सिर्फ एक रोटी के लिए
हर इंसान सुबह उठता है,
सिर्फ एक रोटी के लिए।
सारे काम निपटाता है,
सिर्फ एक रोटी के लिए।
काम पर सरपट जाता है,
सिर्फ एक रोटी के लिए ।
गाली-गलौज,डांट-फटकार,धक्का-मुक्की सह जाता है,
सिर्फ एक रोटी के लिए….।
अमीर हो या गरीब ,
सब रोटी ही कमाने जाते है।
महान हो या तुच्छ ,
सब गेंहू की रोटी ही खाते है।
छल कपट किये जाते है,
सिर्फ एक रोटी के लिए।
भाई-भाई से लड़ जाता है,
सिर्फ एक रोटी के लिए।
अपराध भी किये जाते है,
सिर्फ एक रोटी के लिए।
अपना भी पराया हो जाता है,
सिर्फ एक रोटी के लिए
सिर्फ एक रोटी के लिए…
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