News Entertainment

Movie Reviews धर्म की आड़ में आतंक के खेल का पर्दाफा़श करती है फिल्म ’72 हूरें’

Movie Reviews धर्म की आड़ में आतंक के खेल का पर्दाफा़श करती है फिल्म '72 हूरें'
Movie Reviews धर्म की आड़ में आतंक के खेल का पर्दाफा़श करती है फिल्म '72 हूरें'

Movie Reviews धर्म की आड़ में आतंक के खेल का पर्दाफा़श करती है फिल्म ’72 हूरें’

कलाकार : पवन मल्होत्रा, आमिर बशीर, सरू मैनी, राशिद नाज़, अशोक पाठक, नम्रता दीक्षित
निर्देशक : संजय पूरण सिंह चौहान
लेखक – अनिल पांडेय
निर्माता : गुलाब सिंह तंवर, किरण डागर, अनिरुद्ध तंवर
सह-निर्माता – अशोक पंडित
रेटिंग : 4 स्टार

इस देश में धर्म के नाम पर लोगों को बरगलाना और लोगों की धार्मिक भावनाओं को उकसाकर उसका बेजा फ़ायदा उठाना बेहद आसान काम है. धर्म की आड़ में लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाना और फिर उन्हें आतंक की राह पर ले जाकर उनसे मासूम लोगों का कत़्ल-ए-आम करवाना, ये सुनने में भले ही कितना ही अजीब क्यों ना लगता हो मगर यह इस देश की ऐसी हक़ीक़त है जिससे कतई मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है. इसी संजीदा विषय पर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक संजय पूरण सिंह चौहान ने बनाई है ’72 हूरें जो आपको भीतर तक झकझोर कर रख देगी.

ग़ौरतलब है कि दुनिया के कई देशों की तरह भारत भी एक अर्से से कट्टरता और आतंकवाद का शिकार रहा है. लेकिन लोगों को आतंकवादी कैसे बनाया जाता है? कैसे उनकी ब्रेनवॉशिंग की जाती है? कैसे धर्म के नाम पर युवाओं को बरगला कर उन्हें ख़ून-ख़राबा करने के लिए उकसाया जाता है? जवाब के रूप में ऐसे सभी सवालों की भयावह मगर वास्तविक तस्वीर पेश करती है फ़िल्म ’72 हूरें’.

फ़िल्म देखकर साफ़ समझ में आता है कि अनिल पांडेय द्वारा लिखित कहानी को पर्दे पर पेश करने के लिए गहरे शोध के साथ-साथ कितनी कड़ी मेहनत की गई है. फ़िल्म में धार्मिक कट्टरता को‌ जिस सशक्त अंदाज़ में पेश‌ किया गया है, वो आपके होश उड़ा देगा. फ़िल्म में दिखाये गये आतंक से जुड़े वाकये आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे कि आख़िर धार्मिक कट्टरता किस तरह इंसान को जानवर में तब्दील कर देती है कि वह मानव बम बनने से भी गुरेज़ नहीं करता है.

‘काफ़िरों‌’ को मारने की ज़िम्मेदारियों से लबरेज़ आतंकवादियों को मरने के बाद कैसे जन्नत नसीब होने और मरणोपरांत ’72 हूरों’ के साथ अय्याशी करने का लालच दिया जाता है, उसे फ़िल्म में बड़े ही बेबाक और बेलाग ढंग से पेश करने में निर्देशक संजय पूरण सिंह ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. निर्देशक ने फ़िल्म के हरेक सीन, हरेक फ़्रेम पर ख़ूब मेहनत की है और पर्दे पर उनकी कहानी कहने का दिलचस्प अंदाज़ दर्शकों के रौंगटे खड़े करने के लिए काफ़ी है.

अच्छी तरह से की गई ब्रेनवॉशिंग के बाद धर्म के नाम पर‌ आतंक की आग की झोंक दिये गये आतंकवादियों की भूमिकाओं में पवन मल्होत्रा और आमिर बशीर ने उम्दा काम किया है. पूरी फ़िल्म दोनों कलाकारों के इर्द-गिर्द घूमती है और दोनों ही कलाकारों ने अपने बेहतरीन अभिनय से फ़िल्म के स्तर को और ऊंचा उठा दिया है.

रिलीज़ से पहले विवादों में आई और फ़िल्म पर बैन लगाने की मांग के बीच आज देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई फ़िल्म ’72 हूरें’ को सिनेमाघरों में जाकर ज़रूर देखें. यह मात्र एक फ़िल्म नहीं, बल्कि अपने आस-पास घटित हो रही भयानक घटनाओं से जुड़ी वास्तविकता का ऐसा चित्रण है जिसे आसानी से भुलाया नहीं जा सकेगा.

About the author

Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.

1 Comment

Click here to post a comment