BHOJPURI MEDIA ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18 मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में कामयाबी का परचम लहरा रहे हैं शौमिल श्री खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है, जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है, लहरों की ख़ामोशी को समंदर की […]
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ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18
मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में कामयाबी का परचम लहरा रहे हैं शौमिल श्री
खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है,
जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है,
लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ,
जितनी गहराई अन्दर है, बाहर उतना तूफ़ान बाकी है…
जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है,
लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ,
जितनी गहराई अन्दर है, बाहर उतना तूफ़ान बाकी है…
बिहार की राजधानी पटना में वर्ष 1994 में जन्में शौमिल श्री के पिता सी एल मेहता और मां मधु मंजरी बेटे को उच्च अधिकारी बनाने का सपना देखा करते थे। बचपन के दिनों में शौमिल का रूझान खेल-कूद की ओर अधिक था और वह बास्केट बॉल खिलाड़ी बनकर देश का नाम रौशन करने का सपना देखा करते। शौमिल ने बास्केट बॉल , फुटबॉल और हैंड बॉल में हरियाणा को प्रतिनिधित्व किया है।वर्ष 2007 में शौमिल के स्कूल में मॉडलिंग हंट शो का आयोजन किया गया जिसे देखकर उनका रूझान मॉडलिंग की ओर हो गया।मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आंखो में बड़े सपने लिये शौमिल श्री दिल्ली चले गये जहां उन्होंने इंटर की पढ़ाई पूरी की। इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद शौमिल अपने घर पटना वर्ष 2014 में पटना आ गये। इसके बाद उन्होने बीबीए की पढ़ाई पूरी की।
बंदे है हम उसके हम पर किसका जोर | उम्मीदो के सूरज, निकले चारो और ||
इरादे है फौलादी, हिम्मती है कदम ||| अपने हाथो किस्मत लिखने आज चले है हम।
इरादे है फौलादी, हिम्मती है कदम ||| अपने हाथो किस्मत लिखने आज चले है हम।
जॉन अब्राहम से प्रभावित रहने के कारण शौमिल श्री मॉडलिंग की दुनिया में अपना नाम रौशन करना चाहते थे इसी को देखते हुये खुद से ही अपनी ग्रुमिंग शुरू की। वर्ष 2015 में शौमिल श्री ने प्रतिष्टित मॉडलिंग हंट शो ने देव एंड दिवा सीजन 06 में हिस्सा लिया जिसमें वह सेकेंड रनर अप बने। शौमिल शो के विजेता नही बन सके लेकिन उन्होंने हिम्मत नही हारी। शौमिल का मानना है कि
परेशानियों से भागना आसान होता है
हर मुश्किल ज़िन्दगी में एक इम्तिहान होता है
हिम्मत हारने वाले को कुछ नहीं मिलता ज़िंदगी में
और मुश्किलों से लड़ने वाले के क़दमों में ही तो जहाँ होता है
हर मुश्किल ज़िन्दगी में एक इम्तिहान होता है
हिम्मत हारने वाले को कुछ नहीं मिलता ज़िंदगी में
और मुश्किलों से लड़ने वाले के क़दमों में ही तो जहाँ होता है
वर्ष 2015 में शौमिल ने राजधानी पटना में हुये फेस ऑफ मोक्षा प्रतियोगिता में हिस्सा लिया । कहते हैं अगर किसी चीज को दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की साजिश में लग जाती हैं। शौमिल ने इस शो में हिस्सा लिया और विजेता का ताज अपने नाम कर लिया।शौमिल का मानना है कि जिंदगी में कुछ पाना हो तो खुद पर ऐतबार रखना ,सोच पक्की और क़दमों में रफ़्तार रखना कामयाबी मिल जाएगी एक दिन निश्चित ही तुम्हें ,बस खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना। सौमिल मॉडलिंग शो में भले विजेता बन गये लेकिन
उनकी आंखो में कुछ बडे सपने थे। शौमिल का मानना है कि बेहतर से बेहतर कि तलाश करो
उनकी आंखो में कुछ बडे सपने थे। शौमिल का मानना है कि बेहतर से बेहतर कि तलाश करो
मिल जाये नदी तो समंदर कि तलाश करो
टूट जाता है शीशा पत्थर कि चोट से
टूट जाये पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो
टूट जाता है शीशा पत्थर कि चोट से
टूट जाये पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो
शौमिल बतौर अभिनेता भी अपनी पहचान बनाना चाहते थे और इसी को देखते हुये वह रंगमंच से जुड़ गये। शौमिल ने शुरूआती दौर में राजेश राजा और बाद में मुंबई में मुजीब खान की शार्गिदी में अभिनय के गुर सीखे। इसके बाद शौमिल ने रंगमंच पर भी अपनी प्रतिभा का शानदार नमूना पेश किया। शौमिल ने मुंशी प्रेम चंद के उपन्यास पर आधारित 40 से अधिक नाटकों में अपनी दमदार अदायगी से लोगों का दिल जीत लिया। शौमिल ने कहा कि विचारों को प्रकट करने का माध्यम रंगमंच से और कुछ बेहतर नहीं हो सकता है। अपनी अभिव्यक्ति लोगों तक पहुंचाने का इससे बेहतर कोई साधन हो ही नहीं सकता। युवा सबसे ज्यादा रंगमंच पर आकर्षित होते हैं। अंदर की छटपटाहट नाटक द्वारा ही व्यक्त हो सकती है। फिल्मों एवं टीवी में जाने का मार्ग रंगमंच से ही होकर गुजरता है। रंगमंच ऐसी विधा है इसमें प्रवेश करने वाला कोई भी कुछ हासिल करें या न ..करें। वह एक अच्छा इंसान जरूर बन जाता है। यहां समाज में हो रहे परिवर्तन को नजदीक से देखा जा सकता है। मानवता की डोर मजबूत होती है।
रख हौसला वो मन्ज़र भी आएगा,
प्यासे के पास चल के समंदर भी आयेगा;
थक कर ना बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आयेगा।
प्यासे के पास चल के समंदर भी आयेगा;
थक कर ना बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आयेगा।
शौमिल श्री की प्रतिभा को देखते हुये उन्हें बॉलीवुड फिल्म रिटर्नस ऑफ गैंग में काम करने का अवसर मिला है। ‘शौमिल ने फिल्म में ग्रे शेडस वाला किरदार निभाया है और इसके लिये उन्होने संजय दत्त की फिल्म खलनायक के किरदार से प्रेरणा ली है। शौमिल ने बताया कि वह हर तरह के किरदार निभाने की ख्वाहिश रखते हैं। सौमिल आज मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में कामयाबी की बुलंदियों पर है। शौमिल अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते है जिन्हें हर कदम उन्हें सपोर्ट किया है।
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