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अब संगीत से रूहानी सुकून नहीं मिलता कहां अलकायाज्ञनिक

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अलका याज्ञनिक ने एक हजार फिल्मों के 20 हजार से ज्यादा गानों को अपनी आवाज से सुरीला बनाया है। अपकमिंग म्यूजिक रिएलिटी शो सुपरस्टार सिंगर में जज की कुर्सी संभाल रहीं अलका याज्ञनिक ने संगीत के मौजूदा दौर पर हमसे शेयर की अपनी फीलिंग्स:

◆संगीत को सुकून का पर्याय माना जाता रहा है। लेकिन आजकल जिस तरह का फिल्मी म्यूजिक बन रहा है, उसके बारे में आपकी क्या राय है?

अब म्यूजिक सोल (रूह) और सुकून के लिए नहीं रह गया है। अब म्यूजिक कुछ और ही हो गया है। म्यूजिक की परिभाषा बदल गई है। अब रैप, भांगड़ा, पार्टी सॉन्ग ये सब ही म्यूजिक है। अब ज्यातादार गाने पब्स और पार्टी में बजाने के लिए बनाए जाते हैं, इसलिए नहीं कि आप इत्मीनान से बैठकर उन्हें सुन सकें। मेरा मानना है कि यह होना नहीं चाहिए, लेकिन अभी यही दौर है। जैसे फैशन, खानपान, हर चीज में बदलाव आता है, वैसे ही म्यूजिक में भी बदलाव आता है। हालांकि, अभी म्यूजिक का जो दौर चल रहा है, वह मुझे पसंद नहीं है, लेकिन चल रहा है। कभी हम लोग म्यूजिशंस के साथ लाइव गाने रिकॉर्ड करते थे, अब म्यूजिक कहीं बनता है, आवाज कहीं रिकॉर्ड होती है। ऑटोट्यूनर आ गया है जिससे बेसुरे को सुर में कर दिया जाता है, बेताले को ताल में कर दिया जाता है, तो यह भी एक दौर है, जो अपना टाइम लेकर जाएगा। हम उम्मीद करते हैं कि मेलडी वापस आएगी, सोलफुल म्यूजिक वापस आएगा।

◆रीमिक्स के ट्रेंड पर आपकी क्या राय है? आपके भी कई गाने रीमिक्स हुए हैं।

मुझे रीमिक्स बिलकुल पसंद नहीं है। जो गाने ऑरिजिनल हैं, वे ऑरिजिनल हैं, उनको उठाकर बर्बाद नहीं करना चाहिए। आपको गाने बनाने हैं, तो नए गाने बनाइए। जो पुराने गाने हैं, चर्चित गाने हैं, आप उनको उठा-उठाकर क्यों खराब कर रहे हैं? मेरा यह कहना है, लेकिन ये भी एक ट्रेंड बन गया है। यहां तो भेड़चाल है, एक कर रहा है, तो सब करने लगते हैं।

◆आपको लगता है कि यह ऑटोट्यूनर या दूसरी तकनीकी सुविधाएं सिंगर्स का नुकसान ही कर रही हैं, क्योंकि कहीं न कहीं अब वे उतनी मेहनत नहीं करते?

बिल्कुल, अब वे उतना रियाज नहीं करते हैं। उनको पता है कि आटोट्यूनर है, तो हम बेसुरा भी गाएंगे, तो ठीक हो जाएगा, तो क्यों करें रियाज? अभी यह एक खिलवाड़ जैसा हो गया है। गाना इतना मुश्किल और सीरियस काम नहीं रहा। जैसे, हमें मशीन से कोई मदद नहीं मिलती थी, तो हम लोगों को मेहनत करनी पड़ती थी, वह चीज अब रही नहीं है, इसलिए बहुत से एवरेज सिंगर भी आजकल प्लेबैक सिंगर बन जाते हैं। सब गाना गा रहे हैं, लेकिन इसी वजह से वे ज्यादा दिनों तक चल नहीं पाते। अपनी कोई पहचान नहीं बना पाते। दो-चार गाने गा दिए, पॉप्युलर हो गए, उसके बाद भीड़ में कहीं खो गए, फिर कोई नया आ गया। वे अपना एक ब्रांड नहीं बना पाते हैं।

◆भूषण कुमार ने पिछले दिनों कहा था कि पब्लिक अब आपकी या सोनू निगम जैसे पुराने सिंगर्स की आवाज में गाने नहीं सुनना चाहती। वह दौर खत्म हो गया। आपको लगता है कि आवाज की कोई उम्र होती है?

किसने बोला? आप रेडियो खोलकर देख लीजिए। स्टेज पर जब हम लोग गाते हैं, तो आप देखिए, वे गाने सुनकर लाखों की ऑडियंस पागल हो जाती है और चूंकि आजकल गाने अच्छे नहीं होते हैं, तो लोग वे नब्बे के दशक वाले गाने ही सुनना चाहते हैं। अब भूषण जी जो कहते हैं, वह कहते रहें, वह उनकी सोच है, लेकिन मुझे लगता है कि यह बिलकुल गलत बात है। मुझे तो लगता है कि ये पुराने गाने वक्त के साथ और पॉप्युलर होते जा रहे हैं, क्योंकि लोगों को नए गानों में रूह नहीं मिलती है, तो वे पुराने गाने ही सुनना चाहते हैं। गाने बनाने वाले कहते हैं कि लोग ऐसे गाने ही पसंद करते हैं, जबकि, सुनने वाले कहते हैं कि कितने गंदे गाने हैं? सब बस एक-दूसरे के ऊपर बंदूक रखकर चला रहे हैं।

◆क्या इसी वजह से आप प्लेबैक सिंगिंग से दूर हैं?

हां, मेरे लायक गाने ही नहीं हैं न। कहां हैं? आजकल के गाने मुझे सूट नहीं करते। मैं उम्मीद करती हूं कि वापस वह दौर आए, अच्छे गानों का, मीठे गानों का, सुरीले गानों का, तो बात बने। आइटम सॉन्ग एक-दो यहां-वहां ठीक हैं, लेकिन ये सब लंबे समय तक चलने वाला म्यूजिक नहीं है। यह आया-गया वाला टेंपरेरी म्यूजिक है। हम सब तो इंतजार ही कर रहे हैं कि कब अच्छा म्यूजिक आए।

◆आप करीब 5 साल तक म्यूजिक रिऐलिटी शोज से दूर रहीं। ऐसा क्यों?

क्योंकि एक वक्त के बाद बार-बार वही करना रेपेटेटिव लगने लगता है। इसीलिए, मैंने सोचा था कि मैं अब और रिऐलिटी शोज नहीं करूंगी, लेकिन सोनी चैनलवालों ने बोला कि यह पहला सीजन है और बच्चों का शो है। मुझे बच्चों का शो करना बहुत अच्छा लगता है। इन बच्चों में इतनी पॉजिटिव एनर्जी, इतना कॉन्फिडेंस होता है कि हमें इनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। दूसरे, इनको समझाने, गाइड करने, मेंटॉर करने में एक सैटिस्फैक्शन भी मिलता है कि चलो, हमने जो अपनी लाइफ में सीखा, वह नॉलेज हमने अगली पीढ़ी के साथ शेयर किया।

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Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.

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