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माइंडफुलनेस पर आधारित कार्यशाला का वर्चुअल आयोजन

माइंडफुलनेस पर आधारित कार्यशाला का वर्चुअल आयोजन
माइंडफुलनेस पर आधारित कार्यशाला का वर्चुअल आयोजन

माइंडफुलनेस पर आधारित कार्यशाला का वर्चुअल आयोजन

मैडिटेशन और माइंडफुलनेस जीवन में लायेगी सकारात्मकता : राजीव रंजन
मैडिटेशन और माइंडफुलनेस को बच्चों के जीवन में शामिल करने की जरूरत : राजीव रंजन
माइंडफुलनेस आध्यात्म से मिलती जुलती तकनीक : अशीष भटनागर

पटना/नयी दिल्ली, 25 मई ।ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के सौजन्य से माइंडफुलनेस पर आधारित वर्चुअल कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें लोगों को तनाव, अवसाद, नकारात्मकता से बाहर निकलने के तरीके बताये गये।
जीकेसी के सौजन्य से जीकेसी सेशेल्स चैप्टर के अध्यक्ष डा:आशीष भटनागर के सानिध्य में माइंडफुलनेस पर बेहद महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के प्रथम सत्र में बताया गया कि आज के समय में जहां तनाव, अवसाद, नकारात्मकता और भय का माहौल है, वहां आवश्यकता है सकारात्मकता की और वह माइंडफुलनेस से ही संभव है।

आशीष भटनागर ने बताया कि माइंडफुलनेस अध्यात्म से मिलती जुलती एक तकनीक है, या थेरेपी है, जिसमें व्यक्ति को वर्तमान में जीने की प्रेरणा दी जाती है। यह तकनीक प्राचीन भारतीय सभ्यता का अभिन्न अंग रही है और अभी विदेशों में माइंडफुलनेस बहुत ही लोकप्रिय विषय है। इस थेरेपी में हमें हमारे आस पास हो रही घटनाओं के प्रति जागरूक होना सिखाया जाता है। आध्यात्म में एक तय समय पर तैयारी के साथ ध्यान लगाना होता है वहीं माइंडफुलनेस में आप हर परिस्थिति में कैसे सजग रहें, और ध्यान योग के माध्यम से उस परिस्थिति को महसूस करें।माइंडफुल होना वर्तमान क्षण में केंद्रित जागरूकता की स्थिति है, जो आपके दिमाग को भविष्य की चिंता और भूतकाल के किसी कड़वे अनुभव, दोनों से दूर रखता है। यह है वर्तमान में जीने की कला. माइंडफुलनेस के कई फायदे हैं जिनमें प्रमुख हैं, 1. तनाव मुक्त जीवन ,2. भावनात्मक स्थिरता, 3. एकाग्रता का बढ़ना ,4. क्रोध पर नियंत्रण 5. मन में शांति और खुशी
6. अच्छी नींद आना, 7. आपसी समझ और सहयोग में बढ़ावा,8. सही निर्णय लेने में आसानी।

इस अवसर पर जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि मौजूदा समय में एक व्यक्ति बहुकार्यन यानी मल्टीटास्कर बन गया है ,योग्यता के अनुरूप अपेक्षाएं और प्रतिस्पर्धा बढ़ गयी है, वही लोग मानसिक स्ट्रेस के शिकार होते जा रहे हैं ,जिसको समझना अत्यंत आवश्यक है।योग ध्यान एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्रिया है और इसे बच्चों के जीवन में शामिल करें जिससे वे मानसिक और शारिरिक रूप से स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सके।मैडिटेशन और माइंडफुलनेस आपके जीवन में सकारात्मकता लाएगी ।खुश रहने का चुनाव आपको खुद करना है। शरीर को स्वस्थ भोजन के साथ साथ मन को सकारात्मक रखना ज़रूरी है जिससे नकारात्मक विचार आप पर हावी न हों।

जीकेसी डिजिटल एवं संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद सिन्हा ने कहा कि डिजिटल माध्यम से और भी विषयों पर बहुत जल्द दूसरे सत्र भी आयोजित होंगे, साथ ही साथ जीकेसी के यूट्यूब चैनल से और भी इनफार्मेशन प्रकाशित की जाएगी। उन्होंने बताया कि माइंडफुलनेस पर आधारित कार्यशाला के दूसरे सत्र का वर्चुअल आयोजन 30 मई को होगा।

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Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.

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