Entertainment News

Babri Masjid काण्ड के बीच पनपी प्रेम कहानी का मंचन

बाबरी मस्जिद काण्ड के बीच पनपी प्रेम कहानी का मंचन
बाबरी मस्जिद काण्ड के बीच पनपी प्रेम कहानी का मंचन

बाबरी मस्जिद काण्ड के बीच पनपी प्रेम कहानी का मंचन

भोजपुरी-हिंदी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार मनोज भावुक की बहुचर्चित प्रेम कहानी ” कहानी के प्लॉट” का मंचन 11 जनवरी की शाम साढ़े छ बजे पटना के लोकप्रिय प्रेमचंद ररंगशाला में किया जा रहा है। आशा रेपर्टरी के बैनर तले मंचित होने वाले इस नाटक का निर्देशन युवा रंगकर्मी व मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय के पूर्व छात्र जहाँगीर खान करेगें। नाटक का नाम दिया गया है- जिनिगिया तोहार।

यह कहानी 1992 में बाबरी मस्जिद के ध्वस्त होने और कर्फ़्यू के दौरान एक हिन्दू लड़के और मुस्लिम लड़की के बीच पनपी प्रेम कहानी है, जिसमें शबनम को श्वेता और राहुल को सर्फराज खान बनना पड़ता है। तो क्या यह लव जेहाद की कहानी है? जबरदस्ती हिन्दू मुस्लिम बनने-बनाने की कहानी है? या मोहब्बत की डोर को पकड़कर अपनी जड़ों और संस्कति से और ज्यादा लिपटने की कहानी है ?  क्या है मोहब्बत ? तोड़ना या जोड़ना ? टूटना, मिटना या सृजन?  ऐसे कई सुलगते सवालों का जबाब है यह कहानी। इसमें कॉलेज और मेडिकल कोचिंग वाला कोमल, टीन एजर लव दिखेगा और दिखेगा कशमकश कॅरियर और प्यार के बीच का। इसमें मंच पर रहेंगे अभिनेता व निर्देशक जहाँगीर खान , अभिनेत्री पूजा भारती , तेजनारायण कुमार । संगीत संयोजन – राहुल बर्नवाल , प्रकाश परिकल्पना – राजकपूर, रूप सज्जा – जितेन्द्र कुमार जीतू , परिधान – चंदन प्रियदर्शी , उज्वल कुमार पोस्टर – राहुल कुमार ‘ रेक्स ‘ सेट – गोविंदा कुमार, पंकज कुमार व विकी कुमार का है ।

लेखक – मनोज भावुक

इस कहानी के लेखक मनोज भावुक भोजपुरी में अपनी प्रेम कहानियों के लिए जाने जाते हैं। 1999 में उनकी लिखी प्रेम कहानी ” तहरे से घर बसाएब” पर पटना दूरदर्शन से धारावाहिक भी टेलीकास्ट हो चुका है। भोजपुरी रंगमंच व सिनेमा के इतिहास पर उनका बड़ा काम है। बिहार आर्ट थियेटर से नाट्य कला डिप्लोमा के टॉपर रहे हैं भावुक और अफ्रीका-यूरोप के तमाम देशों में भोजपुरी का परचम लहराते रहे हैं। भारतीय भाषा परिषद सम्मान से सम्मानित मनोज भावुक ज़ी टीवी के कंटेंट इंजिन टीम का हिस्सा और सारेगामापा ( भोजपुरी) के प्रोजेक्ट हेड रहे हैं।

निर्देशक – जहाँगीर खान

जहाँगीर खान मध्यप्रदेश नाट्यविद्यालय ,भोपाल से नाट्यकला में प्रशिक्षण प्राप्त बिहार के युवा रंगकर्मी व अभिनेता हैं इन्होंने ने पकवाघर, महानिर्वाण , रामलीला, अटकी हुई आत्मा , सनेहिया के नाच , अंधों का हाथी जैसे प्रमुख नाटकों का निर्देशन किया है । साथ ही महत्त्वपूर्ण नाटकों में अभिनय भी किया है ,इन्हें प्रतिष्ठित रंग निर्देशकों संजय उपध्याय, रघुवीर यादव, जयंत देशमुख, सी. आर. जंम्बे, आलोक चटर्जी ,कुमार दास टी. एन., कन्हैयालाल कैथवास , निकोलस डच के साथ काम करने का अनुभव प्राप्त है । ये दूरदर्शन व जी पुरबिया टेलविजन चैनलों के लिए कार्य कर चुके हैं । इन्हें 2018 में रंगकर्मी प्रवीण स्मृति समान व आई. जी. एन 0 एस0 एस 0 राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मनित किया गया है । आपको CCRT द्वारा नाट्यकला के लिए जूनियर फेलोशिप भी मिला है ।वर्तमान में आप आशा रेपरेट्री रंग संस्था के साथ बिहार के रंगमंच में सक्रिय हैं ।

About the author

Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.