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द ड्रीमर की ओर से आयोजित दस दिवसीय एक्टिंग एंड पर्सनालिटी वर्कशॉप संपन्न

द ड्रीमर की ओर से आयोजित दस दिवसीय एक्टिंग एंड पर्सनालिटी वर्कशॉप संपन्न

पटना 16 सितंबर इवेंट और रंगमंच से जुड़ी कंपनी द ड्रीमर की ओर से आयोजित दस दिवसीय एक्टिंग एंड पर्सनालिटी वर्कशॉप आज यहां संपन्न हो गया। द ड्रीमर के प्रबंध निदेशक सम्राट उपाध्याय ने राजधानी पटना के अशोक राजपथ में दस दिवसीय एक्टिंग और पर्सनालिटी डेवलपमेंट वर्कशॉप का आयोजन किया था।वर्कशाप में गेस्ट फैक्लटी के तौर पर सम्राट उपाध्याय के अलावा सुभ्रो भट्टाचार्य, धर्मेश मेहता ,अंजली शर्मा, उज्ज्वला गांगुली, हीरा लाल राय, रविकांत सिंह, विक्रांत चौहान मौजूद रहे जिन्होंने छात्रों को एक्टिंग और पर्सनालिटी डेवलपमेंट के टिप्स दिये।दस दिवसीय वर्कशॉप की खास बात यह रही कि इसमें एक्टिंग और पर्सनालिटी डेवलपमेंट के बारे में विस्तार से बताया गया।

सम्राट उपाध्याय ने बताया कि वर्कशॉप का उद्देश्य छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाना है जिससे वह जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता
प्राप्त कर सकें।इस तरह के वर्कशॉप अयोजित करने का मुख्य उद्देश्य यह था कि बिहार के जो बच्चे आगे चलकर सिल्वर स्क्रीन पर अपनी चमक बिखेरना चाहते हैं उनके लिये वर्कशॉप काफी कारगर साबित होगा।उन्होंने कहा कि फिल्म जगत में टैलेंट काफी मायने रखता है, हालांकि टैलेंट होता सबमे में है लेकिन उसे बिना गुरु के निखारा नहीं जा सकता है।वर्कशॉप में एक्टिंग के गुरुओं ने बच्चो को कलाकारी के गुण सिखाये और उनके टैलेंट को परखते हुए उन्हें एक नई उचाईयों तक पहुंचाने की कोशिश की। सम्राट उपाध्याय ने बताया कि जो छात्र एक्टिंग का शौक रखते हैं, अब उनके सारे शौक और सारे सपने पूरे होने वाले है। वर्कशॉप के दौरान छात्रों में काफी उत्साह देखने को मिला।छात्रों के लिये ये वर्कशॉप बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।वर्कशॉप में पर्सनालिटी डेवलपमेंट के भी टिप्स दिये गये।

सम्राट उपाध्याय ने बताया कि वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य बच्चों को समाज में विचरण करने के लिए जागरूक करना है कि आखिर समाज में रहकर खुद को कैसे डेवेलप करें। ऐसी वर्कशॉप के माध्यम से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा कि आज जॉब के हर सेक्टर में ऐसी पर्सनेलिटी का बेहद ध्यान रखा जाता है, ऐसे में बच्चों में उपरोक्त सभी कौशल विकास व्यक्तित्व का होना बेहद जरूरी है। सम्राट उपाध्याय ने बताया कि आज पर्सनालिटी डेवलपमेंट के मायने बदल गए हैं। कंपनियों में नौकरी देने से पहले आपका ड्रेस सेंस, डायनिंग सेंस
भी देखा जाता है।सोसायटी और साथ में काम करने वालों के साथ आपका व्यवहार सकारात्मक होना चाहिए। आपका पहनावा  भी आपके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ कहता है। हर मौके के लिए अलग-अलग ड्रेस होने चाहिये। उन्होंने छात्रों को कम्युनिकेशन स्किल और
इंटरपर्सनल स्किल के बारे में भी बताया और कहा कि किसी भी इंडस्ट्री के लिए यह दोनों स्किल बहुत ज़रूरी है क्योंकि बेहतर कम्युनिकेशन और इंटरपर्सनल स्किल के बिना इंडस्ट्री में काम करना असंभव है। वर्कशॉप के जरिए भविष्य की चुनौतियों के बारे में बताया गया है। वर्कशॉप में हिस्सा लेने वाले छात्रों में आशीष कुमार , आकाश उपाध्याय , लालजी प्रसाद , नमन मिश्रा , सत्या आर्या , कुमार शानू और अनुराग समेत कई अन्य शामिल थे।