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खेल के साथ ही फैशन और सामाजिक क्षेत्र में भी खास पहचान बनायी वर्षा उपाध्याय ने

BHOJPURI MEDIA ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18 खेल के साथ ही फैशन और सामाजिक क्षेत्र में भी खास पहचान बनायी वर्षा उपाध्याय ने आसमां क्या चीज़ है ,वक्त को भी झुकना पड़ेगा         अभी तक खुद बदल रहे थे ,आज तकदीर को बदलना पड़ेगा         संभावनाओं की कोई कमी नहीं है और अगर आपके पास जूनून है […]

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ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18

खेल के साथ ही फैशन और सामाजिक क्षेत्र में भी खास पहचान बनायी वर्षा उपाध्याय ने

आसमां क्या चीज़ है ,वक्त को भी झुकना पड़ेगा
        अभी तक खुद बदल रहे थे ,आज तकदीर को बदलना पड़ेगा
        संभावनाओं की कोई कमी नहीं है और अगर आपके पास जूनून है तो कोई
मंजिल दूर नहीं है।

जानी मानी फैशन दिवा , नेशनल बैडमिंटन प्लेयर और सीनियर ऑडिट ऑफिसर वर्षा उपाध्याय ने खेल के साथ ही सामाजिक और फैशन की दुनिया में अपनी सशक्त पहचान बनायी है । वर्षा उपाध्याय का कहना है मौके मिलते नहीं…. बनाये जाते हैं …..कामयाबी हम तक नहीं आती….हमें कामयाबी तक जाना होता है। वर्षा उपाध्याय ने अ बतक के अपने करियर के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया और हर मोर्चे पर कामयाबी का परचम लहराया। कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं। इस बात को साबित कर दिखाया है वर्षा उपाध्याय ने ।

FAMOUS YOURSELF IN SOCIAL MEDIA


नवाबों के शहर उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में जन्मी वर्षा उपाध्याय के पिता श्री बीएम उपाध्याय और मां श्रीमती कृष्णा उपाध्याय घर की लाडली बेटी को उच्चअधिकारी के तौर पर देखना चाहते थे।बचपन के दिनों से ही वर्षा की रूचि खेलकूद की ओर रही थी और वह इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने का ख्वाब देखा करती।

जरा  पंख खोलो फिर उड़ान देखना ,ज़रा मौका तो दो फिर आसमान देखना ,
        बराबर की लाइन तो खींचो ज़रा फिर हिम्मत बड़ी या भगवान देखना ,
        देदे मौका दे दे दे दे देदे मौका दे इक चांस तो दे दे मेरी
        जान तुम मेरी जान तुम फिर उड़ान देखना

वर्षा स्कूल और कॉलेज में होने वाले बैडमिंटन टूर्नामेंट में शिरकत किया करती जिसके लिये उन्हें काफी सराहना मिला करती। वर्षा उपाध्याय ने उत्तर प्रदेश की ओर से बैडमिटंन प्रतियोगिता में प्रतिनिधत्व किया है और राज्य का नाम रौशन किया। लखनऊ यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्षा उपाध्याय ऑडिट ऑफिसर के तौर पर काम करने लगी। इसी दौरान उनकी शादी नेशनल बैडमिंटन प्लेयर अनुज कुमार सिंह के साथ हुयी और वह राजधानी पटना आ गयी। जहां आम तौर पर युवती की शादी के बाद उसपर कई तरह की बंदिशे लगा दी जाती है लेकिन वर्षा उपाध्याय के साथ ऐसा नही हुआ। वर्षा उपाध्याय पति के साथ ही ससुराल पक्ष के लोगों उन्हें हर कदम सर्पोट किया। शादी के बाद वर्षा ने अपने पति के साथ बैडमिंटन खेलना जारी रखा और कामयाबी का परचम लहराया।

     वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमाँ
                    हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है

वर्षा उपाध्याय फैशन की दुनिया में अपनी पहचान बनाना चाहती थी। वर्ष 2013 में वर्षा ने मॉडलिंग हंट शो मिसेज बिहार में हिस्सा लिया हालांकि वह शो की विजेता नही बन पायी लेकिन फर्स्ट रनर अप का खिताब अपने नाम कर लिया।

वर्षा का मानना है कि
परेशानियों से भागना आसान होता हैहर मुश्किल ज़िन्दगी में एक इम्तिहान होता है

 हिम्मत हारने वाले को कुछ नहीं मिलता ज़िंदगी मेंऔर मुश्किलों से लड़ने वाले के क़दमों में ही तो जहाँ होता है

वर्षा उपाध्याय की रूचि डांस की ओर भी थी। 2006 में वर्षा उपाध्याय ने तीन वर्ष का डांस कोर्स किया। इसके बाद वह युवतियों और महिलाओ को  डांस , ऐरोबिक्स और जुंबा की ट्रेनिंग देने लगी।

काम करो ऐसा कि पहचान बन जाये;
        हर कदम चलो ऐसे कि निशान बन जाये;
        यह जिन्दगी तो सब काट लेते हैं;
        जिन्दगी ऐसे जियो कि मिसाल बन जाये |

वर्ष 2017 में वर्षा उपाध्याय ने मिसेज इंडिया सी इज इंडिया में हिस्सा लिया और मिसेज इंडिया फिटनेस का खिताब अपने नाम कर लिया। वर्षा  उपाध्याय की फैशन के प्रति उनकी समझ को देखते हुये उन्हें कई शो में बतौर जज आमंत्रित किया जाने लगा।  वर्षा उपाध्याय महिला सशक्तीकरण की दिशा में काम करना चाहती थी और इसी को देखते हुये वह जीवन जागृति , जन कल्याण समिति के साथ जुड़ गयी और इस दिशा में कार्य कर रही है।

   अपना ज़माना आप बनाते हैं अहल-ए-दिल
        हम वो नहीं कि जिन को ज़माना बना गया

वर्षा उपाध्याय राजधानी पटना के आईग्लैम बिजनेस स्कूल में बतौर फैक्लटी के रूप में जुड़ी और हाल ही में लखनऊ में आयोजित मिसेज इंडिया सी इज इंडिया के सफल ऑडिशन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।वर्षा उपाध्याय आज सफलता के मुकाम पर है।वर्षा अपनी सफलता का श्रेय अपने विल पावर को देती है।वर्षा आज कामयाबी की बुलंदियो पर है। उनके सपने यूं ही पूरे नही हुये , यह उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है।

मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है, हर पहलू ज़िन्दगी का इम्तेहान होता है। डरने वालो को मिलता नहीं कुछ ज़िन्दगी में, लड़ने वालो के कदमो में जहां होता है।वर्षा अपनी सफलता का मूल मंत्र इन पंक्तियो में समेटे हुये हैं।

रख हौसला वो मन्ज़र भी आएगा,
        प्यासे के पास चल के समंदर भी आयेगा;
        थक कर ना बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
        मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आयेगा।

 

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