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ANKIT PIYUSH
मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में खास पहचान बना चुके है सिद्धार्थ सिंह
बंदे है हम उसके हम पर किसका जोर | उम्मीदो के सूरज, निकले चारो और ||
इरादे है फौलादी, हिम्मती है कदम ||| अपने हाथो किस्मत लिखने आज चले है हम।
जाने माने कोरियोग्राफर और मॉडल सिद्धार्थ सिंह मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में अपनी खास पहचान बना चुके हैं लेकिन उन्हें इस कामयाबी को पाने के लिये अथक परिश्रम का सामना भी करना पड़ा है। बिहार की राजधानी पटना में जन्में सिद्धार्थ सिंह के पिता श्री जीतेन्द्र सिंह और मां श्रीमती शीला देवी घर के सबसे छोटे लाडले बेटे को उच्चाधिकारी बनाने का ख्वाब देखा करती थी। बचपन के दिनों से ही सिद्धार्थ की रूचि गीत-संगीत और अभिनय की ओर थी और वह स्टार बनने का सपना देखा करते । सिद्धार्थ स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अभिनय किया जिसके लिये उन्हें काफी सराहना मिली।
वर्ष 2009 में इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद सिद्धार्थ उच्च शिक्षा के लिये दिल्ली चले गये जहां उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की। सिद्धार्थ यदि चाहते तो दिल्ली में नौकरी कर सकते थे लेकिन वह अपने राज्य बिहार के लिये कुछ करना चाहते थे और अपनी जन्मभूमि बिहार को कर्मभूमि मानते हुये वर्ष 2012 में राजधानी पटना आ गये।
जुनूँ है ज़हन में तो हौसले तलाश करो
मिसाले-आबे-रवाँ रास्ते तलाश करो
ये इज़्तराब रगों में बहुत ज़रूरी है
उठो सफ़र के नए सिलसिले तलाश करो
अर्जुन रामपाल और जॉन अब्राहम से प्रभावित रहने के कारण सिद्धार्थ मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में अपना नाम रौशन करना चाहते थे । सिद्धार्थ ने खुद से ही अपनी ग्रुमिंग शुरू की। जाने माने कोरियोग्राफर और उनके चचेरे भाई जॉनी सिंह और मनीष चंद्रेश ने उन्हें सपोर्ट किया। इसी दौरान उन्हें राजधानी पटना में हुये फैशन शो ब्रांड कॉब इटली में दिल्ली के जाने माने मॉडल्स के साथ रैप वाक करने का अवसर मिला जिसके लिये उन्हें काफी सरहाना मिली।
वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमाँ
हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है
वर्ष 2012 में सिद्धार्थ ने राजधानी पटना में हुये मॉडलिंग हंट शो देव एंड दिवा सीजन 03 में हिस्सा लिया। कहते हैं अगर किसी चीज को दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की साजिश में लग जाती हैं। सिद्धार्थ ने विजेता का ताज अपने नाम कर लिया। सिद्धार्थ मॉडलिंग शो में भले विजेता बन गये लेकिन उनकी आंखो में कुछ बडे सपने थे। सिद्धार्थ का मानना है कि
बेहतर से बेहतर कि तलाश करो मिल जाये नदी तो समंदर कि तलाश करो
टूट जाता है शीशा पत्थर कि चोट से
टूट जाये पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो
सिद्धार्थ बिहार की प्रतिभाओं को आगे लाना चाहते थे और इसी को देखते हुये उन्होंने वर्ष 2013 में खुद की कंपनी हंक एंड एंजल्स मॉडल मैनेजमेंट की स्थापना की। कंपनी के जरिये सिद्धार्थ ने बिहार की प्रतिभाओं को आगे ले जाने का काम शुरू किया। अपनी कंपनी के जरिये सिद्धार्थ ने मॉडलिंग हंट शो के विजेताओं और जो अछे मॉडल्स थे उनको वैश्विक मंच पर ले जाना शुरू किया। इनमें मिस मैक्सिम फर्स्ट रनर अप इशित यामिन , बॉलीवुड अभिनेता तेजस्वी लव ,राजन सिंह, नीतीश सिंह और मॉडल-अभिनेत्री दिव्या राज समेत कई अन्य शामिल हैं। |
जुनूँ है ज़हन में तो हौसले तलाश करो
मिसाले-आबे-रवाँ रास्ते तलाश करो
ये इज़्तराब रगों में बहुत ज़रूरी है
उठो सफ़र के नए सिलसिले तलाश करो
सिद्धार्थ ने वर्ष 2013 में मॉडलिंग हंट शो की कोरियोग्राफी भी शुरू कर दी। इनमें रेडियो मिर्ची यूथ फेस्टिबल के तीन सीजन , दिल्ली में हुये इंडिया फैशन फेस्ट , बिहटा के एनएसआईटी कॉलेज और वर्धमान इंस्टीच्यूट पावापुरी आदि शामिल है। सिद्धार्थ की फैशन के प्रति समझ को देखते हुये उन्हें कई मॉडलिंग हंट शो में जज बनने का भी अवसर मिला है। सिद्धार्थ आज मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में कामयाबी की बुलंदियों पर है। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता ,भाई के साथ ही अपने शुभचिंतको को भी देते है जिन्हें हर कदम उन्हें सपोर्ट किया है।सिद्धार्थअपनी सफलता का मूल मंत्र इन पंक्तियो में समेटे हुये हैं .
ज़िन्दगी हसीं है ज़िन्दगी से प्यार करो
हो रात तो सुबह का इंतज़ार करो
वो पल भी आएगा जिस पल का इंतज़ार है आपको
बस खुदा पे भरोसा और वक़्त पे ऐतबार करो