BHOJPURI MEDIA ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18 मॉडलिंग की दुनिया में खास पहचान बना चुके है ऋषभ कुमार खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है, जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है, लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ, जितनी गहराई अन्दर […]
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ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18
मॉडलिंग की दुनिया में खास पहचान बना चुके है ऋषभ कुमार
खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है,
जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है,
लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ,
जितनी गहराई अन्दर है, बाहर उतना तूफ़ान बाकी है…
जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है,
लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ,
जितनी गहराई अन्दर है, बाहर उतना तूफ़ान बाकी है…
ऋषभ कुमार अब मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में अपनी खास पहचान बना चुके हैं लेकिन उन्हें इस कामयाबी को पाने के लिये अथक परिश्रम का सामना भी करना पड़ा है। बिहार के सारण जिले में जन्में ऋषभ के पिता श्री चंद्र सिंह और मां श्रीमती प्रतिमा देवी घर के सबसे बड़े और लाडले को उच्चाधिकारी बनाने का ख्वाब देखा करती थी। बचपन के दिनों से ही ऋषभ की रूचि गीत-संगीत और अभिनय की ओर थी और वह स्टार बनने का सपना देखा करते । ऋषभ की बुआ पश्चिम बंगाल में रहती थी और वह उन्हें अपने साथ लेकर चली गयी जहां ऋषभ ने प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। बाद में ऋषभ अपनी चचेरी बहन के यहां उत्तर प्रदेश के बलिया चले गये जहां उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान ऋषभ ने स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अभिनय किया जिसके लिये उन्हें काफी सराहना मिली। इसके बाद ऋषभ अपने गृह जिले छपरा लौट आये।
बंदे है हम उसके हम पर किसका जोर | उम्मीदो के सूरज, निकले चारो और ||
इरादे है फौलादी, हिम्मती है कदम ||| अपने हाथो किस्मत लिखने आज चले है हम।
इरादे है फौलादी, हिम्मती है कदम ||| अपने हाथो किस्मत लिखने आज चले है हम।
अर्जुन रामपाल से प्रभावित रहने के कारण ऋषभ मॉडलिंग की दुनिया में अपना नाम रौशन करना चाहते थे इसी को देखते हुये वह आंखो में बड़े सपने लिये वह वर्ष 2014 में राजधानी पटना आ गये खुद से ही अपनी ग्रुमिंग शुरू की।इसी दौरान उन्हें मॉडलिंग हंट शो मिस्टर पटना में रैंप वाक करने का अवसर मिला जिसे लोगों ने काफी पसंद किया। वर्ष 2016 में ऋषभ ने राजधानी पटना में हुये मॉडलिंग हंट शो मिस्टर एंड मिस पर्सनालिटी में हिस्सा लिया ।कहते हैं अगर किसी चीज को दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की साजिश में लग जाती हैं। ऋषभ ने विजेता का ताज अपने नाम कर लिया।ऋषभ का मानना है कि जिंदगी में कुछ पाना हो तो खुद पर ऐतबार रखना ,सोच पक्की और क़दमों में रफ़्तार रखना कामयाबी मिल जाएगी एक दिन निश्चित ही तुम्हें ,बस खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना।
ऋषभ मॉडलिंग शो में भले विजेता बन गये लेकिन उनकी आंखो में कुछ बडे सपने थे।ऋषभ का का मानना है कि
बेहतर से बेहतर कि तलाश करो मिल जाये नदी तो समंदर कि तलाश करो
टूट जाता है शीशा पत्थर कि चोट से
टूट जाये पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो
टूट जाये पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो
वर्ष 2016 में ऋषभ ने टैलेंट हंट शो देव एंड दिवा में हिस्सा लिया जहां वह टॉप 5 में शामिल किये गये। ऋषभ ने मॉडलिंग शो में शिरकत करना जारी रखा।इसी दौरान उन्हें वर्ष 2017 में मिस्टर एंड मिस बॉलीवुड में शिरकत करने का अवसर मिला जहां वह सेकेंड रनर अप चुने गये।ऋषभ शो के विजेता नही बन सके लेकिन उन्होंने हिम्मत नही हारी। ऋषभ का मानना है कि
रात नहीं ख्वाब बदलता है,
मंजिल नहीं कारवाँ बदलता है;
जज्बा रखो जीतने का क्यूंकि,
किस्मत बदले न बदले ,
पर वक्त जरुर बदलता है |
मंजिल नहीं कारवाँ बदलता है;
जज्बा रखो जीतने का क्यूंकि,
किस्मत बदले न बदले ,
पर वक्त जरुर बदलता है |
ऋषभ को इसके बाद कई फैशन शो में रैंप वॉक और एड शूट में काम करने का अवसर मिला। इसके साथ ही ऋषभ ने निकॉन स्कूल औफ इंडिया की ओर से आयोजित नौ वर्कशॉप में फोटो शूट कराया है। ऋषभ की फैशन के प्रति समझ को देखते हुये उन्हें हाल ही में मिस्टर एंड मिस पर्सनालिटी सीजन 02 में जज बनाया गया। ऋषभ सामाजिक क्षेत्र से भी जुड़े है और इस दिशा में भी अपनी जिम्मेवारी को देखते हुये अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।
वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमाँ
हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है
हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है
बॉलीवुड के माचो मैन विदयुत जामवाल की सुपरहिट फिल्म कमांडो के सुपरहिट गाने तेरे दिल में क्या है बता दें का कवर सांग हाल ही में ऋषभ पर फिल्माया गया है जिसे लोगो ने काफी पसंद किया है। ऋषभ आज मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में कामयाबी की बुलंदियों पर है। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ ही अपनी करीबी मित्र प्रिया सिन्हा को भी देते है जिन्हें हर कदम उन्हें सपोर्ट किया है। ऋषभ अपनी सफलता का मूल मंत्र इन पंक्तियो में समेटे हुये हैं।
रख हौसला वो मन्ज़र भी आएगा,
प्यासे के पास चल के समंदर भी आयेगा;
थक कर ना बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आयेगा।
प्यासे के पास चल के समंदर भी आयेगा;
थक कर ना बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आयेगा।
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