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भोजपुरी सिनेमा संकट के दौर में गुजर रहा : मृदुल शरण

भोजपुरी सिनेमा संकट के दौर में गुजर रहा : मृदुल शरण

पटना 19 जुलाई जाने माने लेखक और अभिनेता मृदुल शरण ने कहा कि भोजपुरी सिनेमा आज संकट के दौर से गुजर रहा है और दर्शक भी इन फिल्मों से अपना मोह भंग कर चुके हैं जो चिंता का विषय है।

मृदुल शरण ने भोजपुरी सिनेमा के प्रति चिंता जाहिर करते हुये कहा कि भोजपुरी सिनेमा की अपनी भाषा और संस्कृति होती है लेकिन आज के समय में यह बड़े ही संकट के दौर से गुजर रहा है ।भोजपुरिया दर्शक भी इन फिल्मों से अपना मोह भंग चुके हैं। एक समय था जब भोजपुरी फिल्मों का डंका बजता था और पूरा परिवार एक साथ इन फिल्मों को देखता था लेकिन अब वह दौर खत्म हो गया है। हालांकि कुछ निर्माता- निर्देशक अच्छी पारिवारिक मनोरंजन से भरपूर अश्लीलता से परे फिल्मों का निर्माण करते हैं जो सराहनीय कदम है।

मृदुल शरण ने कहा कि कुछ फिल्मकार अश्लीलता से भरपूर अलबम लेकर आ रहे हैं जो भोजपुरी की संस्कृति के लिये सही नही है। फिल्मकार की सोंचऐसी होती है कि बड़े स्टार को लेकर फिल्म बनाऐंगे तो हमारी फिल्म सुपर हिट हो जाएगी लेकिन ऐसी बात नही होती।

फिल्म की सफलता के लिये कहानी महत्वपूर्ण होती है। मराठी फिल्म सैराट का उदाहरण लें तो यह फिल्म मामूली बजट में और नये कलाकारों को लेकर बनायी गयी थी लेकिन फिल्म ने 100 करोड़ से अधिक की कमाई की।

 

भोजपुरी फिल्मकारों को एकजुटता के साथ एक मंच पर आने की जरूरत है। लक्ष्य यह होना चाहिये कि कैसे हम कम पैसों में साफ सुथरी, पारिवारिक और मनोरंजन से भरपूर फिल्म बनाये जिससे भोजपुरी फिल्मों की विलुप्त साख को फिर से दर्शकों के सामने जीवित किया जा सके।इस काम के लिये भोजपुरी फिल्मों के सभी कलाकार और तकनीकी सहयोगियों के साथ-साथफिल्म निर्माता और निर्देशक की भी एकजुटता की भूमिका अनिवार्य है जिससे भोजपुरी दर्शकों के साथ साथ भोजपुरी सभ्यता और संस्कृति की रक्षा हो और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री सभी क्षेत्रीय फिल्मों से उपर अपना स्थान पुनः स्थापित कर सकें।

 

भोजपुरी फिल्मों को लेकर वितरकों की भी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है ,क्योंकि उनके बिना सहयोग के फिल्म प्रदर्शित नहीं हो पाएगी, इसलिए उन्हें इसके लिए सकारात्मक सहयोग देना चाहिए। सिनेमाहाल की भी स्थिति बहुत ही खराब है जिससे दर्शकों की संख्या कम होती जा रही है। बहुत सारे सिनेमाहॉल बंद हो रहे हैं या फिर मॉल का रूप ले रहे है।

इस ओर सरकार की सुस्त और उदासीन रवैया भी बेहद चिंतनीय है। सरकार को चाहिए इस फिल्म इंडस्ट्री को एक उद्योग का दर्जा दे जिससे कला, कलाकार और रोजगार फले-फूले। हमारे यहां जो प्रतिभाशाली कलाकार है लेकिन उन्हें अवसर नही मिलता जिससे वह कुंठित हो रहे हैं, हमें उनको भी सामने लाना होगा और उनकी प्रतिभा को मूल्यांकित कर उन्हें फिल्मों में अवसर देने की शुरुआत करनी होगी।

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Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.

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