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ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18
होटल एवं टूरिज्म मैनेजमेंट के क्षेत्र में खास पहचान बना चुके हैं ली
खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है,
जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है,
लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ,
जितनी गहराई अन्दर है, बाहर उतना तूफ़ान बाकी है…
अपनी मेहनत की बदौलत होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में ली ने अपनी खास पहचान बनायी है लेकिन उन्हें इस कामयाबी को पाने के लिये अथक परिश्रम का सामना भी करना पड़ा है। वर्ष 1976 में हांगकांग में जन्में ली के पिता सुभाष टी ली और मां वीणा ली बेटे को अपनी राह खुद चुनने की आजादी थी। ली होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते थे। इसी को देखते हुये ली ने वर्ष 1995 में सिंगापुर से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की और वह संगरिला होटल में बतौर मैनेजर काम करने लगे।इसी दौरान उनका रूझान संगीत की ओर भी हो गया और वह संगीत बैंड के साथ जुड़ गये जहां वह ब्रिटिश गायक के तौर पर गाने लगे। वर्ष 2000 में ली अपनी मां के साथ भारत आ गये। ली की मां फैशन डिजाइनर थी। कुछ समय के बाद ली कश्मीर चले गये जहां वह होटल मैनेजर के तौर पर काम करने लगे।
जिंदगी में कुछ पाना हो तो खुद पर ऐतबार रखना
सोच पक्की और क़दमों में रफ़्तार रखना
कामयाबी मिल जाएगी एक दिन निश्चित ही तुम्हें
बस खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना।
वर्ष 2003 में ली एक बार फिर भारत आ गये । दिल्ली में ली होटल मैनेजर के तौर पर काम करने लगे।इसके बाद ली ने ताज ग्रुप ,गंगे ग्रुप सूर्या ग्रुप ऑफ होटल मखाना एक्सप्रेस समेत कई गुपस ऑफ होटल में मैनेजर के तौर पर काम किया। वर्ष 2014 में ली राजधानी पटना आ गये और होटल रिपब्लिक में मैनेजर के तौर पर काम करने लगे और जल्द ही उन्होने अपनी पहचान बना ली। ली को पटना में होने वाले कई कार्यक्रमों में बतौर मुख्य अतिथी और जज के तौर पर आमंत्रित किया जाने लगा।
वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमाँ
हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है
वर्ष 2017 में ली को बिग गंगा चैनल पर प्रसारित रियलिटी शो रसोई की रानी में बतौर जज शिरकत करने का अवसर मिला। ली आज के समय में मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपनी खास पहचान बना चुके हैं।वह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ ही अपने शुभचिंतको भी देते है जिन्हें हर कदम उन्हें सपोर्ट किया है। ली अपनी सफलता का मूल मंत्र इन पंक्तियो में समेटे हुये हैं।
परेशानियाँ दिखाकर तुमको तो डराएंगी ही,
चलते रहना कि कदम रुकने ना पायें
अरे मंजिल तो मंजिल ही है एक दिन तो आएगी ही।
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