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अपने आवाज के जादू से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं आज के दौर के किशोर-आशा

BHOJPURI MEDIA ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18   अपने आवाज के जादू से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं आज के दौर के किशोर-आशा पटना बिहार की राजधानी पटना में इन दिनों आज के दौर के किशोर यानी अजहर हुसैन और उनकी जीवन संगिनी मनीषा गौर की जादुई आवाज श्रोताओं को मदहोश कर रही है और […]

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ANKIT PIYUSH (https://www.facebook.com/ankit.piyush18

 

अपने आवाज के जादू से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं आज के दौर के किशोर-आशा

पटना बिहार की राजधानी पटना में इन दिनों आज के दौर के किशोर यानी अजहर हुसैन और उनकी जीवन संगिनी मनीषा गौर की जादुई आवाज श्रोताओं को मदहोश कर रही है और श्रोताओं के दिल से बस एक ही आवाज निकलती है “जब छाये इनका जादू कोई बच ना पाये ” ज़िन्दगी की असली उड़ान अभी बाकी है, ज़िन्दगी के कई इम्तेहान अभी बाकी है, अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने, अभी तो सारा आसमान बाकी है… बचपन के दिनों में अभिनेता बनने की ख्वाहिश रखने वाले अजहर हुसैन किशोर कुमार को अपना आदर्श मानते हैं और उन्हीं की तरह गायक-अभिनेता बनना चाहते थे।

 

बचपन के दिनों से ही वह रंगमंच से जुड़ गये और कई नाटकों में अपने अभिनय का जौहर दिखाया। स्कूल और कॉलेज के दिनों में अजहर अभिनय के साथ ही पार्श्वगायन भी किया करते जिसके लिये उन्हें काफी सराहना मिला करती। बहमुखी प्रतिभा के धनी अजहर ने 2004 में एक भोजपुरी फिल्म में बतौर स्क्रिप्ट राइटर काम किया। अजहर के सपने कुछ बड़े थे और इसी को साकार करने के लिये वह वर्ष 2005 में मुंबई आ गये जहां वह आफरीन फिल्म प्रोडक्शन में बतौर क्रियेटिव हेड के तौर पर काम करने लगे। लगभग पांच वर्षो तक मायानगरी मुंबई में रहने के बाद उन्हें वहां की चकाचौंध अजीब सी लगने लगी और अपने गृह जिले बिहार आ गये।इस दौरान उन्हें भोजपुरी फिल्म कलयुग के भाई अइसन होला में अभिनय का अवसर मिला ।

 

अपनी पहली ही फिल्म के जरिये वह दर्शकों के दिल में अमिट छाप छोड़ने में कामयाब हुये। बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले अजहर वर्ष 2012 में लोकप्रिय मनोरंजन चैनल दर्श से जुड़ गये और क्रियेटिव हेड के तौर पर काम करने लगे। इसी दौरान उनकी मुलाकात मशहूर पार्श्वगायिका मनीषा गौर से हुयी और दोनों शादी के अटूट बंधन में बंध गये। मनीषा के जोर देने पर अजहर ने एक बार फिर से गायिकी की दुनिया में कदम रख दिया और श्रोताओं का मनोरंजन करने लगे। इसके बाद जो कारंवा शुरू हुआ वह आज भी बदस्तूर जारी है। कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं।

 

इस बात को साबित कर दिखाया मनीषा गौर ने । पार्श्वगायिका आशा भोंसले को अपना आदर्श मानने वाली मनीषा गौर जब महज छह साल की थी तभी उनका रूझान संगीत की ओर हो गया।मनीषा ने बताया कि वह सतसंगी परिवार से जुड़ी है और उनके परिवार में संगीत कीर्तन हुआ करता था जिसे वह बड़े प्यार से सुना करती। मनीषा ने बताया कि बतौर गायिका अपने सपने को साकार करने के लिये उन्होंने प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से संगीत के क्षेत्र में छह वर्षीय कोर्स पूरा किया। वर्ष 2010 में मनीषा का गाया अलबम माई के अंगनवा जारी हुआ जो श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। मनीषा ने वर्ष 2010 में संगीत रियलिटी शो सारेगामापा में हिस्सा लिया लेकिन वह सफल नही रही हालांकि टॉप 10 में अपनी जगह बनाने में जरूर कामयाब रही। “मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है, हर पहलू ज़िन्दगी का इम्तेहान होता है। डरने वालो को मिलता नहीं कुछ ज़िन्दगी में, लड़ने वालो के कदमो में जहां होता है।

 

” वर्ष 2012 में मनीषा के अलबम पगलाल बाटे सारा बिहार ने धूम मचा दी।इसके बाद मनीषा ने अपने पति अजहर के साथ कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शिरकत किया और श्रोताओं का दिल जीत लिया। मनीषा अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपने पति अजहर हुसैन को देती है जिन्होंने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया है। मनीषा अपने पति की ओर देखते हुये गुनगुनाती है “ मिले हो तुम हमको बड़े नसीबों से , जिंदगी हर कदम एक नयी जंग है जीत जायेंगे हम अगर तुम संग हो , तुम साथ हो जब अपने दुनिया को दिखा देंगे , हम मौत को जीने का अंदाज सीखा देंगे ”

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martin

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