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अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भोजपुरी की प्रस्तुति मुझे गौरवान्वित करती हैं – कल्पना

BHOJPURI MEDIA ANKIT PIYUSH अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भोजपुरी की प्रस्तुति मुझे गौरवान्वित करती हैं – कल्पना  अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भोजपुरी के शेक्सपीयर भिखारी ठाकुर की कालजयी रचनाओं की प्रस्तुति कर मै काफी गौरवान्वित होती हूँ, यह मेरे लिए चौथा मौका है जब भोजपुरी गीत-संगीत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का सौभाग्य मिला, इसके पहले […]
BHOJPURI MEDIA

ANKIT PIYUSH

अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भोजपुरी की प्रस्तुति मुझे गौरवान्वित करती हैं – कल्पना
 अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भोजपुरी के शेक्सपीयर भिखारी ठाकुर की कालजयी रचनाओं की प्रस्तुति कर मै काफी गौरवान्वित होती हूँ, यह मेरे लिए चौथा मौका है जब भोजपुरी गीत-संगीत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का सौभाग्य मिला, इसके पहले ‘लिजेंसी ऑफ भिखारी ठाकुर’ को मॉरिशस में प्रस्तुत करने का मौका मिला था। इसका लोकार्पण मॉरिशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने किया था। इसके बाद लैटिन अमेरिका में, फिर नार्वे में भिखारी ठाकुर के गीतों को प्रस्तुत करने का मौका मिला।
उक्त बातें कॉमन वेल्थ गेम्स 2018  में परफॉर्मेंस कर लौटी प्रसिद्द गायिका कल्पना पटवारी ने आज पटना में एक प्रेस वार्ता सम्मलेन के दौरान कही। कल्पना ने आगे बताया कि आज के दौर में भोजपुरी लोक संगीत की  मांग बढ़ी है।
इसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर खूब पसंद किया जा रहा है। ऐसे में भोजपुरी के माध्यम से भिखारी ठाकुर के रचनाओं की प्रस्तुति कर मैं बहुत ही गौरवान्वित होती हूं। साथ ही जब भी कोई मुझसे यहाँ के संस्कृति और भाषाओ के बारे में जिक्र करता है तो मै यहां के अलग अलग भाषाओ के बारे में , यहां के समृद्ध संस्कृति के बारे में बृहद रूप से बताती हू, आर्ट और कल्चर किसी भी समाज के विकास में काफी योगदान करता है। उदाहरण के तौर पर यहाँ की छठ महापर्व जिसमे हिन्दू मुस्लिम तमाम धर्म के लोग आस्था के साथ भाग लेते हैं।
 कल्पना ने आगे कहा की मै अक्सर बिहार के ग्रामीण इलाकों में शो के लिए या निजी कार्यक्रमों के लिए जाती रहती हैं और सभी जगह स्थानीय कलाकारों में गजब की प्रतिभा देखने को मिलती है, और अपनी प्रतिभा को निखारने की जानकारी नही होने की वजह से उनकी कला वहीँ तक सिमित रह जाती है ग्रामीण कलाकारों में उनकी छुपी हुई प्रतिभा या अभावों और जानकारी के अभाव में सो चुकी उनकी प्रतिभा को उभारने की जरुरत है।

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martin

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