कोरोना की जंग में लोगो के बीच मसीहा बने मोहम्मद खालिद अजीम
पटना कोरोना महामारी के बीच बिहार में इस आपातकाल की स्थिति में गरीबों के लिए पटना के निवासी मोहम्मद खालिद अजीम मसीहा बने हुये हैं। उन्होंने लॉक डाउन के दौरान जमीनी स्तर पर जनता के बीच जाकर अनाज से लेकर राहत की हर एक सामग्री पहुंचाई है। मोहम्मद खालिद अजीम इस मुश्किल परिस्थिति में हर समुदाय के गरीबों के लिए बढ़-चढ़कर आगे आए हैं। उनके लिए समाज सेवा
मजहब से भी बड़ी दायित्व है। उन्होंने सभी संप्रदाय के लोगों से इस संकट की घड़ी में जरूरतमंदों के लिए आगे आने की अपील की। जिस तरीके से भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा सात वचनों में से एक वचन था
“अपने आसपास के गरीबों को भूखा नहीं सोने दे” , उसी वचन को पूरी बखूबी से मोहम्मद खालिद अजीम निभा रहे है। खालिद जैसे कई शख्स को आगे आने की जरूरत है, क्योंकि यह कोरोना की लड़ाई किसी संप्रदाय से नहीं बल्कि देश से हैं और देश ऐसे इंसान को सलाम करता है।
मोहम्मद खालिद के द्वारा जरूरतमंदों के लिए इस लॉकडाउन मे प्रतिदिन खाद्य सामग्री से मदद पहुंचाई जा रही है, इनका प्रयास है किसी जरूरतमंद व्यक्ति को इस संकट की घड़ी में भूखा नहीं सोने दे।
संकट के इस घड़ी में कई सामाजिक संगठन को आगे बढ़ चढ़कर गरीबों की मदद करने की आवश्यकता है। उनके द्वारा लगातार प्रशासन की मदद से कंकड़बाग थाने, दीघा थाना, परसा थाना, गांधी मैदान थाना, फुलवारी शरीफ थाना लगातार गरीबों के बीच अनाज का वितरण किया गया है, आगे इस lockdown मे यह लगभग थाना की सहायता से पटना जिले के हर क्षेत्र में इस मुहिम को जारी रखेंगे।इस संकट की घड़ी में सड़कों पर घूम रहे आवारा जानवरों के लिए भी मोहम्मद खालिद अजीम आगे आये है, इनके द्वारा जानवरों के लिए भी रोटी एवं खाने का वितरण किया जा रहा है।
शुरुआती लॉकडाउन के समय से ही यह शख्स अपने साथियों के साथ मिलकर खाद सामग्री की पैकिंग एवं भोजन बनाने का काम कर रहे हैं l इनका वितरण गरीबों के बीच डोर टू डोर तक जाकर किया जाता है।इन्होंने गरीबों के बीच यह आश्वासन जताया है कि जब तक लॉकडाउन समाप्त नहीं हो जाता और जब तक गरीबों की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं आ जाता ,तब तक वह और इनके टीम इस तरीके के नेक काम को करते रहेंगे और किसी गरीब को भूखा नहीं सोने देंगे।
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