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दोनों राष्ट्रों में सांस्कृतिक संबंधों को और भी प्रगाढ़ करेगा भारत-मौरिशस-मैत्री-संघ /

दोनों राष्ट्रों में सांस्कृतिक संबंधों को और भी प्रगाढ़ करेगा भारत-मौरिशस-मैत्री-संघ /
दोनों राष्ट्रों में सांस्कृतिक संबंधों को और भी प्रगाढ़ करेगा भारत-मौरिशस-मैत्री-संघ /

दोनों राष्ट्रों में सांस्कृतिक संबंधों को और भी प्रगाढ़ करेगा भारत-मौरिशस-मैत्री-संघ / संघ के अध्यक्ष डा अनिलसुलभ ने कहा शीघ्र गठित होगी नयी कार्य समिति, अप्रैल में मौरिशस जाएगा सांस्कृतिक-दल ।

पटना, 08 जनवरी । भारत-मौरिशस मैत्री संघ, दोनों राष्ट्रों के मध्य, साहित्यिक-सांस्कृतिक-यात्राओं और आदान-प्रदान के माध्यम से, सांस्कृतिक-संबंधों के विकास और विस्तार के लिए इस वर्ष से अनेक उपाए करेगा। आगामी अप्रैल में आहूत होने वाले ‘विश्व भोजपुरी महोत्सव’ में संघ का एक वृहद् सांस्कृतिक-समूह मौरिशस की यात्रा करेगा, जिसमें कवियों, कवयित्रियों और संस्कृति-कर्मियों की भागीदारी होगी।

संघ की वरिष्ठ संरक्षिका तथा मौरिशस-सरकार द्वारा गठित ‘भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन’ की अध्यक्ष और सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा सरिता बुधु की उपस्थिति में, सोमवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में सपन्न हुई, संघ की आमसभा की अध्यक्षता करते हुए, संघ के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने यह घोषणा की। उन्होंने शीघ्र ही नयी कार्यसमिति गठित करने की भी घोषणा की। संघ की विगत बैठक में उन्हें नयी कार्यसमिति के गठन हेतु अधिकृत किया गया था।

डा सुलभ ने कहा कि वर्ष २००५ में, जिन दिनों मुखेश्वर चुनी भारत में मौरिशस के राजदूत थे, पटना में बिहार मौरिशस मैत्री संघ की स्थापना हुई थी, जिसे बाद में भारत मौरिशस मैत्री संघ में बदला गया था। श्री चुनी संघ के मुख्य संरक्षक बनाए गए थे। इस संघ के माध्यम से मौरिशस के महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों की जन्मभूमि की खोज का एक बड़ा काम किया गया, जिसमें श्री चुनी की पुराभूमि की खोज भी सम्मिलित है। वर्ष २०१० में जब मौरिशस के तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम अनिरुद्ध जगन्नाथ अपनी पत्नी सरोजनी जगन्नाथ के साथ बिहार की यात्रा पर आए थे, तो उनका पटना के होटेल मौर्य में एक भव्य नागरिक अभिनन्दन संघ के तत्त्वावधान में ही किया गया था।

सभा को संबोधित करती हुई डा सरिता बुधु ने कहा कि मौरिशस का भारत और विशेषकर बिहार के साथ अत्यंत गहरा ‘आत्मा का संबंध’ है। हमारे पुरखे यहीं से वहाँ गए। दोनों राष्ट्रों के बीच जो आत्मिक सूत्र-बंधन है, उसे मैत्री-संघ और प्रगाढ़ करेगा। भारत-मौरिशस मैत्री-संघ के साथ बिहार-मौरिशस मैत्री-संघ का भी अस्तित्व बचाए रखना चाहिए। यह संघ दोनों देशों के बीच केवल साहित्यिक और सांस्कृतिक संबंधों पर ही नहीं, शैक्षणिक और व्यावसायिक उन्नयन के प्रसंगों पर भी विचार करेगा और उसे सुदृढ़ करेगा।

बैठक में मौरिशस के राष्ट्रपिता सर शिवसागर रामगुलाम के बिहारी वंशज देव नारायण ओझा, डा शंकर प्रसाद, डा मधु वर्मा, डा पूनम आनंद, डा पुष्पा जमुआर, डा अर्चना त्रिपाठी, पारिजात सौरभ, डा प्रतिभा रानी, शशि भूषण कुमार, चंदा मिश्र, डा मेहता नगेंद्र सिंह, सरिता कुमारी, इन्दु उपाध्याय, डा विद्या चौधरी, किरणकांत वर्मा, सदानन्द प्रसाद, डा मनोज गोवर्द्धनपुरी, सिद्धेश्वर, नीरव समदर्शी, ई अशोक कुमार, प्रो सुशील कुमार झा, ई अवध बिहारी सिंह, कृष्णरंजन सिंह, लता प्रासर, सुजाता मिश्रा, ब्रह्मानन्द पाण्डेय, प्रेमलता सिंह राजपुत, डा शिव बालक राय प्रभाकर, अरविन्द अकेला, प्रेम कुमार, विजय कुमार दिवाकर, राहूल कुमार सिंह, कमल किशोर वर्मा, बिन्देश्वर प्रसाद गुप्ता आदि उपस्थित थे।

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Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.