डासिंग के क्षेत्र में सफलता की नयी इबारत लिख रहे हैं सद्दाम हुसैन
कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं। इस बातको साबित कर दिखाया है सद्दाम हुसैन ने ।अपनी मेहनत और लगन से सद्दाम हुसैन ने डांस की दुनिया में सफलता की नयी इबारत लिखी है।उन्होंने अपने करियर के दौरान कड़े संघर्ष, चुनौतियों का सामना किया और कामयाबी का परचम लहराया।
वर्ष 1993 में महाराष्ट्र के मुंबई में जन्में सद्दाम के पिता
रज्जाक शेख और मां मरियम शेख ने उन्हें अपनी राह खुद चुनने की आजादी थी। बचपन के दिनों में ही सद्दाम के सर से पिता का साया उठ गया । पांचवी की पढ़ाई पूरी करने के बाद घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से सद्दाम
को पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ गयी। सद्दाम कपड़े की दुकान में काम करने लगे। डासिंग गूरू गणेश हेगड़े और प्रभुदेवा को आदर्श मानने वाले सद्दाम उन्ही की तरह बतौर डांसर अपनी पहचान बनाना चाहते थेऔर इसी को देखते हुये
उन्होंने डांस सीखना शुरू कर दिया।
सद्दाम की मेहनत रंग लायी और जल्द ही वह बतौर डांसर अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गये।सद्दाम हुसैन ने इसके बाद डांस कंपटीशन में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। वर्ष 2013 में सद्दाम को डीडी वन पर प्रसारित होने वाले डांस कंपटीशन भारत की शान शिरकत करने का अवसर मिला और उन्होंने अपनी प्रतिभा से लोगों का दिल जीत लिया और रनर अप बने। इसके बाद 2017 मे सद्दाम हुसैन को जीटीप पर प्रसारित होने वाले रियालिटी डांस शो डांस इंडिया डांस (डीआईडी) सीजन 05 में हिस्सा लिया और वह टॉप 5 में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुये। शो के दौरान डांसिंग शोके जज मिथुन चक्रवर्ती ने सद्दाम की काफी प्रशंसा की और उन्हें इबादत हुसैन नाम दिया।
इसके बाद सद्दाम हुसैन ने कई डांसिंग कार्यक्रमों को कोरियोग्राफ करने का अवसर मिला। सद्दाम हुसैन ने हाल ही में मुंबई में डांस इंस्टीच्यूट एस फिलिप खोला है।सद्दाम आज डांसिंग के क्षेत्र में अपनी अलहदा पहचान बनाने में कामयाब हुये। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने शुभचिंतको खासकर मां मरियम शेख को दिया है जिन्होने उन्हें हर कदम सपोर्ट किया है।
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