News

शिक्षा और खेल के क्षेत्र में खास पहचान बनायी सुनील कुमार सिंह ने

BHOJPURI MEDIA ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18 शिक्षा और खेल के क्षेत्र में खास पहचान बनायी सुनील कुमार सिंह ने अपने मनोबल को इतना सशक्त कर, कठिनाई भी आने से न जाए डर। आत्मविश्वास रहे तेरा हमसफर, बड़े-बड़े कष्ट न डाल पाएं कोई असर।। हौसला अपना बुलंद कर लो,साहस व हिम्मत को संग कर लो। निर्भय होकर […]
BHOJPURI MEDIA

ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18

शिक्षा और खेल के क्षेत्र में खास पहचान बनायी सुनील कुमार सिंह ने

अपने मनोबल को इतना सशक्त कर, कठिनाई भी आने से न जाए डर। आत्मविश्वास रहे तेरा हमसफर, बड़े-बड़े कष्ट न डाल पाएं कोई असर।।
हौसला अपना बुलंद कर लो,साहस व हिम्मत को संग कर लो। निर्भय होकर आत्मविश्वास से बढ़ो, संयम व धैर्य से सफलता की सीढ़ी चढ़ो।
हार न मानने का जज्बा तुम्हें उठाएगा, तुम्हारा अडिग हौसला तुम्हें बढ़ाएगा। आखिरकार देखना तुम्हारे आगे, धरती हिल जाएगी, आसमां झुक जाएगा।

जेनिथ कामर्स एकादमी के संस्थापक ,शिक्षक और क्रिकेटर सुनील कुमार सिंह कुमार न सिर्फ़ शिक्षा के क्षेत्र में धूमकेतु की तरह छाये हुये हैं , बल्कि खेल और की दुनिया के क्षितिज पर भी सूरज की तरह चमके। उनकी ज़िन्दगी संघर्ष, चुनौतियों और कामयाबी का एक ऐसा सफ़रनामा है, जो अदम्य साहस का इतिहास बयां करता है।

बिहार के मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखंड में वर्ष 1977 में जन्में सुनील कुमार सिंह के पिता ललितेश्वर सिंह और मां सुशीला देवी घर के लाडले छोटे बेटे को अपनी राह खुद चुनने की आजादी थी। सुनील कुमार सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तत्कालीन बिहार अब झारखंड के  हजारीबाग जिले से पूरी की। बचपन के दिनों से ही सुनील कुमार सिंह के क्रिकेट के प्रति गहरी रूचि रही थी और वह क्रिकेटर बनना चाहते थे। सुनील सिंह भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और हरफनमौला खिलाड़ी कपिल देव और वेस्टइंडीज के मशहूर बल्लेबाज ब्रायन लारा से प्रभावित थे और क्रिकेट की दुनिया में ही अपना नाम रौशन करना चाहते थे। सुनील कुमार सिंह ने अपने बड़े भाई और कई राष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट में बिहार का प्रतिनिधित्व कर चुके बड़े भाई और अनिल कुमार स्वतंत्र से क्रिकेट के गुर सीखे। इस बीच सुनील कुमार सिंह ने हजारीबाग में हुये कई क्रिकेट टूर्नामेंट में शिरकत की। बतौर खब्बू बल्लेबाज सुनील कुमार सिंह ने जल्द ही जिले में अपनी खास पहचान बना
ली।

आज बादलों ने फिर साज़िश की
    जहाँ मेरा घर था वहीं बारिश की
    अगर फलक को जिद है ,बिजलियाँ गिराने की
    तो हमें भी ज़िद है ,वहीं पर आशियाँ बनाने की

सुनील सिंह के दिल में क्रिकेट के प्रति जूनन इस कदर था कि वह वर्ष 1995 में इंटरमीडियट की परीक्षा पास करने के बाद आंखो में बड़े सपने लिये राजधानी पटना आ गये। हालांकि उन्हें क्रिकेट का मंच मय्यसर नही हुआ। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1999 में बीकॉम और वर्ष 2000 में एमकॉम की पढ़ाई पूरी की।

        जुनूँ है ज़हन में तो हौसले तलाश करो
        मिसाले-आबे-रवाँ रास्ते तलाश करो इज़्तराब रगों में बहुत ज़रूरी है
        उठो सफ़र के नए सिलसिले तलाश करो

सुनील सिंह ने वर्ष 2001 में राजधानी पटना में जेनिथ कामर्स एकादमी की  स्थापना की और यह सेंटर आज बिहार के मशहूर कामर्स सेंटर के रूप में स्थापित हो चुका है। जेनिथ कामर्स एकादमी से अबतक 45 हजार से अधिक छात्र शिक्षा हासिल कर विभिन्न कंपनियों में उच्चपद पर आसीन है। मशहूर किक्रेट खिलाड़ी और आइपीएल खेल रहे इशान किशन और झारखंड रणजी खेलने वाले शशीम राठौर ने जेनिथ क्रिकेट एकादमी की ओर से खेला है।

लक्ष्य न ओजल होने पाये,कदम मिलाकर चल मंजिल तेरे पग चूमेगी,आज नहीं तो कल ।सुनील सिंह बतौर क्रिकेटर अपनी पहचान बनाना चाहते थे। वर्ष 2014 में भारतीय रेल की ओर से क्रिकेट खेलने वाले कुंदन गुप्ता और भूतपूर्व बिहार क्रिकेट क्लब के खिलाड़ी अरविंद झा उर्फ लडडू जी के प्रोत्साहन पर सुनील सिंह ने क्रिकेट की दुनिया में शानादार आगाज कर दिया। आइडिया मैच के दौरान जेनिथ क्रिकेट टीम की ओर से खेलकर सुनील कुमार सिंह ने 58 रन की नाबाद आतिशी पारी से लोगों का दिल जीत लिया। सुनील सिंह इसके लिये मैन ऑफ
द मैच के पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये।  जो लोग अपने सपने पूरे नहीं करते ना …..वो दूसरों के सपने पूरे करते हैं। इस बात को चरितार्थ कर दिखाया सुनील कुमार सिंह ने  ।सुनील कुमार सिंह ने अपने अधूरे सपने बिहार के नवोदित क्रिकेटरो में देखना शुरू किया। इसी को देखते हुये सुनील कुमार सिंह ने वर्ष 2014 में राजधानी के प्रतिष्ठित मोइनहुल हक स्टेडियम जेनिथ क्रिकेट कप की शुरूआत की जिसकी शानदार सफलता से उत्साहित सुनील कुमार सिंह अबतक 30 से अधिक टूर्नामेंट का आयोजन कर चुके हैं।

वाक़िफ़ कहाँ ज़माना हमारी उड़ान से
        वो और थे जो हार गए आसमान से

सुनील कुमार सिंह को उनके अबतक के कार्यकाल के दौरान मान-सम्मान भी खूब मिला । वर्ष 2010 में सुनील कुमार सिंह पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा की ओर से बिहार रत्न सम्मान से नवाजे गये। इसके बाद सुनील कुमार सिंह को समय-समय पर कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा गया। वर्ष 2011 में सुनील कुमार सिंह बैंकॉक में हुये स्टार अंतर्राष्ट्रीय सम्मान , बिहार शिक्षा केसरी , पाटलिपुत्रा शिक्षा सम्मान , अर्मत्य सेन सम्मान और वर्ष 2017 में पूर्व कला ,खेल एवं संस्कृति मंत्री श्री शिवचंद्र राम के द्वारा खेल सम्मान से नवाजे गये।

  खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है,
        जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है,
        लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ,
       जितनी गहराई अन्दर है, बाहर उतना तूफ़ान बाकी है…

सुनील कुमार सिंह बिहार के उभरते हुये खिलाड़ियों को आगे ले जाने का ख्वाब देखा करते। इसी को देखते हुये वर्ष 2015 में सुनील कुमार सिंह ने अपने गृह जिले मधेपुरा के आलमनगर में महिला फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया जिसकी आशातीत सफलता के बाद उन्होंने वर्ष 2016 में महिला क्रिकेट टूर्नामेंट और वर्ष 2017 में महिला-पुरूष क्रिकेट टूर्नामेंट का सफल आयोजन किया।

        ज़िंदगी कि असली उड़ान बाकी है
    जिंदगी के कई इम्तेहान अभी बाकी है
    अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीन हमने
    अभी तो सारा आसमान बाकी है

सुनील कुमार सिंह को संगीत के प्रति भी गहरी रूचि रही है और वह आवाज की दुनिया के बेताज बादशाह दिवंगत गायक किशोर कुमार से प्रभावित थे। सुनील कुमार सिंह बिहार के कलाकारों को मंच देना चाहते थे और इसी को देखते हुये उन्होने अपने इंस्टीच्यूट की ओर से कान्सर्ट का आयोजन शुरू किया। उनके कान्सर्ट में बॉलीवुड के मशहूर पार्श्वगायक अंकित तिवारी , डीआईडी के मयूरेश समेत कई जानी मानी हस्तियों ने शिरकत की है। सुनील कुमार सिंह का सपना अब फिल्म निर्माण का भी है। उन्होंने बताया कि वह इस दिशा में काम कर रहे हैं। वह बिहार के कलाकारों को अपनी फिल्म में काम देना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि बिहार मे प्रतिभाओं की कमी नही है , उन्हें बेहतर मेंच देने की जरूरत है।शत्रुध्न सिन्हा , शेखर सुमन  ,मनोज वाजपेयी ,सुशांत सिंह राजपूत ,गुरमीत चौधरी और सोनाक्षी सिन्हा बिहार की माटी से जुड़े है और उन्होंने बिहार का नाम रौशन किया है।

सुनील सिंह बिहार को वैश्विक मंच पर ले जाने का सपना संजाये हुये है और उन्हें काफी हद तक कामयाबी भी मिली है। सुनील कुमार सिंह को युवा अपना रौल मॉडल मानते है। सुनील युवाओं को मोटिवेट करते हुये कहते हैं।

  रख हौसला वो मन्ज़र भी आएगा,
        प्यासे के पास चल के समंदर भी आयेगा;
        थक कर ना बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
        मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आयेगा।

Bhojpuri Media
Contact for Advertisement

Mo.+918084346817

+919430858218

Email :-ankitpiyush073@gmail.com.

bhojpurimedia62@gmail.com

Facebook Page https://www.facebook.com/bhojhpurimedia/

Twitter :- http://@bhojpurimedia62

Google+ https://plus.google.c
m/u/7/110748681324707373730

You Tube https://www.youtube.com/bhojpurimediadotnet

About the author

martin

Add Comment

Click here to post a comment