BHOJPURI MEDIA ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18 मां दुर्गा को प्रेरणाश्रोत मानती है मौसम शर्मा आज बादलों ने फिर साज़िश की जहाँ मेरा घर था वहीं बारिश की अगर फलक को जिद है ,बिजलियाँ गिराने की तो हमें भी ज़िद है ,वहि पर आशियाँ बनाने की अपनी हिम्मत और लगन के बदौलत नृत्यांगन हॉबी सेंटर की निदेशक […]
BHOJPURI MEDIA
ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18
मां दुर्गा को प्रेरणाश्रोत मानती है मौसम शर्मा
आज बादलों ने फिर साज़िश की
जहाँ मेरा घर था वहीं बारिश की
अगर फलक को जिद है ,बिजलियाँ गिराने की
तो हमें भी ज़िद है ,वहि पर आशियाँ बनाने की
जहाँ मेरा घर था वहीं बारिश की
अगर फलक को जिद है ,बिजलियाँ गिराने की
तो हमें भी ज़िद है ,वहि पर आशियाँ बनाने की
अपनी हिम्मत और लगन के बदौलत नृत्यांगन हॉबी सेंटर की निदेशक मौसम शर्मा आज डांस और फैशन की दुनिया में अपनी सशक्त पहचान बनाने में कामयाब हुयी है लेकिन इन कामयाबियों को पाने के लिये उन्हें अथक परिश्रम का सामना भी करना पड़ा है। वर्ष 1982 में भागलपुर में जन्मी मौसम शर्मा के पिता प्रभु दयाल शर्मा और श्रीमती अंजना देवी शर्मा बेटी को उच्चअधिकारी बनाना चाहते थे लेकिन मौसम शर्मा मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान से काफी प्रभावित थी और वह उन्हीं की तरह डांसर बनने का ख्वाब देखा करती। वर्ष 2002 में मौसम शर्मा की शादी हो गयी। शादी के बाद आम लड़की की तरह परिवार और पति को ही अपना सबकुछ मान लिया। शुरुआत में तो सब अच्छा चला लेकिन जैसे ही एक बेटी का जन्म हुआ सब कुछ बदल गया।ससुराल वालों के साथ पति ने भी बेटी के जन्म पर दुख जाहिर किया। मतभेद और मानसिक प्रताड़नाओं ने तलाक का रुप ले लिया।
परेशानियों से भागना आसान होता है
हर मुश्किल ज़िन्दगी में एक इम्तिहान होता है
हिम्मत हारने वाले को कुछ नहीं मिलता ज़िंदगी में
और मुश्किलों से लड़ने वाले के क़दमों में ही तो जहाँ होता है
हर मुश्किल ज़िन्दगी में एक इम्तिहान होता है
हिम्मत हारने वाले को कुछ नहीं मिलता ज़िंदगी में
और मुश्किलों से लड़ने वाले के क़दमों में ही तो जहाँ होता है
मौसम शर्मा ने अपने अंदर की ताकत को पहचाना अब वह जिंदगी की हर मुश्किलों का सामना कर एक मजबूत नारी के रूप में खड़ी है।उन्होंने कहा कि जब भी हम किसी काम को करने के लिये आगे आते है कई बार समाज और परिवार भी उसका विरोध करता है।लेकिन जब उसमें सफलता मिलती है तो वहीं लोग उसे सम्मान देने लगते है। मौसम शर्मा ने टाइपिस्ट की नौकरी से अपने जीवन की नयी शुरूआत की। मौसम शर्मा ने कहा कि एक बच्ची के साथ की परवरिश उतने पैसे में करना बहुत मुश्किल हो रहा था। माँ ने कहा भी की बच्ची को मेरे
पास छोड़ दो लेकिन मैंने खुद ही उसकी परवरिश करने का फैसला किया | पार्ट टाइम में मैंने डांस सिखाना शुरू कर दिया। सबने इसका विरोध किया लेकिन मुझे डांस करना शुरू से पसंद था इसलिए मैंने इसे जरी रखा। वर्ष 2004 मे मौसम शर्मा कोलकाता चली गयी जहां उन्होंने डांस में एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स किया।
पास छोड़ दो लेकिन मैंने खुद ही उसकी परवरिश करने का फैसला किया | पार्ट टाइम में मैंने डांस सिखाना शुरू कर दिया। सबने इसका विरोध किया लेकिन मुझे डांस करना शुरू से पसंद था इसलिए मैंने इसे जरी रखा। वर्ष 2004 मे मौसम शर्मा कोलकाता चली गयी जहां उन्होंने डांस में एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स किया।
जिंदगी में कुछ पाना हो तो खुद पर ऐतबार रखना
सोच पक्की और क़दमों में रफ़्तार रखना
कामयाबी मिल जाएगी एक दिन निश्चित ही तुम्हें
बस खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना।
सोच पक्की और क़दमों में रफ़्तार रखना
कामयाबी मिल जाएगी एक दिन निश्चित ही तुम्हें
बस खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना।
मौसम शर्मा ने वर्ष 2005 में जिंदगी का नया सफर अपनी बच्ची के साथ शुरू किया । एक कमरे में बच्चों को नृत्य का प्रशिक्षण देने लगी। वर्ष 2010 में पटना आ गयी । साथ में पिता भी थे । एक महीने तक वह साथ रहे इस दौरान एक छोटा सा फ्लैट लेकर नृत्य सिखाना शुरू किया । मौसम शर्मा ने इसके बाद नृत्यांगन हॉबी सेंटर की नींव रखी। मौसम शर्मा ने हाल ही में नृत्यांगन हॉबी सेंटर का तीसरा ब्रांच शुरू किया है। उनकी संस्था में आज 500 से अधिक महिलायें और बच्चियां डांस सीखती है। मौसम शर्मा ने अपनी बेटी को भी डांस सिखया आज वह इतनी पारंगत हो चुकी है की उसे कई बार सरोज खान ने अपने हाथो से अवार्ड दिया है।
दुआ है कि कामयाबी के हर शिखर पे आपका नाम होगा,
आपके हर कदम पर दुनिया का सलाम होगा,
हिम्मत से मुश्किलों का सामना करना,
हमारी दुआ है कि वक़्त भी आपका गुलाम होगा…
आपके हर कदम पर दुनिया का सलाम होगा,
हिम्मत से मुश्किलों का सामना करना,
हमारी दुआ है कि वक़्त भी आपका गुलाम होगा…
मौसम शर्मा ने कहा जो परिजन मुझे हीन दृष्टि से देखते थे वो मुझे अब सम्मान देते है | बेटी रिषिका श्री में मुझे अपनी परछाई नजर अति है मेरी शक्ति उसी से है| मैं जो भी हूँ उसके कारण ही हूँ और उसके लिए ही हूँ।मौसम शर्मा बॉलीवुड, फोक वेस्टर्न सालसा एरोबिक और जुम्बा सहित कई तरह के डांस सिखाती है। इसके अलावा महिलाओ और लड़कियों को योग की भी ट्रेनिग देती है।मौसम शर्मा ने कहा कि मैंने बेटी को भी आत्मरक्षा के लिए जुडो कराटे की ट्रेनिंग दिलाई है वो ब्लैक बेल्ट है। कराटे के लिए उसे मुकेश खन्ना ने सम्मानित किया।बेटी की इच्छा है कि वह आइएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करे ।
परिंदो को मिलेगी मंज़िल एक दिन
ये फैले हुए उनके पर बोलते है
और वही लोग रहते है खामोश अक्सर
ज़माने में जिनके हुनर बोलते है
ये फैले हुए उनके पर बोलते है
और वही लोग रहते है खामोश अक्सर
ज़माने में जिनके हुनर बोलते है
मौसम शर्मा आज कामयाब महिलाओं में शुमार की जाती है। उनकी काबलियत को देखते हुये उन्हें फैशन और मॉडलिंग शो में बिहार के पर्यटन विभाग तथा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम में सम्मानित किया गया है। पिछले साल हुये दशहरा महोत्सव के दौरान मौसम शर्मा के नृत्यांगन सेंटर के बच्चों ने परफार्म किया जिसे लोगों ने काफी पसंद किया।मौसम शर्मा ने कहा ,मैंने पैसे को कभी महत्व नही दिया । बस महिलाओं को सशरक्त बनाने का जूनून सवार हो गया। लड़कियों को प्रशिक्षण दे रही हूँ । जो सक्षम नही है उन्हें ऐरोबिक्स ,जुबां डांस योगा पिलाटे का निशुलक प्रशिक्षण दे रही हूँ । मेरे लिये नकारात्मक बातों के लिये स्थान नही । उन्होने कहा कि जब वह विचलित होती है तो दुर्गा मां की ओर देखती है। उन्हें शक्ति मिलती है। उनके जीवन में नकारात्मक बातों के लिये कोई स्थान नही। हमेशा सकारात्मक सोच रहती है। इसके बाद भी मन बोझिल होता है तो अकेले में आंसू बहाकर खुद को मजबूत महसूस करती हूँ ।
खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है,
जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है,
लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ,
जितनी गहराई अन्दर है, बाहर उतना तूफ़ान बाकी है…
जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है,
लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ,
जितनी गहराई अन्दर है, बाहर उतना तूफ़ान बाकी है…
मौसम शर्मा प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से कत्थक डांस से वर्ष 2015 में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वर्ष 2017 में कत्थक की मास्टर डिग्री हासिल की । इसी वर्ष मौसम शर्मा ने अपने परम मित्र और बिजनेस पार्टनर रवि राज से शाद कर ली। मौसम शर्मा अब कत्थक से पीएचडी कर रही है। मौसम शर्मा सामाजिक क्षेत्र से भी जुड़ी है। उन्होंने बताया कि वह साकेत प्रियदर्शी के रेनबो होम से जुड़कर बच्चों को मुफ्त शिक्षा और डांस का प्रशिक्षण दे रही है। मौसम शर्मा का सपना वृद्धाश्रम खोलने का भी है। मौसम शर्मा आज कामयाबी की बुलंदियों पर है। मौसम शर्मा के सपनें यूं ही नही पूरे हुये हैं यह उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है। मौसम शर्मा ने बताया कि वह अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपने पति को देती है जिन्होंने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया है।मौसम अपने पति को रियल हीरो मानती है उन्हें याद कर गुनगुनाती है , मिले हो तुम हमको बड़े नसीबों से चुराया है मैंने किस्मत की लकीरों से , सदा ही रहना तुम मेरे करीब होके चुराया है मैंने किस्मत की लकीरों से।
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