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कला-संस्कृति सामाजिक परिवर्तन और जागरूकता का सशक्त माध्यम : राजीव रंजन प्रसाद

कला-संस्कृति सामाजिक परिवर्तन और जागरूकता का सशक्त माध्यम : राजीव रंजन प्रसाद
कला-संस्कृति सामाजिक परिवर्तन और जागरूकता का सशक्त माध्यम : राजीव रंजन प्रसाद
कला-संस्कृति सामाजिक परिवर्तन और जागरूकता का सशक्त माध्यम : राजीव रंजन प्रसाद

कोरोना से डरने नहीं, लड़ने की जरूरत : राजीव रंजन प्रसाद
कोरोनो की जंग में जागरूकता अभियान चलायेगी जीकेसी
पटना, 10 मई वैश्विक  महामारी कोरोना की जंग में लोगों को सकारात्मक बनाने के लिये ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) जागरूकता अभियान चलायेगी।
     जीकेसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कमल किशोर ने बताया कि कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के अधिकारियों की पहली वर्चुअल मीटिंग जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद की अध्यक्षता में संपन्न हुयी। वर्चुअल मीटिंग में कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पदाधिकारियों ने शिरकत की। वर्चुअल मीटिंग का सफल संचालन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौरभ श्रीवास्तव ने किया।इस अवसर पर जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर से पूरा देश परेशान है। कोरोना वायरस के डर से घरों में बैठे लोग तनाव का शिकार होने लगे हैं। लोगों के जीवन में सकारात्मकता लाने के लिये जीकेसी अपने सात मूल सिद्धांत सेवा, सहयोग, संप्रेषण,सरलता, समन्वय, सकारात्मकता और संवेदशनीलता का अनुपालन करते हुये कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाने जा रहा है। उन्होंने कहा कि कला ऐसा माध्यम है जो लोकप्रिय होने के साथ-साथ इसका असर भी लोगों तक काफी तेजी से होता है। कला एवं संस्कृति सामाजिक परिवर्तन का बहुत ही सशक्त माध्यम है। सामाजिक विषमताओं को दूर करने में यह अहम भूमिका निभा सकता है। स्वर्णिम संस्कृति से ही स्वर्णिम संसार बनेगा। कोरोना से डरें नहीं, बल्कि डटकर मुकाबला करें, अपनी संवेदनशीलता के साथ दूसरे को भी जागरूक करें।
   इस अवसर पर कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देव कुमार लाल ने बताया कि समाज में कलाकारों का बहुत महत्व है। कलाकारों की एक-एक बातों का समाज अनुसरण करता है। कलाकारों में इतनी ताकत है कि वह समाज को दिशा देने का कार्य कर सकता है। कला, संस्कृति और साहित्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। जनमानस में सामाजिक समस्याओं को उजागर करने,उनके प्रति सामाजिक जागरूकता पैदा करने और स्वस्थ मनोरंजन के लिए कला-संस्कृति के विविध रूप गीत-संगीत और अभिनय प्रभावशाली माध्यम रहा है। हम युगों से समाज के सजग नागरिक सामाजिक सरोकारों से आम आदमी को जोड़ने के लिए कला के माध्यम का प्रयोग करते आ रहे हैं।
    कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक दीप श्रेष्ठ ने कहा कि कोरोना महामारी की जंग में लोगों को जागरूक बनाने के लिये कला-संस्कृति प्रकोष्ठ प्रतिबद्ध है। जल्द ही वर्चुअल सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर हम लोगों के बीच कोरोना के प्रति जागरूक करने का प्रयास करेंगे। रचनात्मक क्रियाएं जीवन को जीवंत और सकारात्मक बनाये रखती हैं।कोरोना काल में अध्यात्म,जागरूकता के साथ साथ रचनात्मक क्रिया कलापों से लोगों के जीवन को सकारात्मकता से भरने का प्रयास करेगा जीकेसी का कला संस्कृति प्रकोष्ठ।
  वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव ने कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ की इस मीटिंग को अद्भुत एवं अविस्मरणीय बताया और सभी कलाकारों को ‘आह्वान करते हुये कहा कि सभी लोगो को आगे आकर ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस का प्रचार,प्रसार करने की जरूरत है। उन्होने त्रिकाल संध्या का श्लोक सुनाकर उसके महात्व को समझाया और कहा कि सभी बच्चो के जीवन में त्रिकाल संध्या आये तो अच्छी बात होगी। इस अवसर पर सबों ने मिलकर प्रार्थना की कि जो लोग इस महामारी से पीड़ित हैं उन्हें जल्द स्वस्थ लाभ मिले और हमे जल्द से जल्द इस वैश्विक महामारी से निजात मिले।
    वर्चुअल सभा में मनोज श्रीवास्तव, आनंद कुमार सिन्हा, प्रेम कुमार, पवन सक्सेना, प्रिया मल्लिक, रवि कुमार सिन्हा, श्रुति सिन्हा, अनुराग समरूप, श्वेता सुमन, तन्मय सिन्हा, मंजू श्रीवास्तव, सुनील श्रीवास्तव, सौरभ श्रीवास्तव, सावेरी वर्मा, डा: नम्रता आनंद, हनी प्रिया, पिंकी दत्ता, अनिल सिन्हा, यतीश सिन्हा, प्रवीण बादल, वंदना श्रीवास्तव, प्रीति श्रीवास्तव, नवनीत नमन, तनुश्री सिन्हा, रितेश कुमार सिन्हा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

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Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.

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