Development News

सत्संग से ही विवेक मिलता है : जगतगुरु

सत्संग से ही विवेक मिलता है : जगतगुरु

मुजफ्फरपुर/बंदरा : बिनु सत्संग विवेक न होई, राम कृपा बिनु सुलभ न सोई। सत्संग से ही विवेक मिलता है। जीवन में इन तीन बातों का होना अनिवार्य हैः सत्संग,भगवद् भजन और परोपकार। इनमें भी सत्संग की बड़ी भारी महिमा है। सत्संग का अर्थ है सत् वस्तु का ज्ञान। परमात्मा की प्राप्ति और प्रभु के प्रति प्रेम उत्पन्न करने तथा बढ़ाने के लिए सत्पुरूषों को श्रद्धा एवं प्रेम से सुनना ही सत्संग है। उक्त बातें जगतगुरू रामभद्राचार्य जी महाराज ने बाबा खगेश्वरनाथ महादेव मंदिर मतलुपुर में चल रहे श्रीराम कथा के पंचम सत्र में गुरुवार को कही।
महाराज श्री न कहा कि जो सबकुछ दे देता है उसे राम कहते है। इंद्र ने भी राम को नही देखा, काम को देखा इसलिए काम को वासना बना लिया। सभी रूप बदल जाते है मगर राम रूप कभी बदलता नही है। हम सभी को तो राम नाम से ही आनंद लेना चाहीये और उनके स्वरूप को अपने आत्मा में बसाना चाहीये। उन्होंने कहा कि आज मैं कथा कह भी नही रहा हूँ, आज मेरे जिह्वा पर स्वयं बाबा खगेश्वरनाथ विराजमान है और वो कथा श्रवण भी कर रहे है।
सत्संग से ही विवेक मिलता है : जगतगुरु
सत्संग से ही विवेक मिलता है : जगतगुरु
जगतगुरु ने मिथिला के सुमधुर भजनों के द्वारा दूल्हा रूपी भगवान श्रीराम के स्वरूपों का वर्णन किया। प्रभु श्रीराम के दूल्हा रूप को रंग आसमानी और सिया लली के रंग बादामी रूप बताते हुए कहा कि अइसन जुगल जोड़ी न देखलो नजर से। इनके भजनों को सुनकर लोग आनंदित हो उठे। वही अहिल्या उद्धार को 115 भावों में वर्णन किया। वर्णन करते हुए जगतगुरु ने कहा  कि अहिल्या ने प्रभु से कहा की जब तक मेरा उद्धार नही करेंगे आप दीननाथ कहलायेंगे, क्योंकि मैं स्त्री हूँ।आप दीना का उद्धार करेंगे तब दीनानाथ कहलायेंगे। आप तो करुनानिधान है, अगर आपमें करुणा न  होती तो आप यहाँ आये न होते। इसलिए हे प्रभु मैं आपके चरण कमल रज चाहती हूं।
सत्संग से ही विवेक मिलता है : जगतगुरु
सत्संग से ही विवेक मिलता है : जगतगुरु
कथाश्रवण को गायघाट विधायक महेश्वर प्रसाद यादव पँहुचे एवं महाराज श्री का आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्य यजमान के रुप मे भूतपूर्व सैनिक भोला ठाकुर और विमला ठाकुर ने ब्यास पूजन किया। मौके पर पूर्व कुलपति गोपालजी त्रिवेदी, बैद्यनाथ पाठक, रमन त्रिवेदी, अशोक कुमार, रामकुमार त्रिवेदी, रामसकल कुमार, श्यामनन्दन ठाकुर, वीरचन्द्र ब्रह्मचारी, हीरा ठाकुर, प्रणव रंजन, राहुल, देवेंद्र राम,फेकू राम, देवेंद्र पांडेय समेत हजारों की संख्या में श्रोता उपस्थित थे।

About the author

Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.

1 Comment

Click here to post a comment