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मंत्री शिवचंद्र राम ने की बिहार विरासत विकास समिति में समीक्षा बैठक
एक से 15 जुलाई तक बिहार विरासत विकास समिति में प्रशिक्षण शिविर
पटना। प्राचीन लिपि और प्राचीन सिक्कों को लेकर बिहार विरासत विकास समिति में एक जुलाई से 15 जुलाई तक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है, जिसमें राज्यभर से आने वाले विद्यार्थी, शोधार्थी और इस विषय में अध्ययनरत अन्य लोग शामिल होंगे। ये जानकारी आज बिहार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री शिवचंद्र राम ने राजधानी पाटना स्थित बिहार विरासत विकास समिति के कार्यालय में आयोजित प्रशिक्षण शिविर के लिए समीक्षा बैठक में कही।
श्री राम ने इस आयोजन को अभूतपूर्व पहल बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण शिविर में विद्यार्थी, शोधार्थी और इस विषय में अध्ययनरत अन्य लोग प्राचीन लिपि और प्राचीन सिक्कों पर अध्ययन कर नई जानकारी इकठ्ठा करेंगे। यह हमारी विरासत को आगे ले जाएगा। मंत्री श्री राम ने बिहार विरासत विकास समिति की तरफ से किए जा अन्य कार्यों की भी समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में बोली जानी वाली लोकभाषाओं जैसे मैथिली, अंगिका, वज्ज्किा, मगही, भोजपुरी, सूर्यापुरी, संथाली, थारू और उर्दू की कथाओं और कहानियों का संग्रह कर दस्तावेज तैयार किया जाएगा। बाद में इसका प्रकाशन और डिजिटलाइजेशन भी किया जाएगा। इसे वेब के अलावा पटना म्यूजियम, बिहार म्यूजियम व अन्यों जगहों पर उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बिहार की विरासत को आगे बढ़ाने की दिशा में राज्य सरकार कई कदम उठा रहा है। आगामी 2-3 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती की अवसर पर वैशाली जिले के लालगंज में उनके चंपारण सत्याग्रह से संबंधित सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। श्री राम ने कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार के द्वारा बिहार विरासत विकास समिति के प्रांगण में बनने वाली पुरातत्व भवन की भी समीक्षा की।
वहीं, बिहार विरासत विकास समिति के निदेशक डॉ विजय कुमार चौधरी ने कहा कि अभी हाल ही में काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थान के द्वारा बिहार के 6000 से ज्यादा आर्किलॉजिकल साइटस का अन्वेषण किया गया है, जिसमें चार प्रमुख रूप से गजेटियर के रूप में प्रकाशित हो चुका है। ये चार साइटस हैं – नालंदा, वैशाली, कैमूर और समस्तीपुर। जबकि गया के साइटस पर काम अंतिम चरण में है। अभी तक 1500 गांवों का डॉक्यूमेंटेशन हो गया, तो बिहार के विरसात से संबंधित है। इनका प्रकाशन भी होगा और वेब पर भी डिजिटल फॉर्म में होगा। समीक्षा बैठक के दौरान पुरातत्व विभाग के निदेशक अतुल वर्मा, आप्त सचिव विनय कुमार और मीडिया प्रभारी रंजन सिन्हा समेत कई अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
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