ठीक चार साल पूर्व नीतिश का इस्तीफा और राजनीतिक नुकसान :-
********************************************
17 मई 2014 दिन शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने लोकसभा चुनाव में करारी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था । क्योंकि भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद इस चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू को 40 में से मात्र 2 सीटें ही मिल पाई थी।
इस्तीफे के बाद उन्होंने दलित समुदाय से आने वाले जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया। राजनीतिक रूप से कमजोर और खुद के लिए वफादार समझकर वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में गया निर्वाचन क्षेत्र से बुरी तरह पराजित रहे जद यू उम्मीदवार माझी को मुख्यमंत्री बनाया था।
उन्हें उम्मीद थी कि माझी सभी निर्णय मेरे इशारे पर ही लेंगे । परंतु मुख्यमंत्री के पद मिलते ही माझी ने नीतीश कुमार के हस्तक्षेप का विरोध शुरू कर दिया और कई महत्वपूर्ण निर्णय खुद लेकर अपना अलग पहचान बनाने की कोशिश की, जिसमें बहुत हद तक सफल भी रहे। लेकिन इसके चलते कुछ ही महीनों में उन्हें अपना कुर्सी गंवानी पड़ी तथा नीतीश कुमार पुनः बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हो गए ।
लालू राबड़ी को सत्ता से बेदखल कर जब बिहार की सत्ता नीतीश कुमार ने संभाला था तो उस समय चारों तरफ बदहाली का आलम था । जर्जर सड़कें, चौपट कानून व्यवस्था, खस्ताहाल अस्पताल और गिरती शिक्षा व्यवस्था । अपने दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर उन्होंने बिहार में आमूलचूल परिवर्तन किया ।
कानून व्यवस्था, सड़क, अस्पताल सहित कई क्षेत्रों में सुधार और विकास दिखने लगा, जिसके चलते नीतीश कुमार की गिनती देश के सबसे सफल मुख्यमंत्रियों में होने लगी । करीब 8 वर्षों तक बिहार में भाजपा के साथ सत्ता संभाले नीतीश ने कई प्रशंसनीय कार्य किए, इसके चलते पूरे देश में उनकी छवि एक सफल नेता की बन गई।
2014 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश किया तो नीतीश कुमार को लगा कि उन्हें नरेंद्र मोदी का विरोध करना चाहिए ताकि अगर भाजपा बहुमत में नहीं आती है तो भाजपा का विरोधी खेमा उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में प्रस्तुत कर सकता है। इसी को देखते हुए उन्होंने वर्ष 2013 में भाजपा से गठबंधन तोड़कर लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस से समझौता कर लिया। तथा भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बावजूद अपनी कुर्सी को सुरक्षित रखने में वो कामयाब रहे । लेकिन लोकसभा चुनाव में जब उनकी पार्टी को करारी हार मिली तो उन्होंने लोगों की सहानुभूति हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, क्योंकि अगले साल ही विधान सभा का भी चुनाव था।
राजद तथा कांग्रेस के साथ मिलकर वर्ष 2015 के विधान सभा चुनाव में जीत हासिल की । इसके बाद भाजपा की तरह ही राष्ट्रीय जनता दल भी उपमुख्यमंत्री सहित प्रायः उन सभी विभागों को अपने जिम्मे लिया जो पूर्व में भाजपा के पास हुआ करती थी । सरकार में शामिल होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल ने अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग सहित महत्वपूर्ण निर्णय में बराबरी का हिस्सेदारी चाहने लगा और इसी के बाद नीतीश कुमार के साथ राजद का मतभेद बढ़ने लगा ।
इसी बीच लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने अपने कार्य शैली तथा वाक्पटुता के कारण बिहार में अपनी पहचान बना ली ।और कमजोर हो चुके राष्ट्रीय जनता दल पुनः मजबूती के साथ उभरने लगा ।
चुकी लालू और नीतीश प्रायः एक ही धारा की राजनीति करते हैं । ऐसे में राजद व तेजस्वी के मजबूती से उभरते देख नीतिश ने उसपर ब्रेक लगने के लिए राजद कांग्रेस से नाता तोड़कर पुनः भाजपा के पाले में जा बैठे।
इन सरे घटनाक्रम से पिछले चार वर्षो में बिहार का विकास की गति तो कमजोर हुआ हीं, नीतिश की छवि भी प्रभावित हुआ।
… [Trackback]
[…] Here you will find 16079 additional Info on that Topic: bhojpurimedia.net/theek-4saal-purv-nitish-ka-is-thopa-aur-rajniti-nuksan/ […]
… [Trackback]
[…] Read More on on that Topic: bhojpurimedia.net/theek-4saal-purv-nitish-ka-is-thopa-aur-rajniti-nuksan/ […]
… [Trackback]
[…] Read More on on that Topic: bhojpurimedia.net/theek-4saal-purv-nitish-ka-is-thopa-aur-rajniti-nuksan/ […]
… [Trackback]
[…] Find More on that Topic: bhojpurimedia.net/theek-4saal-purv-nitish-ka-is-thopa-aur-rajniti-nuksan/ […]
… [Trackback]
[…] Read More on on that Topic: bhojpurimedia.net/theek-4saal-purv-nitish-ka-is-thopa-aur-rajniti-nuksan/ […]
… [Trackback]
[…] Read More Information here to that Topic: bhojpurimedia.net/theek-4saal-purv-nitish-ka-is-thopa-aur-rajniti-nuksan/ […]
… [Trackback]
[…] Information to that Topic: bhojpurimedia.net/theek-4saal-purv-nitish-ka-is-thopa-aur-rajniti-nuksan/ […]