कायस्थ समाज के हर तबके के साथ समन्वय स्थापित कर उनकी निःस्वार्थ सेवा करने का संकल्प : राजीव रंजन प्रसाद
जीकेसी की प्रतिभाशाली लोगों की टीम सबका साथ और सबका विकास के साथ काम करने में कृत संकल्पित : वीरेन्द्र श्रीवास्तव
ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस पंजाब एवं चंडीगढ़ कार्यकारिणी की पहली बैठक संपन्न
जीकेसी परिवार पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्पित :रागिनी रंजन
विश्वकायस्थ महासम्मेलन वैश्विक स्तर पर कायस्थों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा : निष्का रंजन
चंडीगढ़, 25 जून कायस्थों के सामाजिक- आर्थिक और राजनीतिक उत्थान के लिए कार्यरत अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) पंजाब एवं चंडीगढ़ ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस कार्यकारिणी की पहली बैठक संपन्न हो गयी।
(जीकेसी) पंजाब एवं चंडीगढ़ ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस कार्यकारिणी की पहली बैठक जीकेसी पंजाब एवं चंडीगढ़ के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आहूत की गयी। इस दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद, प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन, मुख्य वित्तीय अधिकारी निष्का रंजन मौजूद थी। बैठक में अनूप कुमार श्रीवास्तव , महासचिव, के एम भटनागर : उपाध्यक्ष ट्रैनिंग,संजय सिन्हा :उपाध्यक्ष,मनोज निगम : उपाध्यक्ष मीडिया प्रभार, रवि रंजन : सचिव और खुशबू श्रीवास्तव :आईटी हेड मौजूद थे। सभी ने श्री प्रसाद के नेतृत्व में कायस्थ समाज के सर्वांगीण विकास और उत्थान के लिये उनकी हर संभव सहायता देने का संकल्प लिया।
बैठक में जीकेसी पंजाब और चंडीगढ़ ईकाई की ओर से सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए रोड मैप की रूपरेखा भी तैयार की गयी। बैठक को संबोधित करते हुये राजीव रंजन प्रसाद ने जीकेसी के सात मूलभूत सिद्धांत सेवा, सहयोग, संप्रेषण, सरलता, समन्वय, सकारात्मकता और संवेदशनीलता के बारे में विस्तृत जानकारी दी और उन्हें अपने जीवन में आत्सात करने पर जोर दिया। उन्होंने कायस्थ समाज के हर तबके के साथ समन्वय स्थापित कर उनकी निःस्वार्थ सेवा करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि देश के करीब सभी राज्यों में जीकेसी के प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकारिणी समिति का गठन कर दिया गया है और वहां जिला तथा प्रखंड स्तर पर कमेटियां गठित की जा रही हैं। हम सभी को मिलकर जीकेसी आगे बढ़ाने के लिए सोच और विचारधारा का ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वयन की जरूरत है। श्री प्रसाद ने बताया कि 19 दिसंबर को तालकटोरा स्टेडियम दिल्ली में विश्वकायस्थ महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। दिल्ली चलो एक नारा नहीं बल्कि एक मिशन है और इसकी तैयारी के लिये जीकेसी टीम मिलजुल कर अभी से तैयारी करने में लगी हुयी है।
जीकेसी पंजाब-चंडीगढ के अध्यक्ष वीरेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि जीकेसी का गठन का मूल मकसद कायस्थ समाज के लोगों का राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक विकास करना है। जीकेसी के गठन के साथ ही धरातल पर काम करने वाले प्रतिभाशाली लोगों की टीम बनायी गयी है, जो सबका साथ और सबका विकास के साथ काम करने में कृत संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ और पंजाब के कई कायस्थ महासभा से जुड़े संगठनों से उन्होंने संपर्क किया है, जिससे सभी कायस्थ समाज के लोग एक साथ एक ही प्लेटफॉर्म जीकेसी पर आ सकें। सभी ने जीकेसी के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है।दिल्ली चलो अभियान को सफल बनाने में उनकी टीम की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि गोग्रीन ड्राइव के तहत चंडीगढ़ और पंजाब के मुख्य स्कूलों से सम्पर्क किया जाएगा और हर क्लास में पास होने वाले प्रत्येक स्टूडेंट्स से एक पौधा लगाने की गुजारिश की जाएगी। सदस्यता अभियान को तेज कर पंजाब और चंडीगढ़ में जीकेसी का विस्तार किया जाएगा।
इस अवसर पर जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ने गो ग्रीन अभियान को पूरे देश में वृहद स्तर पर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समाज में जागरूकता लाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि धरा नहीं, तो सब धरा रह जायेगा। जीकेसी परिवार पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्पित है, इसे संरक्षित करने के लिए गो ग्रीन अभियान की शुरूआत की गयी है, जिसके अंतर्गत कई योजनाएं हैं जो पूरे देश में चलाई जाएगी। आज के वर्तमान पर्यावरण संकट से उबरने और भविष्य सुरक्षित करने का यह एक मात्र उपाय है, जिसके लिए जीकेसी के सभी सदस्य एवं पदाधिकारी संकल्पित हैं।
श्रीमती निष्का रंजन ने कहा कि 19 दिसंबर को आयोजित विश्वकायस्थ महासम्मेलन वैश्विक स्तर पर कायस्थों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा। हम कायस्थों के मनोविज्ञान को प्रेरित करना चाहते हैं जो हमेशा न्याय, पारदर्शिता और लोकतंत्र का स्तंभ रहा है| चंडीगढ़ की भूमि में जीकेसी की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब का अभूतपूर्व योगदान रहा है।
अनूप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सभी को मिलकर योजनाबद्ध तरीके से जीकेसी पंजाब-चंडीगढ़ ईकाई को विस्तार करने की जरूरत है।सदस्यता अभियान में संगठन की ओर से युवाओं और महिलाओं को जोड़ने पर विशेष जोर दिया जाएगा।
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