BHOJPURI MEDIA. ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18 पिंकशी पावर वुमेन अवार्ड से नवाजी गयी शुभ्रा रानी ज़िन्दगी की असली उड़ान अभी बाकी है, ज़िन्दगी के कई इम्तेहान अभी बाकी है, अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने, अभी तो सारा आसमान बाकी है… रेशम फैशन एंड ज्वैलरी प्राइवेट लिमिटेड और अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन के सौजन्य […]
BHOJPURI MEDIA.
ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18
पिंकशी पावर वुमेन अवार्ड से नवाजी गयी शुभ्रा रानी
ज़िन्दगी की असली उड़ान अभी बाकी है,
ज़िन्दगी के कई इम्तेहान अभी बाकी है,
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने,
अभी तो सारा आसमान बाकी है…
ज़िन्दगी के कई इम्तेहान अभी बाकी है,
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने,
अभी तो सारा आसमान बाकी है…
रेशम फैशन एंड ज्वैलरी प्राइवेट लिमिटेड और अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन के सौजन्य से राजधानी पटना के गंगा रिसोर्ट में फैशन और मॉडलिंग हंट शो मिस एंड मिसेज फैशनिस्टा (नार्थ इंडिया) का क्राउन लांच किया गया। इस अवसर पर पिंकशी फाउंडेशन के सौजन्य से 15 महिलाओं को उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुये पिंकशी पावर वुमेन अवार्ड से सम्मानित किया गया। शुभ्रा रानी को उनकी लाजवाब सिंगिंग और एंकरिंग के लिये पिंकशी अवार्ड से नवाजा गया है।
बिहार की राजधानी पटना में शुभ्रा रानी इन दिनों अपनी बहुमुखी प्रतिभा से लोगों के दिलों पर राज कर रही है।शुभ्रा रानी अपनी जादुई आवाज और लाजवाब एंकरिंग श्रोताओं को मदहोश कर रही है और लोगों के दिल से बस एक ही आवाज निकलती है ,जब छाये इनका जादू कोई बच ना पाये। बिहार की राजधनी पटना में जन्मी शुभ्रा रानी जब महज एक साल की थी तब उनके पिता ने परिवार से अलग रहने का फैसला कर लिया। घर की जिम्मेवारी शुभ्रा रानी की मां रश्मि कुमारी पर आन पड़ी और उन्होंने सिंगल पैरेन्ट की भूमिका बखूबी निभायी। बचपन के दिनों से ही शुभ्रा काफी मेघावी छात्रा थी और उन्हें स्कॉलरशिप मिला करती थी। शुभ्रा को संगीत से बेहद लगाव था और वह स्कूल में होने वाले सांस्कृ़तिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया करती जिसके लिये उन्हें काफी सराहना मिला करती।
जिंदगी में कुछ पाना हो तो खुद पर ऐतबा रखना
सोच पक्की और क़दमों में रफ़्तार रखना
कामयाबी मिल जाएगी एक दिन निश्चित ही तुम्हें
बस खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना।
सोच पक्की और क़दमों में रफ़्तार रखना
कामयाबी मिल जाएगी एक दिन निश्चित ही तुम्हें
बस खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना।
वर्ष 2006 में शुभ्रा रानी ने राजधानी पटना में हुये संगीत शो सुर तरंग में बतौर सिंगर हिस्सा लिया और विजेता का ताज अपने नाम कर लिया। इसके बाद शुभ्रा रानी को दूरदर्शन के शो ज्ञान दर्शन में एकरिंग का भी अवसर मिला।आशा भोंसले और सुनिधि चौहान को आदर्श मानने वाली शुभ्रा रानी ने वर्ष 2007 में सारेगामापा में हिस्सा लिया लेकिन वह विजेता का ताज अपने नाम नही कर सकी हालांकि उन्हें टॉप 24 में आने का अवसर जरूर मिला।
शुभ्रा का मानना है कि
परेशानियों से भागना आसान होता है
हर मुश्किल ज़िन्दगी में एक इम्तिहान होता है
हिम्मत हारने वाले को कुछ नहीं मिलता ज़िंदगी में
और मुश्किलों से लड़ने वाले के क़दमों में ही तो जहाँ होता है
हर मुश्किल ज़िन्दगी में एक इम्तिहान होता है
हिम्मत हारने वाले को कुछ नहीं मिलता ज़िंदगी में
और मुश्किलों से लड़ने वाले के क़दमों में ही तो जहाँ होता है
वर्ष 2011 में इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद शुभ्रा रानी ने मीडिया के क्षेत्र में एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स किया। इसके बाद शुभ्रा रानी व्यवसायिक तौर पर कार्यक्रमों में एकरिंग,सिंगिंग और रिर्पोटिंग करने लगी जिससे उन्हें काफी ख्याति मिली।
वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमाँ
हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है
हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है
वर्ष 2016 में शुभ्रा रानी को बिहार महोत्सव में उनके लाजवाब सिंगिंग के लिये पटना के कमिश्नर आनंद किशोर ने सम्मानित किया। वर्ष 2017 में शुभ्रा रानी ने पीजी की पढ़ाई पूरी की।शुभ्रा को बिहार गौरव सम्मान , पत्रकार संघ सम्मान, क्रिकेट लीग समेत कई कार्यक्रमों में उनकी लाजवाब एकरिंग और सिंगिंग के लिये सम्मानित किया गया। वर्ष 2017 में शुभ्रा रानी को दहेज उन्मूलन पर आधारित म्यूजिक वीडियो दहेज लेना पाप है में काम करने का अवसर मिला और उन्होंने अपनी दमदार अदायगी से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
शुभ्रा रानी सफलता में उनकी मां रश्मि कुमारी और बहन शानू प्रिया का गहरा योगदान रहा है। शुभ्रा अपनी मां को याद कर भावुक हो जाती है और कहती है ,, थाम के मेरी नन्ही उंगली , पहला सफ़र आसान बनाया ,हर एक मुश्किल कदम में मां तुमको अपने संग ही पाया ।कितना प्यारा बचपन था। जब गोदी में खेला करती। पाकर तुम्हारे स्नेह का साया बड़े-बड़े मैं सपने बुनती, लेकर व्यक्तित्व से तुम्हारे प्रेरणा ,देखो आज कुछ बन पाई तुम्हारे हौसले और विश्वास के दम पर एक राह सच्ची मैं चुन पाई। शुभ्रा अपनी सफलता का मूल मंत्र इन पंक्तियो में समेटे हुये हैं।
रख हौसला वो मन्ज़र भी आएगा,
प्यासे के पास चल के समंदर भी आयेगा;
थक कर ना बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आयेगा।
प्यासे के पास चल के समंदर भी आयेगा;
थक कर ना बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आयेगा।
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