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अभिनेता व समाजसेवी पंकज तिवारी ‘पप्पू’ ने किया 4 महीने में 13 फ्रीज गरीब कन्याओं की शादी में दान

अभिनेता व समाजसेवी पंकज तिवारी 'पप्पू' ने किया 4 महीने में 13 फ्रीज गरीब कन्याओं की शादी में दान
अभिनेता व समाजसेवी पंकज तिवारी 'पप्पू' ने किया 4 महीने में 13 फ्रीज गरीब कन्याओं की शादी में दान

अभिनेता व समाजसेवी पंकज तिवारी ‘पप्पू’ ने किया 4 महीने में 13 फ्रीज गरीब कन्याओं की शादी में दान

पंकज तिवारी ‘पप्पू’ निःस्वार्थ भाव से करते हैं जरूरतमंद लोगों की मदद

फिल्म अभिनेता व समाज सेवी पंकज तिवारी (पप्पू तिवारी) फिल्मों में अभिनय करने के साथ ही साथ समाज सेवा में भी सक्रिय रहते हैं। उनके अंदर जरूरतमंद लोगों की मदद करने का जज्बा कूट-कूटकर भरा हुआ है। वे हमेशा जरूरतमंद लोगों में राशन वितरण, बच्चों की शिक्षा में सहायता, विवाह अनुदान एवं मेडिकल सहायता आदि कई तरह से मदद करते रहते हैं। इसी तरह वे निःस्वार्थ भाव से पिछले कई सालों से जरूरतमंद लोगों की मदद करते आ रहे हैं।

इसी कड़ी में पंकज तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी ने पिछले चार महीने में कई गरीब कन्याओं की शादी में 13 फ्रीज दान किया है। शादी का सीजन शुरू होने से लेकर अब तक चार महीने (मार्च, अप्रैल, मई, जून) में गरीब कन्या विवाह में फ्रीज दान दिया है। जिसकी हर किसी ने काफी तारीफ किया है। पप्पू तिवारी ने यह अनुदान उत्तर प्रदेश के जिला आजमगढ़, प्रतापगढ़ आदि जिलों में किया है।

गौरतलब है कि फिल्म अभिनेता पप्पू तिवारी भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने जुबली स्टार व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ, सुपरस्टार खेसारी लाल यादव के साथ कई फिल्मों में शानदार अभिनय किया है। इसके अलावा वे हमेशा समाज के लिए और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री उन्हें बहुत प्यार भी करती है और वे खुद फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ भाईचारा रखते हुए हर किसी के दुःख-सुख शामिल होते हैं। जरूरतमंद लोगों की गुप्तदान करके मदद करने के लिए उनकी भूरि भूरि प्रशंसा की जाती है। उन्हें कई बार समाज सेवा के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है।

जरूरतमंद लोगों की मदद करने में हमेशा आगे रहने वाले पंकज तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी ने कहा कि ‘किसी इंसान को बिना बताए उसकी सहायता करना और उस मदद से मिलने वाली खुशी को उसकी आंखों में महसूस करना ही सच्ची जनसेवा है। अपने लिये तो हर कोई जीता है। लेकिन जीवन जीने की सार्थकता तभी है, जब हम किसी जरूरतमंद के लिए कुछ करें।’