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भावभीनी श्रद्धांजलि ! अजीत कुमार ’अकेला’ जी आप बहुत याद आयेंगे

BHOJPURI MEDIA ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18 भावभीनी श्रद्धांजलि ! अजीत कुमार ’अकेला’ जी आप बहुत याद आयेंगे  . ना चिठी ना कोई संदेश, जाने वो कौन सा देश जहाँ तुम चले गए !! यह गीत आज बरबस ही बार बार मन-मस्तिष्क में गुंजायमान हो रहा है।  मधुर आवाज की खनक, अल्हड़पन और मंच पर का आत्मविश्वास […]
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भावभीनी श्रद्धांजलि ! अजीत कुमार ’अकेला’ जी आप बहुत याद आयेंगे 
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ना चिठी ना कोई संदेश, जाने वो कौन सा देश जहाँ तुम चले गए !! यह गीत आज बरबस ही बार बार मन-मस्तिष्क में गुंजायमान हो रहा है। 
मधुर आवाज की खनक, अल्हड़पन और मंच पर का आत्मविश्वास की प्रतिमूर्ति, जिन्हें लोकगीत गायिकी का सबसे जरूरी हिस्सा माना जाता है। अचानक सभी को अकेला छोड़कर भोजपुरी के प्रसिद्ध लोक गायक अजीत कुमार ’अकेला’ इस दुनियाँ से हमेशा के लिए विदा हो गये। परिजनों के मुताबिक अजीत कुमार ’अकेला’ का सोमवार को पटना में उनके आवास पर ब्रेन हेमरेज की वजह से निधन हो गया। उनके निधन की खबर से भोजपुरी जगत में शोक की लहर दौड़ गयी है। वे काफी मिलनसार व्यक्ति तथा  भोजपुरी गानों के लोक प्रसिद्ध गायक कलाकार थे। उन्होंने अनुराधा पौडवाल और रविंद्र जैन के साथ मिलकर पांच हजार से अधिक गाने गाये हैं। मिली जानकारी के अनुसार अजीत  कुमार अकेला एक जुलाई को मॉरीशस में आयोजित होने वाले भोजपुरी कार्यक्रम में भाग लेने वाले थे। उन्हें बिहार सरकार की ओर से मॉरीशस भेजा जा रहा था।
उल्लेखनीय है कि अजीत कुमार अकेला को भोजपुरी के पारंपरिक गायन में एक अच्छा मुकाम हासिल हो गया था। उन्होंने इसके लिए लंबा संघर्ष और कड़ी मेहनत किया था। वे संगीतप्रेमियों के दिल पर राज करते थे। पूर्वी, झूमर, चैता और निर्गुण सुनकर श्रोतगण व उनके चाहने वाले काफी आनंद उठाते थे। हमार बैल गाड़ी सबसे अगाड़ी, झामलाल बुढ़वा पीटे कपार, बउरहवा के अजबे राजधानी देखनी, देवी भईली गुलरी के फूल, अईली दुअरिया बन के पुजरिया, चार गो बेलपत्र चार दाना चाऊर ऐ भोला देख तहार आदि उनके लोकप्रिय गीत थे। एच एम वी, वेस्टर्न, टिप्स, गंगा, सूर्या, बी सिरीज, वेब  व टी सिरीज आदि म्यूजिक कम्पनी से तीन सौ से ज्यादा हिट भोजपुरी एलबम उन्होंने गाया था। सईया सिपहिया, बलमा, जय मईया अंबे भवानी, कल हमारा है समेत 18 भोजपुरी व 5 हिन्दी फिल्मों में पार्श्व गायन भी किया था। वे रेडियो व दूरदर्शन के ए ग्रेड लोकगायक थे।
नब्बे के दशक में भोजपुरी के सबसे लोकप्रिय व हिट गायक थे शारदा सिन्हा के बाद भोजपुरी छठ गीतों के इकलौते प्रतिनिधि मेल गायक बने जिनके गाए छठ गीत दर्शन दिही भोरे भोरे हे… अबकी के गेहुआ महंग भईल बहिनी… आदि हर एक भोजपुरी भाषी के घर में बजते रहे हैं। सरकारी स्कूल की नौकरी में रहते हुए भोजपुरी का मान बढाया। देवी जागरण में उनका कोई जोड नहीं था। मंच के महान गायक कलाकार थे, उनके कण्ठ में साक्षात माँ सरस्वती विराजमान थीं। पूर्वी, सोहर, झूमर, कजरी, निर्गुण, बारहमासा से लेकर सोठी लोरिकायन तक के प्रतिनिधि गायक थे तथा वे अश्लीलता के मुखर विरोधी भी थे।  अजित कुमार अकेला इन दिनों अस्वस्थता के बावजूद गीत संगीत को सहेजने में लगे थे।
उन्होंने अपने चाहने वालों के लिए सभी रसों से भरे गीतों के कई एलबम बाजार में उतारे थे। उन्होंने अपने पांच हजार गीतों में भोजपुरी, मगही और मैथिली गीतों को भी शामिल किया था। अजीत अकेला का प्रसिद्ध एलबम ’करब छठ के बरतिया’ आज भी लोग बड़े चाव से सुनते हैं। देश-विदेश में अपनी गायकी का  लोहा मनवा चुके अजीत  कुमार अकेला जी को हम सभी भोजपुरी समाज भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। अफसोस इस बात हमेशा रहेगा कि अभी आपको कुछ और सुनना था, कुछ और जानना था।

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