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प्रवासी मजदूरों को अत्मनिर्भर बनाएंगे सुनील कुमार सिंह

प्रवासी मजदूरों को अत्मनिर्भर बनाएंगे सुनील कुमार सिंह
प्रवासी मजदूरों को अत्मनिर्भर बनाएंगे सुनील कुमार सिंह

प्रवासी मजदूरों को अत्मनिर्भर बनाएंगे सुनील कुमार सिंह


पटना 02 जून कामर्स के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान जेनिथ कामर्स एकाडमी के डायरेक्टर सुनील कुमार सिंह ने बिहार के प्रवासी मजदूरों को अत्मनिर्भर बनाने का निर्णय लिया है। अपने मुल्क, अपनी नगरी, अपने लोगों से दूर होते हुए भी प्रवासी अपनी धड़कन में सभी को महसूस करते हैं। दोस्तों संग बिताए पल, अपनों संग
खट्टी-मीठी यादें सदा दामन थामे रहती हैं। प्रवासी मजदूर चार पैसे कमाने के लिए घर- परिवार गांव में छोड़ दूर शहरों में जा बसे थे। कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन में कंपनियां, फैक्ट्री और कारखाने बंद हुए तो यह भी बेबस हो गए। जब सब्र ने दम तोड़ दिया तो पैदल ही अपने घरौंदों की ओर चल दिए और अब वापस अपने घर लौट आये हैं। लॉकडाउन के कड़वे अनुभवों को भुलाने में अभी वक्त लगेगा, लेकिन अपनी जमीं पर लौटने की खुशी को शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। देश के तमाम राज्यों से लौटे प्रवासियों के चेहरों को पढ़ने से यह बात साफ भी हो रही है। उदास चेहरों पर घर वापसी का नूर झलक रहा है।प्रवासी मजदूर अपने घर तो लौट आये हैं लेकिन उनके लिये फिर से दो जून की रोटी का संघर्ष एकाएक नए संघर्ष में बदल गया। गांव में अपनों के बीच सुकून तो है, लेकिन फिर वही रोजी-रोटी की चिंता।


जेनिथ कामर्स एकाडमी ने प्रवासी मजदूरों को आत्मनिर्भर बनाते हुये उन्हें उनके ही गांव में रोजगार देने का निश्चय किया है। उन्होंने कहा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत गांवों में बसता है। उन्होंने वर्षों पहले ग्रामीण भारत की अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाने पर जोर दिया था, लेकिन आधुनिकता के बदलते स्वरुप के बीच बापू की बात पर भी वक्त की गर्द चढ़ती चली गई। आज एक बार फिर कोरोना ने इस धूल को झाड़ दिया है। इन दिनों प्रवासी मजदूरों की हमवतन वापसी का जो दौर है, उसने सिद्ध कर दिया है कि गांव ही देश का मूल आधार हैं। सुनील कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना विपत्ति काल में कई सारे लोगों ने निस्वार्थ भाव से गरीब मजदूरों की सेवा की है। कोरोना_वायरस का खतरा अभी कम या खत्म नहीं हुआ है। बिहारी प्रवासी मजदूरों के सामने रोजगार एक बड़ी समस्या हो गई है ऐसे मजदूरों को उत्पादन से बिक्री तक प्रशिक्षित कर उन्हें स्वावलंबी बनाने की मुहिम में हम काम करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शुरूआती दौर में हम अपनी कर्मभूमि पटना ,पैतृक गांव मधेपुरा और जन्मभूम हजारीबाग में स्टार्टअप की शुरूआत कर रहे हैं। मजदूरों को उनके घरों में रोजगार मिलने पर न सिर्फ वह आत्मनिर्भर बनेंगे बल्कि उनकी रोजी-रोटी का संकट भी दूर होगा।

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Ankit Piyush

Ankit Piyush is the Editor in Chief at BhojpuriMedia. Ankit Piyush loves to Read Book and He also loves to do Social Works. You can Follow him on facebook @ankit.piyush18 or follow him on instagram @ankitpiyush.

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