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संविधान गरीब को भी राजा बनने का देता अधिकार: मुकेश सहनी

संविधान गरीब को भी राजा बनने का देता अधिकार: मुकेश सहनी

पटना 27 नवंबर भारतीय संविधान आज 70 वर्ष का हो चुका है लेकिन संविधान दिवस मनाने की परंपरा 2015 से शुरू हुई ।आखिर आज हम सब यहां हजारों लोगों की भीड़ में संविधान की परिचर्चा और बचाने की बात कर रहे हैं ऐसी जरूरत क्यों आ पड़ी।कई ऐसे मौके आए जब संविधान की धज्जियां उड़ी , राजनीतिक दल अपने लाभ के लिए संविधान का दुरुपयोग भी किया।भारतीय संविधान की रूपरेखा जितनी सरल है उतनी वह सशक्त भी है । उक्त बातें अष्टांगिक मार्ग द्वारा आयोजित आईएमए हॉल में संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने रखी।

कार्यक्रम का शुभारंभ बाबासाहेब के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहब ने हमें जो विधान का अधिकार दिया है उसका हमें सदुपयोग करना चाहिए और इसी संविधान के बदौलत हम सब कुछ पा सकते हैं, इसी संविधान की बदौलत गरीब का बेटा भी राजा बन सकता है। संविधान के पहले हम सबको शिक्षा का अधिकार लेना होगा वही हमें मुख्यधारा से जोड़ सकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रंजीत कुमार चंद्रवंशी ने कहा कि हमारा संविधान 70 वर्ष का बूढा नहीं जवान है यह इतनी मजबूत और सशक्त है की सत्ता और विपक्ष का संबंध ,बना रहता है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में जिस तरीके से तख्तापलट होते हैं वह एक स्वस्थ्य लोकतंत्र और मजबूत संविधान की देन नहीं है। वहां के संविधान इतने कमजोर हैं कि कभी भी तख्तापलट हो जाते हैं। पर हमारे देश में ऐसी नौबत आज तक नहीं आई है और यह सब संभव हुआ है भारत रत्न भीमराव अंबेडकर के दूरदर्शी विचारों से। जरूरत है हम सबको संविधान में अपनी आस्था बनाए रखने की यही हमारी गीता है कुरान है बाइबिल है और गुरु ग्रंथि भी। राष्ट्रधर्म के साथ इस ग्रंथ रूपी संविधान के प्रति हम सबको सम्मान रखना चाहिए ।यह सभ्य और संगठित जीवन शैली से जोड़ता है।

बैंककर्मी एवं कानून की छात्रा प्रेरणा केशरी ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में भारतीय संविधान हमारे भारतीय लोकतंत्र का मार्गदर्शक बना हुआ है। विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र का यह सबसे बड़ा संविधान है। यह कार्यपालिका न्यायपालिका और विधायिका के बीच सामंजस्य बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। और संविधान के संरक्षण में न्यायपालिका इतनी मजबूती से खड़ी है ,रात को भी सर्वोच्च न्यायालय के दरवाजे खुलते हैं। जरूरत है हम सबको संविधान के प्रति जागरूकता एवं संविधान के प्रति जिम्मेदारी उठाने की। कारकों को संबोधित करने वाले में अरुण कुशवाहा, गुड्डू बाबा महबूब आलम , प्रेम शंकर, कौशलेंद्र कुमार ,भंते सुशील पाल , डॉ हरिओम आर्य मोहम्मद जीशान वार्ड पार्षद शोभा देवी ,जयप्रकाश एवं संजीव कुमार आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन पी के ए भारतीय ने किया। अष्टांगिक मार्ग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रंजीत कुमार चंद्रवंशी द्वारा आगत सभी अतिथियों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया और संविधान की रक्षा करने का संकल्प दिलाया गया।