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मैं कुछ भी कर सकती हूँ’ ने कानपुर की सुमन सिंह को अपनी बेटियों को शिक्षित बनाने के लिए किया प्रेरित

मैं कुछ भी कर सकती हूँ ने कानपुर की सुमन सिंह को अपनी बेटियों को शिक्षित बनाने के लिए किया प्रेरित

सुमन अब अपने आस पास के गाँवों में लोगों को दे रही हैं बेटियों को महत्व देने का संदेश

कानपुर देहात की रहने वाली 35 वर्षीय सुमन सिंह दो बेटियों और एक बेटे की माँ हैं। टीवी शो मैं कुछ भी कर सकती हूँ की नायिका डॉ. स्नेहा से प्रेरित होकर उन्होंने पितृसत्तात्मक मानदंडों के खिलाफ लड़ाई लड़कर अपनी बेटियों को शिक्षित बनाया। उनकी बड़ी बेटी अब रेडियो जॉकी है जबकि छोटी पुलिस अधिकारी बनने के लिए तैयारी कर रही है। सुमन ने शो के तीनों सीजन को फॉलो किया है जो महिलाओं के अधिकारों,  स्वास्थ्य और परिवार नियोजन से संबंधित है। सुमन यह इस बात का एक उदाहरण हैं कि इस शो ने देश के दूर-दराज के इलाकों में लोगों को कैसे प्रेरित किया और उनकी मदद की है।

टीवी शो मैं कुछ भी कर सकती हूँ, भारत के राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया  (PFI) द्वारा निर्मित एक अनूठा कार्यक्रम है। शो को दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो, कम्यूनिटी रेडियो स्टेशनों,  इंटर एक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया के माध्यम से तीन सीजन में प्रसारित किया गया है। यह शो मनोरंजन पूर्ण तरीके से पिछड़े सामाजिक मानदंडों कोचुनौती देता है जो लड़कियों और महिलाओं के जीवन को प्रभावित करते हैं और उनकी शिक्षा, काम, विवाह, स्वास्थ्य की देखभाल और परिवार नियोजन पर असर डालते हैं। उत्तरप्रदेश के कानपुर देहात जिले के बैरीदरियाव गाँव की रहने वाली सुमन को अपनी बेटियों की शिक्षा जारी रखने की खातिर पैसों के लिए संघर्ष करना पड़ा। हालाँकि उनके पति शुरू में बेटियों की पढ़ाई – लिखाई के पक्ष में नहीं थे लेकिन अब उनकी सफलता को देख कर वे आश्वस्त हैं।

सुमन सिंह कहती हैं,

” अगर मैं मैं कुछ भी कर सकती हूँ नहीं देखती तो मैं घर से बाहर नहीं निकल पाती या अपनी बेटियों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित नहीं

कर पाती। हमने शायद अब तक उनकी शादी कर दी होती लेकिन आज हम उनकी शादी के लिए आने वाले प्रस्तावों को खारिज कर रहे हैं। ”इस गर्वित माँ ने कहा कि उनकी बेटियों को शादी के बारे में सोचने से पहले खुद को अपने करियर में स्थापित करना होगा। “मैं कुछ भी कर सकती हूँ ने मुझे एक पहचान दी है जिसको मैं जीवन भर संजोकर रखूँगी। डॉ.स्नेहा ने हमारे लिए जो किया है उसके लिए मैं उनसे मिलकर उनको धन्यवाद देना चाहती हूँ”  सुमन ने अपनी बहन को भी गर्भनिरोधक अपनाने के लिए  प्रेरित किया। साथ ही शो के संदेश को प्रचारित करने के लिए उन्होंने अपने पड़ोसी गाँवों का दौरा किया और माता – पिता को अपनी बेटियों को शिक्षित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

पीएफआई की कार्यकारी निदेशक, पूनम मुत्तरेजा कहती है, “मैं कुछ भी कर सकती हूँ के पीछे का उद्देश्य देशभर के लोगों तक पहुँच बनाकर बदलाव लाने में मदद करना था। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि हमारे शो ने सुमन को अपनी बेटियों के अधिकारों के लिए लड़ने के साथ ही शो का संदेश अपने समुदाय में फैलाने के लिए प्रेरित किया। वह और बुंदेलखंड की 23 वर्षीय लद्कुँवर कुशवाहा जैसे अन्य लोग हैं जो कॉलेज जाने वाली अपने गाँव की पहली लड़की बन गई हैं। शो को देखने के बाद मध्यप्रदेश के छतरपुर में पुरुषों का एक समूह अपनी पत्नियों को सपोर्ट और उनकी देखभाल करने वाले पतियों में तब्दील हो गया। वे इसके सबूत हैं मनोरंजन लोगों के जीवन को कैसे बदल सकता है। ”

हाल ही में मैं कुछ भी कर सकती हूँ के कुल 183 एपिसोड का तीसरा सीज़न खत्म हुआ।

इस शो की कहानी मुंबई में काम करने वाली एक सफल डॉ.स्नेहा माथुर के इर्द गिर्द घूमती है जो सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के मकसद से अपनी नौकरी छोड़कर अपने गांव प्रतापुर वापस चली जाती हैं। कई रिपीट टेलीकास्ट के साथ यह शो दूरदर्शन के प्रमुख कार्यक्रमों में शामिल है जिसको 13 अलग-अलग भारतीय भाषाओं में डब और प्रसारित किया गया है। साथ ही इसको ऑल इंडिया रेडियो के देशभर के 216 स्टेशनों पर भी प्रसारित किया गया है। तीसरे सीजन के लिए पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PFI)  को आरईसी फाउंडेशन और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से सहयोग मिला है।

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Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.

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