BHOJPURI MEDIA ANKIT PIYUSHhttps://www.facebook.com/ankit.piyush18 बिहारी मिट्टी में लड़ने का जज्बा जन्म जात : अस्मिता शर्मा पटना : बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम और कला संस्कृति विभाग, बिहार के संयुक्त तत्वावधान आयोजित पटना फिल्म फेस्टिवल 2016 के दूसरे दिन की शुरूआत रीजेंट सिनेमा में हिंदी फिल्म ओएमजी के साथ हुई। इसके बाद दूसरे सत्र में […]
बिहारी मिट्टी में लड़ने का जज्बा जन्म जात : अस्मिता शर्मा
पटना : बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम और कला संस्कृति विभाग, बिहार के संयुक्त तत्वावधान आयोजित पटना फिल्म फेस्टिवल 2016 के दूसरे दिन की शुरूआत रीजेंट सिनेमा में हिंदी फिल्म ओएमजी के साथ हुई। इसके बाद दूसरे सत्र में फेमिनिज्म प्रॉस्पेक्टिव को लेकर चर्चित अभिनेत्री अस्मिता शर्मा और अनुरीती झा के साथ एक परिचर्चा हुई, जिसका संचलान पत्रकार निवेदिता झा ने किया। इसके बाद दूसरी फिल्म गुटरू गुटरगूं और फ्रेंच फिल्म Hadewich दिखाई गई।
इससे पहले, फिल्म गुटर गुटरूगूं की अभिनेत्री अस्मिता शर्मा ने परिचर्चा के दौरान कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में स्ट्रगल बहुत है, मगर लगन, मेहनत और अपनी शर्तों पर काम करना मुझे अच्छा लगता है। मेरा फिल्मों में आनेे की पहली सीढ़ी थयेटर थी। उस दौर में लड़कियों का थयेटर करना सही नहीं समझा जाता था, मगर हम फिर भी थयेटर में अभिनय करते थे। क्योंकि बिहारी मिट्टी में किसी भी लड़ाई को लड़ने का जज्बा होता है।
फिल्मों के बारे में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि बदलते वक्त में दर्शकों कोअब सेंसेबल सिनेमा भी पसंद आ रही है। ऑडियंस अब ऐसे फिल्मों को स्वीकार करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि जिंदगी फिल्मों से जुडी है और फिल्म हमारी जिंदगी को प्रभावित करती है। आज दौर में सिनेमा में महिलाओं की भागेदारी पर उन्होंने कहा कि औरत प्रेम भी करती है तो समझदारी से। क्योंकि ईश्वर ने उन्हें भी दिमाग दिया है, दिल दिया है और सोचने की क्षमता दी है। इसलिए महिलाओं को उनके अधिकार से अलग नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा कि उन्हें तकलीफ होती है जब फिल्मों में औरतों को बाजारवाद के हवाले कर दिया जाता है। औरतों के लिए संवेदना ज्यादा महत्वपूर्ण है बाजार से, इसलिए उनके खुद आगे आकर ना बोलना पड़ेगा।
मिथिला मखान और गैंगस ऑफ वसेपुर फेम अनुरीता झा ने कहा कि अगर आप एक बार एक्टर बन गए, तो फिर कुछ नहीं बन सकते। मॉडलिंग में दलचस्पी रखने वाली अनुरीता ने बताया कि जब आपको क्या और कब करना है ये पता नहीं होता है, तब आपके लिए कोई भी चीज काफी मुश्किल हो जाती है। अभिनय भी मुश्किल है आसान नहीं। उन्होंने कहा कि वे मौक मिलने से ज्यादा अपने खुद पर और अपने काम पर भरोसा करती हैं। रियल लाइफ पर बेस्ड कहानी में काम करने की चाहत रखने वाली अनुरीता ने कहा कि काई भी सफलता अपनी ही शर्तों पर पाई जा सकती है। मैथिली फिल्मों के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज मैथिली सिनेमा भी कमोबेश भोजपुरी सिनेमा की फुहरता की नकल करने लगा है, जो कहीं से सही नहीं। अंत में परिचर्चा का संचालन कर रहीं निवेदता झा ने कहा कि हमारे समाज में औरतों की छवि एक सति सावित्री की है और दूसरी वैंपायर की। लेकिन औरतों को ये तय करना पड़ेगा कि वे खुद को कैसे देखती हैं, सिनेमा भी उसे वैसे ही देखेगा।
वहीं, आज रविंद्र भवन स्थिति दूसरे पर भोजपुरी फिल्म ससुरा बड़ा पैसावाला, ललका पाग और गठबंधन प्यार का प्रदर्शित की गई। इस दौरान ओपन हाउस डिस्कशन में अभिनेता कुणाल सिंह,मोनिका सिन्हा, प्रशांत नागेंद्र और के के गोस्वामी ने भोजपुरी फिल्मों के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस दौरान विशेष तौर पर नगण्ता और अश्लीलता के मुद्दे पर चर्चा आकर्षण बनी। बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम एमडी गंगा कुमार के एक सवाल के जवाब में भोजुपरी के महानायक कुणाल सिंह ने कहा कि भोजपुरी सिनेमा और इसके दर्शक आज मानसिक रूप से नगण्ता को स्वीकार करने की मानसिकता से दूर है।
उन्होंने कहा कि समाज बदलता है तो सिनेमा में भी बदलता है। समाज आज खुल कर नगण्ता को स्वीकार करने के मूड में नहीं है। भोजपुरी में अश्लीलता के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे प्राइवेट अलबम के सख्त खिलाफ हैं। जिसके जरिए भोजपुरी में अश्लीलता अधिक पनपी है। इसको रोकने के लिए सरकार को पहल करनी होगी, साथ ही सरकार को अच्छे फिल्मों मेकरों को आर्थिक मदद दी जानी चाहिए। ताकि यहां भी अच्छी फिल्में बन सके। अभिनेता केे के गोस्वामी ने कहा कि अश्लीलता को खत्म करनेे के लिए डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और दर्शकों को भी इसे नकाराना होगा।
इसके अलावा तीसरे स्क्रीन परशॉर्ट एवं डॉक्यमेंट्री फिल्मों का प्रदर्शन कियाा गया। अंत में सभी अतिथियों को बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम के एमडी गंगा कुमार ने शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस दौरान बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम की विशेष कार्य पदाधिकारी शांति व्रत, गुटरूगूं फेम अभिनेता के के गोस्वामी, अभिनेता विनीत कुमार, अभिनेता क्रांति प्रकाश झा, फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम, फिल्म फेस्टिवल के संयोजक कुमार रविकांत, मीडिया प्रभारी रंजन सिन्हा मौजूद रहे।
Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.