22मार्च बिहार दिवस के अवसर पर विशेष गौरवशाली बिहार : डॉ अमित कुमार मुन्नू
सांस्कृतिक सम्पन्नता से पूर्ण बिहार का परिचय प्रस्तुत करना कठिन है। बिहार का आभा मंडल ही इतना प्रभावशाली है कि हर कोई इसकी ओर खींचा चला आता है। जिसके ह्रदय में स्वयं गंगा निवास करे उसकी उपमा क्या दी जा सकती है।जिसकी आकांक्षा ही इतनी विशाल है कि उसने अपनी पुत्री सीता के लिए ईश्वर को वर चुना।जिसकी गोद में बैठकर ज्ञान प्राप्त हो जाय, उसके विचारों को शब्दों में प्रकट करना लगभग असम्भव सा है। जहां के वायुमंडल में आदिकवि वाल्मीकि की काव्य गूंज रहा हों और जिसकी प्रतिध्वनि से स्वरबद्ध सभ्यताओं की झलक मिलती हो उसकी सुन्दरता को निहारे बिना कौन रह सकता है।
बिहार के मन में करूणा के साथ-साथ आन्दोलन का भी तेज भरा हुआ है।चाहे वो स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए हो या स्वतंत्रता के बाद अपनी सम्मान की रक्षा के लिए।हर परिस्थिति में बिहार राष्ट्र का प्रहरी बना रहा।जो शीर्ष पर रहकर भी विनम्र रहा, उसके मूल्यों को भुलाया नहीं जा सकता। असंख्य प्रतिभाशाली व्यक्तियों का सृजन यहां की माटी ने स्वयं अपने हाथों से किया है, फिर वो देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद के रूप में हो या बाबू ब्रजकिशोर प्रसाद या लोकनायक जयप्रकाश नारायण के रूप में हो।
बिहार का इतिहास करोड़ों वर्षों पुराना है पर 22मार्च1912को इसकी आधिकारिक स्थापना हुई और इस लिहाज से बिहार आज अपना 108वर्ष पूरा कर 109वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। बौद्ध धर्म के भिक्षु एवं भिक्षुणी के रहने के स्थान को विहार कहा जाता है। बिहार ने ही सर्वप्रथम गैरबराबरीवाद तथा कर्मकांड को चुनौती दिया था। जगतगुरु आदि शंकराचार्य को इसी बिहार में मंडन मिश्र की पत्नी भारती के हाथों पराजित होना पड़ा। जैन धर्म के 24तीर्थंकरों में से 16तीर्थंकरों की जन्म या मोक्ष भूमि बिहार है।
भगवान महावीर, सिक्ख पंथ के 10वें गुरु गोविन्द सिंह जी (दशमेश पिता),अर्थ शास्त्र के प्रवर्तक आचार्य चाणक्य,खगोलज्ञ आर्य भट्ट,व्याकरणाचार्य बोधायन, मैथिल कोकिल विद्यापति, ऋषि अष्टावक्र,याज्ञवल्वय, ऋषि अगस्त्य की जन्म भूमि, बौद्ध धर्म के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध की ज्ञान भूमि, आचार्य वचक्नु की बेटी गार्गी की जन्म भूमि, ऋषि अगस्त्य की पत्नी लोपामुद्रा जिसने ऋग्वेद में 320श्लोकों की रचना की और जिसे तीन अध्यायों में रचे ललित सहस्त्रनाम से जाना जाता है, उनकी कर्मभूमि, ऋषि याज्ञवल्क्य की दूसरी पत्नी मैत्रेयी, जिनके द्वारा रचित 10श्लोक ऋग्वेद में मिलते हैं तथा ऋषि याज्ञवल्क्य की पहली विदूषी पत्नी कात्यायनी आदि की कर्मभूमि रहा है। भारत को एक राजनीतिक इकाई के रूप में खड़ा करने वाले गुप्त तथा मौर्य साम्राज्य बिहार की पहचान हैं।
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