यादव , अरविंद अकेला कल्लू ,रानी चटर्जी ,मोनालिसा ,काजल
राघवानी ,अंजना सिंह और कल्पना साह समेत चोटी के कलाकारों के साथ काम किया है। राजू भाई अभिनीत प्रमुख फिल्मों में लड़ाई , तिरंगा पाकिस्तान में , सबसे बड़ा मुजरिम , हसीना मान जायेगी, गुलाब थियेटर , अमार कसम ,सइंया विदेशिया ,गोरी तेरा गांव बडा प्यारा, सुगना ,खनके कंगना तोहरे ही अगना ,सेंटीमेंटल , हम हैं धाकड़ , रस बरसे ला डोमकच की रात में समेत कई अन्य फिल्में शामिल है। गुजन सिंह की आवाज में मैट्रिक पास अलबम में गयाा
गाना चुम्मा मांग मस्टरवा मैट्रिक पास करे के काफी लोकप्रिय हुआ । इस
गाने में राजू भाई ने मास्टरजी का किरदार निभाया था।
राजू भाई को उनके करियर के दौरान कई मुश्किलों का सामना करना
पड़ा है। राजू भाई अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और शुभचिंतकों के साथ ही रवीन्द्र कुमार को देते हैं जिन्होंने उन्हें हर कदम सपोर्ट किया।
















