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राजस्थान की बालिकाओं से जुड़े 4 तथ्य, जो आपको हैरान कर देगी

राजस्थान की बालिकाओं से जुड़े 4 तथ्यजो आपको हैरान कर देगी

ऐसे समय में जब हम महिलाओं के सशक्तीकरण को लेकर गर्व महसूस करते हैं, हमारे देश का एक वर्ग ऐसा भी है, जहां का विकास देश के बाकी हिस्सों की तुलना में धीमा है। अब जागने का समय आ गया है। क्‍योंकि ये जो आकंड़े हमारे पास हैं, वो आपको इस बाबत सोचने को मजबूर कर देंगे।

लिंगानुपात-

देश के लिंगानुपात के विपरीत जो प्रत्येक 1000 पुरुषों के लिए 943 महिलाओं के बराबर है, राजस्थान का लिंगानुपात प्रत्येक 1000 पुरुषों के लिए 928 महिलाओं का है। हालांकि अब लिंगानुपात 888 जैसे निराशाजनक आकड़े से बढ़कर ऊपर आ गया है, लेकिन हमें अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है।

बालविवाह-

एक ऐसी उम्र, जब बच्चियों को स्कूलों में ज्ञान की खोज करनी चाहिए, एक बड़ी प्रतिशत लड़कियों की शादी वयस्क होने से पहले ही हो जाती है। लगभग 26.80% भारतीय लड़कियों की शादी कम उम्र में की जाती है, वहीं राजस्थान की 35.40% लड़कियों की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले कर दी जाती है।

किशोरियों में कुपोषण

दुर्भाग्य से, राजस्थान में किशोर- किशोरियों के कुपोषण की दर अधिक है, जो एक ही समय में चौंकाने वाला है। युवा लड़कों की तुलना में बहुत अधिक संख्या में युवा लड़कियां एनीमिया की शिकार हैं। 15 से 19 आयुवर्ग की 8000 से अधिक लड़कियां कुपोषण के कारण एनीमिया के शिकार हैं, जबकि इसी आयु वर्ग के 1185 लड़के भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं।

स्कूल ड्रॉप आउट  

शादी व घरेलू कमाई में योगदान करने के दबाव के कारण, राजस्थान की युवा लड़कियां अपनी किशोरावस्था में स्कूल छोड़ देती हैं। 15-16 वर्ष की एक विशाल संख्या, करीब 20.10% लड़कियां राजस्थान में स्कूल ड्राप आउट हैं, जबकि शेष भारत में यह आंकड़ा 13.50% है। इन ड्रॉप आउट के कई कारण है, जैसे आठवीं कक्षा के बाद स्कूल में कठिन पहुंच, स्कूलों में महिलाओं के लिए सुरक्षा और स्वच्छता की कमी और लड़कियों और लड़कों के बीच निवेश का अंतर। स्कूलों में लड़कियों के लिए बेहतर निवेश की दिशा में काम करना हमें फ़ायदा दे सकता है।

जैसा कि हम अपने व्यक्तिगत जीवन में महिलाओं और लड़कियों की सफलता का जश्न मनाते हैं, हमें राजस्थान में इन आँकड़ों को समान करने के लिए आवश्यक परिवर्तन लाने में योगदान देने के लिए समाज के बाकी लोगों के बीच शिक्षा और जागरूकता फैलाने का भी संकल्प लेना चाहिए।

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Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.

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